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Ayurveda Plants: आयुर्वेद के ये पौधे कई बिमारियों का है काल जानें

Deepa Sahu
2 Jun 2024 8:29 AM GMT
Ayurveda Plants: आयुर्वेद के ये पौधे कई बिमारियों का है काल  जानें
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Ayurveda Plants: आयुर्वेद में एलोवेरा के पौधे को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बॉटनी के विभागाध्यक्ष एवं आयुर्वेदिक पौधों के एक्सपर्ट एलोवेरा के माध्यम से जो जेल निकलता है. अगर उसको त्वचा पर उपयोग किया जाए. तो गर्मी के दौरान विभिन्न प्रकार की जो त्वचा में शिकायत देखने को मिलती है. उससे समाधान होगा. हालांकि वह कहते हैं कि इसकी ऊपरी परत लोगों के लिए नुकसानदायक होती है. सिर्फ इसके अंदर जो वाइट जेल होता है, उसका ही उपयोग किया जाए.
आयुर्वेद में पुदीना की पत्तियों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. इसके अंदर विटामिन ए, विटामिन सी विटामिन बी कांप्लेक्स सहित विभिन्न प्रकार के प्रोटीन पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी बेहतर होते हैं. ऐसे में अगर आप पुदीने की चटनी का उपयोग प्रतिदिन अपने खाने के साथ करेंगे, तो उससे गर्मी के मौसम में उल्टी, दस्त सहित सहित अन्य प्रकार की जो समस्याएं देखने को मिलती है, उससे काफी राहत मिलेगी.
गर्मी के सीजन में पेट से संबंधित काफी समस्या लोगों को हो जाती है. ऐसे में अगर आप बेलपत्र की पत्तियां या फिर इसके फल का उपयोग करने लगे, तो पेट से संबंधित हर प्रकार की समस्या का समाधान होगा. आयुर्वेद के अनुसार इसमें विभिन्न प्रकार के प्रोटीन और विटामिन सी पाया जाता है. जो गर्मी में स्वास्थ्य को बेहतर रखने में काफी उपयोगी होता है.
बदलते दौर में जिस तरीके से अब लोगों की हड्डियां काफी कमजोर हो हो रही हैं. हल्की सी घटना में ही Boneमें फैक्चर होने की संभावना हो जाती है. ऐसे में अगर प्रतिदिन सुबह के समय केले का उपयोग करना शुरू कर दें. इससे हड्डियां मजबूत होती हैं. क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है. साथ ही केले की पत्तियों की बात करें, तो उसमें नेचुरल आयरन रिसोर्स पाया जाता है. इसकी पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं. साथ ही इसकी पत्तियों पर खाना खाने से आयरन की पूर्ति होती है. इसकी पत्तियों का लेप फंगल से संबंधित समस्याओं के लिए त्वचा पर भी लगाया जा सकता है.
पपीते के फल की बात की जाए तो यह पेट के लिए काफी लाभदायक होता है. डॉक्टर भीeat papaya के लिए मरीजों को बताते हैं. अगर इसकी पत्तियों की बात की जाए तो इसमें भी काफी तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं. डेंगू के समय प्लेटलेट को संतुलित करने में इसकी पत्तियों का रस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हालांकि इसकी पत्तियां हृदय व बीपी रोगियों के लिए नुकसानदायक होती हैं.
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