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लाइफ स्टाइल
कई लोगों के तकलीफ का कारण हैं स्लिप डिस्क, राहत पाने के लिए करें ये 6 योगासन
Kajal Dubey
30 July 2023 11:14 AM GMT
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आजकल देखने को मिल रहा हैं कि कई लोग स्लिप डिस्क की समस्या का सामना कर रहे हैं। हड्डियों में चोट, लाइफस्टाइल और बढ़ती उम्र व भारी सामान उठाने की वजह से भी आपको स्लिप डिस्क की समस्या हो सकती है। ये दर्द रीढ़ की हड्डी में होने वाली एक मेडिकल स्थिति है, जिसमें स्पाइन के पास की हड्डियों में मौजूद जेली जैसा पदार्थ बाहरी छल्लों से बाहर निकल आता है। कमर दर्द बेहद परेशान करता है, कई बार ये दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाता है, जिसकी वजह से उठना-बैठना और सोना तक दूभर हो जाता है। आमतौर पर स्लिप डिस्क के मरीजों को सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती। ऐसे में आपकी मदद कर सकते हैं कुछ योगासन जो स्लिप डिस्क से राहत दिलाने का काम करेंगे। आइये जानते हैं इन योगासन के बारे में...
शवासन
शवासन योग अभ्यास का कठिन आसन माना जाता है। ये आसन बॉडी की आंतरिक ऊर्जा को बढ़ाता है। शरीर की यह प्राकृतिक ऊर्जा आपके शरीर में समाकर हर बीमारी और समस्या को ठीक करने में मदद करती है। शवासन को योग विज्ञान का सबसे कठिन आसन माना जाता है। यह आसन किसी भी आसन के अंत में किया जाता है। शवासन न सिर्फ आपके शरीर को बल्कि आंतरिक ऊर्जा को भी अंदर से हील करता है। शरीर की यही प्राकृतिक ऊर्जा आपके शरीर में समाकर हर बीमारी और समस्या को ठीक करने में मदद करती है।
अर्धशलभासन
पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। सिर को ठुड्डी के बल जमीन पर रखें। दोनों हथेलियों को जांघों के नीचे जमीन पर रखें। अब दाएं पैर को जमीन से ऊपर उठाएं। पैर बिल्कुल सीधा ही ऊपर उठाएं। लगभग 5 सेकेंड तक इस स्थिति में रुकने के बाद वापस पूर्व स्थिति में आएं। यही क्रिया बाएं पैर से भी करें। प्रारम्भ में इसकी तीन आवृत्तियों का अभ्यास करें। धीरे-धीरे आवृत्तियों को 25 से 30 बार तक बढ़ाएं। जब आप इसकी 25 से 30 आवृत्तियों के अभ्यास करने की स्थिति पार कर लेते हैं तो आपको दोनों पैरों को एक साथ उठाने का अभ्यास प्रारम्भ कर देना चाहिए।
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन का अभ्यास स्लिप डिस्क के दर्द में भी बहुत फायदेमंद होता है। किसी प्रकार की चोट या अन्य कारणों से स्लिप डिस्क की समस्या में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए उष्ट्रासन का अभ्यास फायदेमंद माना जाता है। उष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर बैठ जाएं। अब अपने घुटनों के सहारे बैठें और दोनों हाथों को कूल्हों पर टिका लें। इसके बाद अपने घुटनों को कंधे के सामानांतर रखें और तलवों को ऊपर की तरफ रखें। अब सांस अंदर की तरफ खींचते हुए रीढ़ की हड्डी को नीचे की तरफ अंदर लेकर जाएं। इस दौरान गर्दन पर दबाव न दें और सीधे बैठे रहें। कुछ देर तक इस स्थिति में रहें और फिर वापस आ जाएं।
भुजंगासन
भुजंगासन में शरीर फन उठाए हुए सांप की आकृति में होता है। इस आकृति में रीढ़ की ऊपरी हड्डियों पर दबाव पड़ता है जिससे हड्डी पुरानी स्थिति में आने लगती है। सूर्य नमस्कार के 7 आसनों में से एक आसन है भुजंगासन। ये बॉडी को लचीला बनाता है साथ ही कमर दर्द से राहत दिलाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएँ। दोनों हाथो को अपनी साइड रखें। अब अपने हाथों पर वज़न डालकर धीरे धीरे छाती को ऊपर उठायें। पीठ को धीरे धीरे थोड़ा सा पीछे की ओर मोड़ें और गर्दन आपकी एकदम सामने सीधी रहनी चाहिए। सामान्य तरीके से सांस लें। इस आसन को आप अपनी क्षमता के अनुसार करें।
चक्रासन
स्लिप डिस्क के लिए यह योग आपकी रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियों और स्नायुबंधन को मजबूत करने में मदद करता है। सबसे पहले पीट के बल लेट जाएँ। और अपने हाथों को साइड में रख लें। अब अपने दोनों पेरो को कूल्हों के पास लेकर आएं। अब हाथो को मोड़ते हुए कान के पास लेकर आएं और सारा वज़न हाथ पर डालते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठायें। ध्यान रहे आप पीठ को जितना मोड़ सकते हैं उतना ही मोड़ें। अपनी क्षमता के अनुसार इस आसन को करें।
मार्जरी आसन
इस योग का निरंतर प्रयास करने से आपकी रीढ़ की हड्डी में धीरे धीरे सुधार होने लगेगा और दर्द की परेशानी भी कम होती नज़र आएगी। सबसे पहले घुटनो को मोड़ते हुए बैठ जाएँ। अब दोनों हाथों को ज़मीन पर टिका दें। फिर गर्दन को नीचे की तरफ झुकाएं और पीठ को ऊपर की तरफ रखें। इसके बाद गर्दन को ऊपर की तरफ लाएं और पीठ को ज़मीन की तरफ झुका दें। यही प्रक्रिया 3-4 बार अपनी क्षमता के अनुसार करें।
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