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लाइफ स्टाइल
ये 10 आदतें बन रही हैं हड्डियों के लिए धीमा जहर, कम उम्र में ही बना देगी आपको असहाय
SANTOSI TANDI
13 Sep 2023 8:23 AM GMT
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कम उम्र में ही बना देगी आपको असहाय
बिना हड्डियों के हमारा शरीर आटे की लुगदी के समान होगा। शारीरिक संरचना और संतुलन को बेहतर बनाए रखने के लिए हड्डियों का स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक माना जाता है। आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं क्योंकि हड्डियां पतली होती जाती हैं और उनका घनत्व भी कम होने लगता है। लेकिन आजकल यह समस्या कम उम्र में भी देखने को मिल रही हैं। जी हां, आजकल लोग लाइफस्टाइल से जुड़ी इतनी गलतियां कर रहे हैं कि कम उम्र के युवा और कई बार छोटे बच्चे भी हड्डियों से जुड़ी बीमारी का शिकार होते जा रहे हैं। हड्डियों के कमजोर होने के पीछे जब कोई ठोस कारण नहीं होता तो हमारी कुछ बुरी आदतें इसकी वजह होती हैं। आज हम आपको उन्हीं आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें जितना जल्दी हो सकें बदल लें क्योंकि ये आपकी हड्डियों के लिए धीमे जहर के समान हैं। आइये जानते हैं इन आदतों के बारे में...
ज्यादा नमक का सेवन
इसके अलावा बहुत ज्यादा नमक भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि ज्यादा नमक खाने से भी आपके शरीर में हड्डियों कमजोर होने लगती है। माना जाता है कि बहुत ज्यादा नमक वाला खाना खाने से हड्डियों की बोन डेंसिटी कम हो सकती है। नमक में मौजूद सोडियम कैल्शियम को शरीर में कम करता है। इसलिए खाने में नमक केवल स्वादानुसार या हल्का कम ही होना चाहिए।
जरूरत से ज्यादा प्रोटीन का सेवन
ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि शरीर में जितना ज्यादा प्रोटीन होगा उतना ज्यादा हेल्दी रहेंगे। परंतु आपको बताएं कि इस अवधारणा की वजह से हम शरीर की आवश्यकता से ज्यादा प्रोटीन का सेवन करना शुरू कर देते हैं। हालांकि, एक उचित मात्रा में प्रोटीन का सेवन सेहत के लिए अच्छा होता है परंतु इसकी अधिकता हड्डियों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। असल में जरूरत से ज्यादा प्रोटीन होने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम होने लगती है, जिस वजह से हड्डियों को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता और इनके प्रभावित होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
ज्यादा कैफीन का इस्तेमाल
कॉफी लवर्स को ये बात परेशान कर सकती है, लेकिन शरीर में ज्यादा कैफीन की मात्रा हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकती है। कॉफी और चाय के अलावा कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स में भी कैफीन पाए जाते हैं। हाई कैफीन के इस्तेमाल से शरीर कैल्शियम को ठीक से अब्सॉर्ब नहीं कर पाता, जिससे हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है।
स्मोकिंग
जब आप रोजाना सिगरेट के धुएं में सांस लेते हैं, तो आपका शरीर नए हेल्दी हड्डी के ऊतकों को आसानी से नहीं बना सकता है। जितना ज्यादा समय तक आप धूम्रपान करते हैं, यह उतना ही खराब होता जाता है। अगर आप स्मोकिंग छोड़ देते हैं, तो ब्रेक होने का जोखिमों कम हो सकता है और हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार हो सकते हैं, हालांकि इसमें कई साल लग सकते हैं।
शराब पीने की आदत
दोस्तों के साथ पार्टी करना और शराब पीना भले ही मजेदार लगता हो, लेकिन यह हड्डियों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। अल्कोहल कैल्शियम को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता में बाधा डालता है, जिससे वे कमजोर होते चले जाते हैं। इसके अलावा अल्कोहल बोन रीमॉडेलिंग को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे बोन डेंसिटी में कमी आ सकती है।
मजबूत हड्डियों के लिए धूप में बैठना बेहद जरूरी है। बिजी शेड्यूल के कारण कुछ लोग धूम में समय नहीं बिताते हैं, जिससे उन्हें पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिलता है, जो हड्डियों को कमजोर बनाता है। मजबूत हड्डियों के लिए सुबह के समय धूप में कुछ समय बिताएं और इसी के साथ डायट में भी विटामिन वाली चीजों को शामिल करें।
लगातार बैठे रहना
घंटों तक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठे रहने से मांसपेशियां स्थिर हो जाती हैं और अचान उठने और हिलने के लिए हड्डियों को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है। ऐसा हर रोज करने से समय के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसलिए मजबूत और स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने के लिए नियमित कसरत और काम के बीच में कुछ मिनट का ब्रेक जरूरी है। इसके लिए वॉकिंग, रनिंग या फिर वेट लिफ्टिंग और स्ट्रेचिंग जैसी आदतें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
एक्सरसाइज न करना
अक्सर लोगों को आदत होती है कि खाना खाया और बिस्तर पर लेट गए। लेकिन जो खाना आप खा रहे हैं उसे बाहर भी तो निकलना है। एक्सरसाइज के माध्यम से शरीर से पसीना निकलता है जिससे हानिकारक पदार्थ शरीर से बाहर निकलते हैं और आपकी त्वचा निखरती है। एक्सरसाइज केवल त्वचा के लिए ही नहीं बल्कि हड्डियों कि मजबूती के लिए भी बहुत जरूरी है। डॉक्टर का कहना है कि एक्सरसाइज नहीं करने से मासपेशियों में जल्दी एजिंग होने लगती है।
जरूरत से ज्यादा कम वजन
एक उचित वजन मेंटेन करना हेल्दी है, परंतु जरूरत से ज्यादा वजन कम कर लेना आपकी समग्र सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। खासकर यह हड्डियों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। अंडरवेट होने की स्थिति ओस्टियोपोरोसिस की संभावना को बढ़ा देती हैं। साथ ही हड्डियों के फ्रैक्चर होने और बोन लॉस होने की संभावना भी काफी ज्यादा होती है। यदि आप अंडरवेट हैं, तो उचित डाइट और एक्सरसाइज के साथ अपने वेट को मेंटेन रखने की कोशिश करें।
स्ट्रेस लेना
जब व्यक्ति तनावग्रस्त होता है, तो शरीर कोर्टिसोल नाम का हार्मोन रिलीज करता है, जो हड्डियों को रीबिल्ड करने में बाधा डालता है। पुराने तनाव से हड्डियों की डेंसिटी भी कम होने लगती है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगली बार जब आप तनावग्रस्त हों, तो योग करें या फिर गहरी सांस लेकर अपने दिमाग को आराम देने की कोशिश करें।
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