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न्यूज़ क्रेडिट: jagran
माइग्रेन एक तरह की न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें सिरदर्द के साथ कई और लक्षण भी परेशान कर सकते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। माइग्रेन एक तरह की न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें सिरदर्द के साथ कई और लक्षण भी परेशान कर सकते हैं। इसमें रह-रह कर सिर में एक तरफ तेज़ चुभन भरा दर्द होता है। ये कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक रह सकता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक, मतली, उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
इसके लक्षणों को दवाओं और कुछ तरह के फूड्स की मदद से ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ आयुर्वेदिक उपाय भी हैं, जो दर्द से आराम दिला सकते हैं। इसमें भीगी हुई किशमिश, इलायची वाली चाय और गाय का घी शामिल है, जो माइग्रेन के दर्द को शांत करने का काम करता है।
तो आइए जानें ऐसे 3 फूड्स के बारे में जो न सिर्फ आसानी से उपलब्ध होते हैं, बल्कि माइग्रेन से राहत भी दिलाते हैं।
1. भीगी हुई किशमिश
आप हर्बल टी को सुबह सबसे पहले पी सकते हैं और फिर उसके बाद 10-15 भिगोई हुई किशमिश खा सकते हैं। इससे आपके माइग्रेन के लक्षणों में फौरन आराम मिलेगा। अगर इसे लगातार 3-4 महीनों तक पिया जाए, तो इससे एसिडिटी, मतली, सिर दर्द, गर्मी बर्दाश्त न होना जैसे लक्षणों से भी आराम मिल सकता है।
2. ज़ीरे और इलायची की चाय
इस चाय को आप लंच या डिनर के एक घंटे बाद ले सकते हैं या फिर जब भी माइग्रेन के लक्षण परेशान करें। इसे बनाना काफी आसान है। आधा गिलास पानी में एक चम्मच ज़ीरा, एक इलायची डालें और 3 मिनट तक उबालें। फिर इसे छानकर पी लें। यह हर्बल चाय मतली और तनाव से राहत दिलाने का काम भी करती है। इसे आप रात में सोने से पहले भी पी सकती हैं।
3. गाय का घी
शरीर और दिमाग में अतिरिक्त पित्त को संतुलित करने के लिए गाय के घी से बेहतर और कुछ नहीं है। घी को आप कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे रोटी में लगाकर , चावल के साथ मिलाकर या फिर घी में ही सब्ज़ी पकाई जा सकती है। रात में सोने से पहले दूध के साथ घी का सेवन किया जा सकता है।
4. औषधियां जो मदद कर सकती हैं
ब्राह्मी, शंखपुष्पी, यस्तिमधु आदि जैसी कुछ जड़ी-बूटियों को घी के साथ लेने से माइग्रेन में आराम मिल सकता है। माइग्रेन के लक्षणों को शांत करने के लिए आप दवाओं की जगह प्राकृतिक चीज़ों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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