लाइफ स्टाइल

बड़े काम के हैं तिल के दाने

Kajal Dubey
16 Jun 2023 6:24 PM GMT
बड़े काम के हैं तिल के दाने
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कैल्शियम से भरपूर तिल का इस्तेमाल हम सूप और सलाद में गार्निशिंग के तौर पर कर सकते हैं. तिल या उससे तैयार तेल में ऐसे यौगिक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के अंगों को स्वस्थ रखने के लिए बेहद ज़रूरी हैं. इसके अलावा तिल के और भी फ़ायदे हैं
तनाव कम करता है
अगर आप किसी भी तरह के तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो तिल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है. तिल के तेल में अमीनो एसिड पाया जाता है, जिसे टाइरोसिन भी कहते हैं. यह सीधे हमारे सेरोटोनिन ऐक्टिविटी से जुड़ा होता है. सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रान्स्मीटर है, जो हमारे मूड को प्रभावित करता है और इसका इम्बैंलेस होना डिप्रेशन और स्ट्रेस को जन्म दे सकता है. जानकारों के अनुसार, ऐसे फ़ूड्स जो सेरोटोनिन बनाने में मदद करते हैं, वो हमें पॉज़िटिव फ़ील कराते हैं, जिससे तनाव कम होता है.
हड्डियों को मज़बूत बनाता है
35 वर्ष की आयु के बाद बोन मास (हड्डियों का घनत्व ) कम होने लगता है. ख़ासकर महिलाओं में पीरियड्स की वजह से यह और कम हो जाता है, जिससे हड्डियां कमज़ोर पड़ने लगती हैं. काले तिल में कैल्शियम और ज़िंक की प्रचुर मात्रा होती है, जो हड्डियों को मज़बूत बनाने का काम करते हैं. तिल में डाइट्री प्रोटीन और अमीनो एसिड भी होता है, जो बच्चों की हड्डियों के विकास में भी मददगार होता है. इसके अलावा यह मांसपेशियों के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद है.
अनसैचुरेटेड फ़ैट का मुख्य स्रोत
तिल के तेल में मुख्य रूप से अनसैचुरेटेड फ़ैट होता है, जो हमारे दिल के स्वास्थ्य के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद रहता है. तिल के तेल के पोषण मूल्य चार्ट के अनुसार, प्रति 100 ग्राम तिल के तेल में 40 ग्राम मोनोअनसैचुरेटेड फ़ैट, 42 ग्राम पॉलीअनसैचुरेटेड फ़ैट और लगभग 14 ग्राम सैचुरेटेड फ़ैट होता है. खाना पकाने वाले सभी तेल में ये तीन प्रकार के फ़ैट मौजूद होते हैं. लेकिन इन तीनों फ़ैट के संतुलन पर निर्भर करता है कि वे हमारे लिए कितने स्वास्थ्यवर्धक और कितने हानिकारक हैं.
ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है
मैग्नीशियम से भरपूर तिल, हायपरटेंशन को रोकने में मदद करता है. तिल के तेल में मौजूद पॉलीअनसैचुरेटेड फ़ैट और सेस्मिन, ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने का काम करता है. तिल में मौजूद कैल्श‍ियम, आयरन और ज़िंक हृदय की मांसपेशि‍यों को सक्रिय रखने में भी मदद करते हैं.
एनर्जी बनाए रखने के लिए
अपने हाई फ़ैट कॉन्टेंट के कारण तिल एनर्जी बनाए रखने के लिए एक अच्छा सोर्स है. इन कॉन्टेंट में पॉलीअनसैचुरेटेड फ़ैटी एसिड और ओमेगा-6 जैसे हेल्दी फ़ैट होते हैं. इसमें मौजूद फ़ाइबर और फ़ॉस्फ़ोरस भी एनर्जी लेवल को बढ़ाने में मदद करते हैं.
पाचन क्रिया में लाभदायक
काले तिल में हाई फ़ाइबर और अनसैचुरेटेड फ़ैटी एसिड कॉन्टेंट होने के कारण यह कॉन्स्टिपेशन से आराम दिलाता है.
दांतों के स्वास्थ्य के लिए
तिल का तेल दांतों को साफ़ करने और ओरल हेल्थ को बढ़ाने का काम करता.
कैंसर रोधी
सेसमिन नामक ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स की वजह तिल का सेवन लंग कैंसर, पेट के कैंसर, ल्यूकेमिया, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका को कम करता है.
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