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स्‍टडी:15-20 मिनट सूरज की रौशनी हैपी हॉर्मोन्‍स रिलीज करती है

Teja
11 July 2022 7:30 AM GMT
स्‍टडी:15-20 मिनट सूरज की रौशनी हैपी हॉर्मोन्‍स रिलीज करती है
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सूरज की रौशनी हमारी आंखों और रेटिना के जरिए सीधे मस्तिष्‍क के उस हिस्‍से को प्रभावित करती है, जहां सेरोटोनिन का निर्माण होता है, जो कि एक हैपी हॉर्मोन है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हालांकि कभी- कभी ये पढ़कर जरूर अचंभा होता है कि 2021 में भी दुनिया के बड़े साइंस और मेडिसिन सेंटर इस तरह के शोध क्‍यों कर रहे हैं, जो हाथ कंगन को आरसी क्‍या जैसी बात है. सूरज की रौशनी की जिंदगी में कितनी अहम भूमिका है, ये सच से कौन वाकिफ नहीं. लेकिन वैज्ञानिक फिर भी रोज इन विषयों के नए-नए पहलुओं पर स्‍टडी करते रहते हैं.

अमेरिकन जनरल ऑफ मेडिसिन में हाल ही में एक पेपर प्रकाशित हुआ है, जो कहता है कि दिन में 15 से 20 मिनट भी अगर कोई सूरज की रौशनी में बैठता है तो इसका सीधा असर उसकी नींद की गुणवत्‍ता पर पड़ेगा. मतलब कि सूरज की रौशनी का संबंध सिर्फ विटामिन डी से नहीं, बल्कि हमारी नींद की क्‍वालिटी से भी है.
यह स्‍टडी कहती है कि यदि आपके कमरे का डायरेक्‍शन ऐसा है कि वहां सुबह सीधे धूप और रौशनी आती है तो आप बेहतर मूड के साथ उठेंगे और दिन भर ज्‍यादा सकारात्‍मक महसूस करेंगे. डॉ. मार्क हाइम लिखते हैं कि सूरज की रौशनी हमारी आंखों और रेटिना के जरिए सीधे मस्तिष्‍क के उस हिस्‍से को प्रभावित करती है, जहां सेरोटोनिन का निर्माण होता है.
सेरोटोनिन एक हैपी हॉर्मोन है, जिसका सीध संबंध हमारी खुशी से है. डॉ. हाइम कहते हैं कि जिसे हम मूड का उतार-चढ़ाव समझ रहे होते हैं, जैसेकि कभी खुश तो कभी उदास होना, कभी अच्‍छा तो कभी बुरा महसूस करना, वो मन के भीतर का कोई झोल नहीं है. मूड का सीधा संबंध शरीर में रिलीज हो रहे हॉर्मोन्‍स से है. अगर आसपास की एक्टिविटी हैपी हॉर्मोन रिलीज करती है तो हम अच्‍छा और खुश महसूस करेंगे. अगर आसपास की कोई भी एक्टिविटी कॉर्टिसॉल रिलीज करती है, जो कि एक स्‍ट्रेस हॉर्मोन है तो जाहिरन हम नकारात्‍मक और दुखी महसूस करेंगे.
अमेरिकन जनरल ऑफ मेडिसिन में छपा पेपर इस बात की ओर इशारा करता है कि कैसे सूरज के प्रकाश का सीधा संबंध शरीर में हैपी हॉर्मोन्‍स रिलीज करने के साथ है. त्‍वचा प्रकाश के संपर्क में आने पर विटामिन डी का निर्माण करती है और विटामिन डी की कमी या अधिकता का संबंध भी हैपी और स्‍ट्रेस हॉर्मोन के रिलीज से होता है. साथ ही आंखों के रास्‍ते सीधे हायपोथैलेमस तक पहुंच रही रौशनी सेरोटोनिन के रिलीज के लिए जिम्‍मेदार होती है.
गर्मियों की तपती धूप में तो ये मुमकिन नहीं, लेकिन जाड़े की गुनगुनी धूप में तो सूरज की रौशनी का आनंद लिया ही जा सकता है. जाकर धूप में बैठिए. विटामिन डी भी लीजिए और हैपी हॉर्मोन भी. रात में नींद भी बेहतर आएगी.


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