लाइफ स्टाइल

Life Style : डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए भी जरूरी है प्रोटीन

Kavita2
6 July 2024 5:21 AM GMT
Life Style : डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए भी जरूरी है प्रोटीन
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Life Style लाइफ स्टाइल : डायबिटीज (Diabetes) होने के बाद लाइफस्टाइल में बदलाव और सही डाइट बेहद अहम हो जाती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सेहतमंद रहने के लिए शुगर, कार्ब्स और फैट से पूरी तरह से दूरी बनाने लगते हैं, लेकिन इन चीजों के साथ सख्त डाइट में कभी-कभी जरूरी विटामिन, मिनरल और प्रोटीन की कमी भी होने लगती है। ऐसा इस समस्या को और भी बदतर बना सकता है। बेहद कम लोग ही यह जानते होंगे कि एक डायबिटीक व्यक्ति को उतनी ही मात्रा में प्रोटीन लेना चाहिए जितना एक नॉन डायबिटीक व्यक्ति को जरूरत होती है।
इसलिए सख्त डाइट के दौरान
इस बात का ध्यान देना जरूरी है कि डाइट में प्रोटीन की कमी न होने पाए। अगर शरीर में प्रोटीन की कमी होने लगेगी, तो ये ग्लूकोज की क्रेविंग बढ़ा देता है। मजबूरी में इंसान किसी भी रूप में शुगर लेने पर मजबूर हो जाते हैं। हर मील में 20 से 30 ग्राम प्रोटीन लेने से ये शुगर क्रेविंग नहीं होती है, जिससे डायबिटीज की समस्या बढ़ता नहीं है। इस तरह प्रोटीन एक डायबिटीक व्यक्ति के शरीर के लिए एक अहम न्यूट्रिएंट है।
क्यों जरूरी है डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रोटीन?
प्रोटीन एक ऐसा मैक्रोन्यूट्रेंट Protein is a macronutrient है, जो मांसपेशियों के साथ कोशिकाओं, हड्डियों, हार्मोन और एंजाइम को बनाने के साथ इन्हें रिपेयर करने में भी मदद करता है। डायबिटीज के दौरान डाइट ऐसी होनी चाहिए जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा न हो और जिनके सेवन करने से ब्लड ग्लूकोज लेवल न बढ़े।
एक स्टडी के अनुसार डायबिटीक लोगों में मसल लॉस की संभावना नॉन डायबिटीक लोगों की तुलना में ज्यादा होती है। साथ ही डायबिटीक लोगों में फुट अल्सर जैसे घाव भरने में समय लगता है। इन कारणों से डायबिटीक व्यक्ति का प्रोटीन इंटेक इतना होना जरूरी है कि शरीर घाव भरने में सक्षम रहे।
कार्ब्स की तुलना में प्रोटीन को पचने में समय लगता है। इससे जल्दी भूख नहीं लगती है और डायबिटीक व्यक्ति को वजन घटाने में भी मदद मिलती है।
प्रोटीन और ब्लड ग्लूकोज-
अगर हम ये कहें कि प्रोटीन का ब्लड ग्लूकोज पर कोई असर नहीं होता है तो ये गलत होगा। एक स्टडी के अनुसार अगर बहुत ज्यादा मात्रा में प्रोटीन का सेवन एक बार में ही कर लिया जाए तो ये खाने के 5 घंटे बाद तक ब्लड ग्लूकोज लेवल को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, कम या सीमित मात्रा में प्रोटीन लेने से ये ग्लूकोज लेवल को इतना प्रभावित नहीं कर पाता है।
प्रोटीन के हेल्दी विकल्प-
डायबिटीक लोगों के लिए लीन मीट, फिश, डेयरी, अंडे, सोयाबीन, काबुली चना, टोफू, दाल जैसे कई प्रोटीन के स्रोत बहुत ही बेहतरीन विकल्प हैं।
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