लाइफ स्टाइल

बालकनी में पौधे लगाते समय बरते ये सावधानियां

SANTOSI TANDI
27 Aug 2023 11:27 AM GMT
बालकनी में पौधे लगाते समय बरते ये सावधानियां
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बरते ये सावधानियां
हर किसी की यही ख्वाइश होती है की उसके घर में छोटी सी बालकनी हो जिसमे अपने मनपसन्द पौधो लगाये।लेकिन अक्सर ही पाया गया है की आपकी हरी भरी बालकनी अचानक से सुख जाती है। ऐसा होने की सिर्फ एक ही वजह है कि पौधो को लगाते समय कोई न कोई गलती हुई है जिसकी वजह से आपकी बालकनी सुख गई है। ऐसे में अगर आप भी अपने बालकनी को फिर हर भरा रखना चाहते है तो बस जरूरत है थोड़े से ख्याल रखने की। आज हम आपको बालकनी को हर भरा रखने के तरीके के बारे में बतायेंगे जिसकी मदद से आप अपनी बालकनी को स्वच्छ, सुंदर और हरी भरी रख सकती है। तो आइये जानते है इस बारे में...
अक्‍सर ऐसा होता है कि बालकनी को सुंदर बनाने के चक्‍कर में लोग छोटे-छोटे गमलों का ढेर लगा लेते हैं। इससे खूबसूरती तो नही बढती है, अलबत्‍ता पौधों का पूर्ण विकास नहीं हो पता है। ऐसी स्थिति में कोई भी पौधा अपनी वास्‍तविक ग्रोथ नहीं कर पाता है और उसकी खूबसूरती अधूरी ही रह जाती है। गमलों का ढेर लगाने से बेहतर है कि कुछ बड़े आकार के गमले रखे जाएं, जिससे पौधों को बढ़ने के लिए पूरी जगह मिल सके।
गमलों का सही चयन किया जाना बेहद जरूरी है। एकबार पौधे को उसमें लगा देने के बाद उसका विकास गमले के आकार पर निर्भर करता है। गमले के निचले भाग में पानी सुराख होना चाहिए, जिससे अतिरिक्‍त पानी आसानी से बाहर चला जाए। इसके साथ ही गमले में भरी जाने वाली मिट्टी का सही चुनाव किया जाना बेहद महत्‍वपूर्ण है। गमले में मिट्टी भरभरी होनी चाहिए न की ठूंस-ठूंसकर।
गार्डन को हरा-भरा बनाए रखने के लिए सही पौधे का चयन किया जाना भी महत्‍वपूर्ण है। पौधे का चयन करने से पूर्व बालकनी का अच्छी तरह से नि‍रीक्षण कर लेना चाहिए।
पौधे लगाने के बाद उसमें पानी देते रहना एक निश्चित प्रक्रिया है। गमलों में लगे ज्‍यादातर पौधे पानी की कमी या फिर उसके अत्‍यधिक मात्रा में होने की वजह से सड़ जाते हैं। कई बार तो लोग नियमित रूप से पौधों में पानी देना ही भूल जाते हैं या फिर कई बार इतना पानी डाल देते हैं कि पौधे की जड़ें ही सड़ जाती हैं। पौधे के लिए दोनों ही स्थिति बुरी है।
सही कीटनाशक का चुनाव न करने की स्थिति में भी पौधा सूख जाता है। कई बार ऐसा भी होता है कि पौधे में कोई रोग लग जाता है और सही समय पर उसका पता नहीं चल पाता है, जिससे पौधा सूख जाता है। इसलिए ये जरूरी है कि पौध की देखरेख की जाती रहे और संदेह होने पर किसी विशेषज्ञ से सलाह ली जाए।
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