- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- कमजोर याददाश्त से शुरू...
कमजोर याददाश्त से शुरू होने वाली कुछ बीमारी के हो सकते हैं बुरे अंजाम
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | चीजों को याद न रख पाने की समस्या, बातचीत करने में कठिनाई और समस्याओं को सुलझाने में होने वाली दिक्कतों को अल्जाइमर रोग का संकेत माना जाता है। आमतौर पर 60 साल से अधिक आयु वाले लोगों में इस समस्या का जोखिम अधिक देखा जाता है। अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है। यह एक प्रगतिशील बीमारी है जो अमूमन स्मृति हानि से शुरू होती है और जीवन के लिए कई सारी समस्याओं का कारण बन सकती है।
अल्जाइमर मस्तिष्क की समस्या है, पर क्या आप जानते हैं कि अगर इसपर ध्यान न दिया जाए या इसका उपचार न हो सके तो इसके कई और गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं? स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं इस रोग के शिकार लोगों में घबराहट और चीजों से जल्दी परेशान हो जाने की समस्या रहती है।
आइए जानते हैं कि अल्जाइमर की यह समस्या किस प्रकार से शरीर के लिए और भी दिक्कतें बढ़ाने वाली हो सकती है?स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, उम्र बढ़ने के साथ यह रोग किसी को भी हो सकता है, इसमें जरूरी है कि परिवार के सदस्य रोगी की विशेष देखभाल करें। रोगी के परिवेश को शांत रखें, टीवी-साउंड की आवाज, उन्हें परेशान या भ्रमित कर सकती हैं। रोगी की दिनचर्या को व्यवस्थित करें।
परिवार के लोगों को चाहिए अल्जाइमर के रोगी की मानसिक स्थिति के साथ उनकी शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं पर भी गंभीरता से ध्यान दें। समय के साथ अल्जाइमर कई और दिक्कतों को बढ़ाने वाला हो सकता है।
अल्जाइमर से पीड़ित लोगों को पेशाब को नियंत्रित करने में परेशानी हो सकती है। यह समस्या बाउल और ब्लैडर पर नियंत्रण को कम कर सकती है। इस तरह की दिक्कतें बीमारी के बढ़ने के साथ होनी सामान्य हैं। उन संकेतों से अवगत रहें जिससे आप समझ सकें कि कब पेशाब की जरूरत है, उनकी सहायता करें।
अल्जाइमर वाले लोगों में अवसाद होने का जोखिम अधिक हो सकता है। अल्जाइमर रोगी अक्सर उदास महसूस करते हैं, बातचीत और अपनी भावनाओं को शेयर करने में उन्हें कठिनाई हो सकती है। यही कारण है कि उनमें समय के साथ मानसिक स्वास्थ्य विकारों का खतरा काफी बढ़ जाता है।
अल्जाइमर के बाद के चरणों में रोगियों में संक्रमण होने की अधिक आशंका होती है। इसमें मूत्राशय में संक्रमण, फ्लू और निमोनिया शामिल हैं। 65 वर्ष की आयु के बाद एक बार का निमोनिया का वैक्सीनेशन डॉक्टर की सलाह पर जरूर कराएं। लक्षणों या व्यवहार में अचानक परिवर्तन या बुखार पर ध्यान दें, ये संक्रमण की ओर इशारा हो सकता है। आहार में फल-सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम मजबूती देने में सहायक हो।