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बहरेपन की समस्या हल्के लक्षणों वाले रोग में भी हो सकती है

HARRY
25 April 2023 5:26 PM GMT
बहरेपन की समस्या हल्के लक्षणों वाले रोग में भी हो सकती है
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जिसे अचानक बहरापन भी कहा जाता है वो......

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हल्के लक्षणों वाले रोग में भी हो सकती है बहरेपन की समस्या, पीड़ित ने साझा किया अनुभव


कोरोनावायरस, संक्रमण के दौरान और बाद में भी शरीर में कई प्रकार की समस्याओं का कारण बन रहा है। संक्रमण के दौरान जहां लोगों में गंभीर रोग विकसित होने का जोखिम देखा गया, वहीं लॉन्ग कोविड की स्थिति में 6 महीने से एक साल तक भी लोगों में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं बनी हुई रिपोर्ट की जा रही हैं। अब तक के कई अध्ययनों से स्पष्ट होता है कि कोरोनावायरस हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क की क्षमता को प्रभावित कर के इससे संबंधित रोगों को बढ़ाने वाला हो सकता है, इसी से संबंधित एक हालिया शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि संक्रमितों में यह वायरस सुनने की क्षमता को भी प्रभावित कर रहा है।

एक अध्ययन के अनुसार कोविड-19 संक्रमण अचानक बहरेपन या श्रवण हानि का खतरा बढ़ा सकता है, यह दिक्कत हल्के लक्षण वाले लोगों में भी देखी गई है। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि सडेन सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस (SSNHL) जिसे अचानक बहरापन भी कहा जाता है, यह कोविड-19 का एक साइड-इफेक्ट हो सकता है, हालांकि इसके बारे में ज्यादा चर्चा नहीं होती है। इसे सामान्य लक्षणों के रूप में भी सूचीबद्ध नहीं किया गया है, हालांकि कई लोगों में इस तरह की दिक्कत देखी गई है।


पीड़ित ने रिपोर्ट में बताया अपना अनुभव

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया में नर्सिंग लेक्चरर किम गिब्सन ने अपने अनुभवों के बारे में बताया है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में गिब्सन कहती हैं, साल 2022 में उन्हें कोरोना के हल्के लक्षणों वाला संक्रमण हुआ जो कुछ दिनों में ठीक भी हो गया, हालांकि इसके कई हफ्तों के बाद उन्हें अक्सर चक्कर आने और टिनिटस (कान बजने) के साथ-साथ एक कान से कम सुनाई देने की समस्या होने लगी।

जांच के दौरान डॉक्टरों ने सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस की पुष्टि की और इसके लिए कोरोना वायरस के संक्रमण को कारण माना गया।


कोविड-19 के दुष्प्रभाव

लक्षण के आधार पर डॉक्टरों ने कुछ दवाएं निर्धारित कीं जिसके बाद कुछ महीनों में गिब्सन को धीरे-धीरे सुनाई देने में सुधार होने लगा, हालांकि टिनिटस की समस्या बनी रही। गिब्सन कहती हैं, कोविड-19 अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रभाव अब भी देखे जा रहे हैं, यह सुनने की क्षमता को भी प्रभावित करता है जिसके लक्षणों पर भी गंभीरता से ध्यान देते रहने की आवश्यकता है।


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