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स्ट्रोक यानी पक्षाघात वह ख़तरनाक बीमारी है, जो धीरे-धीरे दुनिया को अपनी गिरफ़्त में ले रही है. आंकड़ों की मानें तो 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में मौत की दूसरी सबसे बड़ी वहज यही बीमारी है. कैसे पहचानें स्ट्रोक के लक्षण? कैसे बच सकते हैं आप इस बीमारी से? और क्या है दिल की बीमारी और स्ट्रोक का कनेक्शन जानें न्यूरोलॉजिस्ट डॉ अनिल वेंकटाचलम से.
क्या है स्ट्रोक?
स्ट्रोक तब आता है, जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त प्रवाव थम जाता है. चूंकि रक्त के साथ हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचता है अत: रक्त प्रवाह थमने के चलते उस हिस्से में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती. जिसके परिणामस्वरूप ब्रेन सेल्स बड़ी तेज़ी से मरने लगते हैं. कभी-कभी इसका प्रभाव प्राणघातक भी हो सकता है. आमतौर पर लोग स्ट्रोक के लक्षणों से अनजान होते हैं, जिसके कारण वक़्त रहते मेडिकल हेल्प नहीं मिल पाती और मामला गंभीर हो जाता है. आपके किसी परिचित या ख़ुद आपके साथ ऐसा न हो इसलिए आइए जानें इसके लक्षण और बचाव के कुछ उपाय.
स्ट्रोक के लक्षण
स्ट्रोक के लक्षण को पहचाना और याद रखना बहुत आसान है. आप अंग्रेज़ी के शब्द FAST को याद रखकर स्ट्रोक के लक्षणों पर नज़र बनाए रख सकते हैं.
F (फ़ेस): स्ट्रोक की स्थिति में व्यक्ति का चेहरा एक ओर लटक-सा जाता है. व्यक्ति हंस नहीं पाता. ऐसा लगता है कि उसकी आंखें और मुंह एक ओर लटक से गए हैं.
A (आर्म): बहुत कोशिश करने के बाद भी दोनों आर्म्स यानीं बांहें उठा पाना संभव नहीं होता, ऐसा एक बांह में कमज़ोरी या सुन्नपन आने के कारण होता है.
S (स्पीच): स्ट्रोक की स्थिति में व्यक्ति की ज़बान लड़खड़ाने लगती है. पूरे होशो-हवाश में होने के बावजूद बोलने में दिक़्क़त होती है.
T (टाइम): स्ट्रोक के मामलों में टाइम यानी समय सबसे महत्वपूर्ण है. यदि आपको ऊपर के तीनों लक्षणों में से कुछ भी नज़र आए तो तुरंत ही उस व्यक्ति को किसी अच्छे अस्पताल ले जाएं.
समय रहते सेहत पर दें ध्यान
स्ट्रोक की स्थिति में ऊपर बताई बातों का ध्यान रखकर आप संभावित नुक़सान को काफ़ी हद तक कम कर सकते हैं. पर क्या यह बेहतर नहीं होगा कि इस तरह की किसी स्थिति को आने ही न दें! हालांकि आप अनुवांशिकता, लिंग, उम्र जैसे कारकों को नियंत्रित नहीं कर सकते, पर नीचे बताए गए क़दम आपको स्ट्रोक के ख़तरे से यक़ीनन दूर ले जाएंगे.
1. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें
हाई ब्लड प्रेशर से स्ट्रोक का ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है. इसलिए बेहतर होगा कि अपने रक्तचात को नियंत्रण में रखें. यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो तो नियमित रूप से चेकअप कराते रहें.
2. वज़न पर भी कसें लगाम
कई शोधों में यह सामने आया है कि मोटापा बढ़ने के साथ ही स्ट्रोक की संभावना में भी वृद्धि होती है. अत: आपको मोटापे को क़ाबू में रखना बहुत ज़रूरी है. वैसी भी मोटापा कई दूसरे रोगों को अपने साथ ले आता है. इसलिए भी उसपर लगाम कसना ज़रूरी है.
3. कोलेस्टेरॉल लेवल को लेकर जागरूक रहें
लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्टेरॉल (एलडीएल) की रक्त नलिका संकुचित हो जाती है, परिणामस्वरूप हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है. इस ख़तरे को देखते हुए यह बेहद आवश्यक हो जाता है कि आप डायट या डॉक्टर की सलाह पर दी गई दवाइयों के माध्यम से कोलेस्टेरॉल के स्तर को सामान्य बनाएं रखें.
4. शारीरिक गतिविधियों को नज़रअंदाज़ न करें
नियमित व्यायाम करने से वज़न कम होता है और ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहता है. इसके अलावा स्ट्रोक की संभावना भी घटती है. कितने भी व्यस्त क्यों न हों, व्यायाम के लिए समय ज़रूर निकालें. यदि आपको जिम में एक्सरसाइज़ करने में बोरियम महसूस होती हो तो रोज़ाना 30 मिनट तक वॉक करना शुरू करें. या अपनी पसंद की किसी शारीरिक गतिविधि में ख़ुद को व्यस्त रखें.
5. शराब का सेवन घटा दें
यदि आप अपनी ज़िंदगी को बढ़ाना चाहते हैं तो शराब के सेवन को घटाना बहुत ज़रूरी है. कई शोधों में यह प्रमाणित हो चुका है कि रोज़ाना दो ड्रिंक से ज़्यादा लेनेवालों में स्ट्रोक का ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है.
6. दिल की बीमारियों को न करें अनदेखा
हृदय संबंधी गड़बड़ियों के कारण ब्लड क्लॉट्स यानी रक्त के थक्के बन सकते हैं, जो रक्त धमनियों को ब्लॉक कर सकते हैं या मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं. ऐट्रियल फ़ाइब्रिलेशन यानी अनियमित या तेज़ हार्ट रेट के कारण भी स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है. अत: हृदय संबंधी किसी भी गड़बड़ी को अनदेखा करने की सोचें भी न.
7. डायबिटीज़ को कंट्रोल में रखें
हाई ब्लड शुगर से रक्त धमनियों को नुक़सान पहुंचता है और उनमें क्लॉट्स बन सकते हैं. वहीं यदि स्ट्रोक के समय ब्लड शुगर हाई हो तो दिमाग़ को होनेवाला नुक़सान कई गुना अधिक तथा प्राणघातक हो जाता है. यदि आप डायबिटीज़ को कंट्रोल में रखेंगे तो स्ट्रोक से संबंधित कॉम्प्लिकेशन्स कम हो जाएंगे.
8. धूम्रपान को कहें ‘ना’
स्मोकिंग से रक्त गाढ़ा हो जाता है, धमनियों में प्लाक जमा होने लगता है. और ज़ाहिर है, इससे स्ट्रोक का ख़तरा भी बढ़ता है. यानी बेहतर सेहत के लिए धूम्रपान को अलविदा कहने में ही भलाई है.
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