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कोविड-19 के बाद की दुनिया में एक अच्छी चीज़ यह नजर आ रही है कि लोग अपनी फिटनेस को लेकर अब ज्यादा सीरियस हो गए हैं
जनता से रिश्ता वेबडेसक | कोविड-19 के बाद की दुनिया में एक अच्छी चीज़ यह नजर आ रही है कि लोग अपनी फिटनेस को लेकर अब ज्यादा सीरियस हो गए हैं खासकर यंगस्टर्स। हालांकि, इस दौरान उन्हें सप्लीमेंट्स, स्टेरॉयड्स वगैरह लेने से बचना चाहिए और खुद को फिट बनाने के लिए इन कुछ बेसिक बातों को अपने माइंड में रखकर मेहनत करनी चाहिए।
एंजॉय करना है सबसे जरूरी
अगर हम कोई काम दिल से करते हैं तो उसे करने में मजा आता है और वह काफी आसान भी लगता है। अगर आप बॉडी बिल्डिंग को पूरी तरह एंजॉय करते हैं तो यह आपको हर तरह के स्ट्रेस और मेंटल प्रेशर से दूर रखेगा। स्ट्रेस बॉडी पर काफी बुरा असर डालता है और इसे कमजोर बनाता है। बॉडी बिल्डिंग करने के लिए कुछ बहुत बड़ा करने की जरूरत नहीं है, आपको केवल थोड़ी ज्यादा मेहनत करने की जरूरत होगी।
वेटलिफ्टिंग के हैं फायदे
स्ट्रॉन्ग मसल्स बनाने में वेटलिफ्टिंग काफी मददगार है। इसे हफ्ते में 3-5 बार करने से बॉडी को एनाबॉलिक बूस्ट मिलता है, जो मसल्स बढ़ने में मदद करता है। अपने ट्रेनिंग रूटीन में मल्टी-जॉइंट मूवमेंट्स जैसे बैंच-प्रेस, पुश-अप्स, बारबेल-स्क्वाट्स, बारबेल-डेडलिफ्ट्स, डंबल शोल्डर प्रेस वगैरह शामिल करें क्योंकि केवल अलग-अलग एक्सरसाइज जैसे कि बाईसेप्स और ट्राइसेप्स करने से बॉडी बेहतर नहीं बनेगी।
डाइट का भी है अहम रोल
आपको ऐसे खाने का सेवन करना चाहिए जिसमें प्रोटीन, हेल्दी कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट शामिल हों। इसके साथ ही उनमें कई और न्यूट्रिएंट्स जैसे पोटैशियम, कॉपर, कैल्शियम, ऑयरन, विटामिन वगैरह होने चाहिए। वजन घटाना और बढ़ाना आपके ऊपर डिपेंड करता है। अगर आप खाने में कैलोरीज़ कम लेते हैं तो उससे वजन कम होता है। बॉडी बिल्डिंग के दौरान कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन मेन माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो मसल्स बढ़ाने में मदद करते हैं। कार्बोहाइड्रेट से वर्कआउट करने से कैपेसिटी बढ़ती है और यह प्रोटीन रिकवरी में भी मदद करता है।
मिस न करें अच्छी नींद
बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो एक्सरसाइज तो ज्यादा करते हैं लेकिन ठीक से आराम नहीं करते। उनके लिए यह चिंता की वजह बन सकता है क्योंकि बॉडी का ओवरऑल डेवलपमेंट तभी होता है जब उसे सही तरह से आराम मिल रहा हो। आपको जब भी थकान महसूस हो, आराम करें। रोज रात में कम से कम 7 से 9 घंटे सोना चाहिए। सोते वक्त बॉडी ज्यादा रिलैक्स होती है।
हो रहे बदलावों पर रखें नज़र
बॉडी वेट और बॉडी में हो रहे बदलावों पर नजर रखें। ज्यादा वजन न बढ़ाएं। हर शख्स में वजन बढ़ाने की अपनी कैपेसिटी होती है, लेकिन आमतौर पर आप 1-2 पाउंड वजन हर महीने बढ़ा सकते हैं। बॉ़डी बिल्डिंग के दौरान कुछ फैट बढ़ना आम बात है। पर आप अगर जल्दबाजी में वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो इससे बॉडी में एक्स्ट्रा फैट बढ़ने के चांस बढ़ जाते हैं। फैट बढ़ने से स्ट्रेस, डिप्रेशन, हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल, हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लम्स, सुस्ती वगैरह जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
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