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घर में लगाएं ये 9 औषधीय गुणों से भरपूर पौधे

Kajal Dubey
21 Jun 2023 12:20 PM GMT
घर में लगाएं ये 9 औषधीय गुणों से भरपूर पौधे
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घरों को सुंदर दिखाने के लिए लोग तरह-तरह के पौधे लगाते हैं। एक सच ये भी है कि हर पौधे का कोई न कोई औषधीय महत्व होता है। पौधे घर को सजाने के साथ साथ सकारात्मक ऊर्जा को भी लाते हैं। आपको बता दें कि कुछ पौधे, खासकर जड़ी-बूटी वाले पौधे, हमारे स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने का काम करते हैं। औषधीय पौधे आयुर्वेद का जरूरी हिस्सा है, जिसका इस्तेमाल सदियों से रोगों का उपचार करने के लिए किया जा रहा है। हर्बल उपचार में शारीरिक और मानसिक कल्याण को ठीक करने की क्षमता होती है। इनके गुणों के कारण ही अब लोग अपने आसपास या फिर घरों में इन पौधों को लगाने पर जोर दे रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे पौधों के बारे में बताने जा रहे है घर के आसपास की खाली जमीन या घर पर लगाने से पूरे परिवार को रोगमुक्त रखने के प्रयास कर सकते हैं। तो चलिए जानते है इन पौधों के बारे में...
गिलोय
गिलोय का औषधीय नाम टाइनोस्पोरा कार्डिफोलिया है। गिलोय को लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है। यह पान के जैसे पत्तों वाली बेल है। तने के टुकड़ों से ही नया पौधा बन जाता है।
- गिलोय को इम्युनिटी बूस्टर भी कहा जाता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है।
- गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक तत्व बुखार के मरीज के लिए काफी लाभदायक होते हैं।
- पीलिया (Jaundice) के रोगियों के लिए गिलोय काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। पिलिया से परेशान लोगों को गिलोय के पत्तों का रस पिलाने से आराम मिलता है। गिलोय के 20-30 मिली काढ़ा में 2 चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन-चार बार पिलाने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
- गिलोय में भारी मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व पाएं जाते हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व सांसों से संबंधित समस्याओं में राहत दिलाता है। गिलोय अनचाहे कफ पर लगाम लगाने का काम करता है। साथ ही फेंफड़े को साफ रखने में भी सहायक होता है।
- गिलोय में ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। यह गुण शरीर में खून की कमी को दूर करने में सहायक होते हैं।
- गिलोय के औषधीय गुणों के कारण उसको 10-20 मिली रस के साथ गुड़ का सेवन करने से कब्ज में फायदा होता है।
- गिलोय के 10-20 मिली रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीने से भी डायबिटीज में फायदा होता है।
- 20 मिली गिलोय के रस में एक ग्राम पिप्पली तथा एक चम्मच मधु मिला लें। इसे सुबह और शाम सेवन करने से पुराना बुखार, कफ, तिल्ली बढ़ना, खांसी, अरुचि आदि रोग ठीक होते हैं।
तुलसी
पूजा पाठ के लिए आमतौर पर तुलसी उपयोग में लाई जाती है। इसी तरह से तुलसी एक औषधि का काम भी करती है।
- तुलसी के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो खांसी, जुकाम, सर्दी जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाते हैं और सांस प्रणाली को बेहतर बनाते हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्ते पाचन संबन्धी परेशानियां दूर करते हैं।
- तुलसी के पत्ते में मौजूद अडैप्टोजेन स्ट्रेस को कम करने का काम करता है। इसके नियमित सेवन से रक्त संचार दुरुस्त होता है और नर्वस सिस्टम को राहत मिलती है। तुलसी के पत्तों से सिरदर्द में भी राहत मिलती है।
- अगर आपको अक्सर एसिडिटी, गैस और अपच जैसी समस्या रहती है तो भी तुलसी का पत्ते का नियमित सेवन काफी राहत दे सकता है। इससे शरीर का पीएच लेवल भी संतुलित रहता है।
- तुलसी के पत्ते आपकी बॉडी को डिटॉक्स करते हैं और मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ाते हैं। तुलसी के पत्ते वजन कम करने में भी सहायक हैं।
- तुलसी के पत्ते से सांस की बदबू की परेशानी भी दूर होती है। अगर आप रोजाना सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते लें तो ये मुंह के बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं और मुंह से बदबू की समस्या दूर करते हैं।
- अगर आपको गले से सबंधित किसी प्रकार की कोई भी समस्या है तो गर्म उबले हुए पानी में तुलसी के कुछ पत्ते डालें और फिर उसको धीरे धीरे करके दिन में तीन से चार बार पिए। गले के संक्रमण से आप को राहत मिलेगी।
एलोवेरा
एलोवेरा का वैज्ञानिक नाम एलो बर्बदेंसिस है। एलोवेरा में विटामिन ए, सी और ई, विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा एलोवेरा में एंटी ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। एलोवेरा देखने में अवश्य अजीब सा पौधा है लेकिन इसके गुणों का कहीं कोई अंत नहीं है।
- यह बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग, पेट की खराबी, जोड़ों का दर्द, त्वचा की खराबी, मुंहासे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आंखों के काले घेरों, फटी एड़ियों के लिए यह लाभप्रद है।
- इसका सेवन खून की कमी को दूर करता है तथा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- जलने पर, अंग कहीं से कटने पर, अंदरूनी चोटों पर एलोवेरा अपने एंटी बैक्टेरिया और एंटी फंगल गुण के कारण घाव को जल्दी भरता है।
- यह रक्त में शर्करा के स्तर को बनाए रखता है। बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग, पेट की खराबी, जोड़ों का दर्द, त्वचा की खराबी, मुंहासे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आँखों के काले घेरों, फटी एडियों के लिए यह लाभप्रद है।
- एलोवेरा का गूदा या जैल निकालकर बालों की जड़ों में लगाना चाहिए। बाल काले, घने-लंबे एवं मजबूत हो सकते हैं।
- एलोवेरा जैल या ज्यूस मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार व स्वस्थ होंगे। एलोवेरा के कण-कण में सुंदर एवं स्वस्थ रहने के कई-कई राज छुपे पड़े हैं। यह संपूर्ण शरीर का कायाकल्प करता है
- शरीर की सूजन को कम करने में मददगार है एलोवेरा। इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल गुण शरीर की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- एलोवेरा का जूस मोटापा कम करने में फायदेमंद माना जाता है। 10-15 ग्राम एलोवेरा के जूस में मेथी के ताजे पत्तों को पीसकर उसे मिलाकर सेवन करने से मोटापे को कम किया जा सकता है।
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लेमनग्रास
लेमन ग्रास को जाराकुश, मालाबार या नींबू घास भी कहते हैं। इसकी पत्तियों का स्वाद नींबू जैसा होता है। अगर आप इसको घर में लगाना चाहते हैं तो इसकी कुछ डंडियों को काटकर भी लगा सकते हैं। लेमनग्रास का प्रयोग विटामिन-ए के रूप में, श्रृंगार सामग्री, सुगंध एवं साबुन आदि बनाने में किया जाता है।
- यह पौधा चिंता, अवसाद को कम करने की क्षमता रखता है।
- कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में लेमन ग्रास अहम भूमिका निभा सकती है।
- लेमन ग्रास का सेवन अपच, गैस्ट्रिक की समस्या व पेट संबंधित अन्य परेशानियों से राहत दिलाने के साथ पेट की अंदरूनी दीवारों को सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
- लेमन ग्रास में मूत्रवर्धक गुण होता है। इसका सेवन करने से बार-बार पेशाब जाने की जरूरत हो सकती है, जो किडनी के लिए अच्छा है। इससे शरीर के विषाक्त पदार्थ पेशाब के जरिए बाहर निकल सकते हैं, जिसे किडनी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जा सकता है।
- लेमन ग्रास और लेमन ग्रास तेल में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर सेल्स को खत्म कर कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- लेमन ग्रास शरीर को डिटॉक्सिफाई कर सकती है और यूरिन के जरिए विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल सकता है। माना जाता है कि डिटॉक्सिफिकेशन से वजन कम करने में मदद मिल सकती है।
- मन ग्रास में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, बी और सी मौजूद होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में सहायक भूमिका निभा सकते हैं।
- लेमन ग्रास तेल का उपयोग अनिद्रा की शिकायत होने पर या फिर ठीक से नींद नहीं आने पर किया जा सकता है।
- गठिया की समस्या से राहत के लिए लेमन ग्रास तेल को फायदेमंद बताया गया है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो गठिया के लक्षणों से आराम दे सकता है
- लेमन ग्रास और उसके फूलों को पारंपरिक रूप से मधुमेह के इलाज के लिए उपयोग किया जाता रहा है। इसमें एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो खाली पेट और खाने के बाद के ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
- लेमनग्रास का उपयोग दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है।
- लेमन ग्रास के गुण बेदाग और पिंपल-फ्री त्वचा पाने में मदद कर सकते हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो पिम्पल और संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं से लड़ते हैं और उन्हें जड़ से खत्म कर सकते हैं।
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अजवाइन
अजवायन को भी आमतौर पर घरों में लगाया जाता है। अजवाइन का इस्‍तेमाल नमकीन पूरी, मठ्ठी, नमक पारे और पराठों का स्‍वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। अगर आप अजवायन के पत्तों का सेवन करते हैं, तो इससे पेट की समस्याओं को दूर करने में सहायता मिलती है।अगर कभी अचानक से आपको पेट से संबंधित किसी प्रकार की समस्या को तो तुरंत ही घर में मौजूर अजवायन के पौधे के पत्ते को काम में लाएं।आप अजवायन के पत्तों का सेवन शहद, काली मिर्च या हल्दी के साथ भी कर सकते हैं।
- अजवाइन पेट की कई बीमारियों का रामबाण इलाज है। इसका सेवन करने से पेट दर्द, गैस, उल्‍टी, खट्टी डकार और एसिडिटी में आराम मिलता है। अजवाइन, काला नमक और सूखे अदरक को पीसकर चूरन तैयार कर लें। खाना खाने के बाद इस चूरन का सेवन करने से खट्टी डकार और गैस की समस्‍या दूर हो जाती है।
- पेट खराब होने पर अजवाइन चबाएं। यही नहीं अगर डाइजेशन सही करना हो तो अजवाइन से बेहतर कुछ नहीं।
- अजवाइन वजन घटाने में भी काफी मददगार है। अजवाइन का पानी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्‍म बढ़ता है, जिससे चर्बी घटने लगती है।
- अगर आपकी खांसी ठीक नहीं हो रही है तो अजवाइन का पानी बहुत फायदा करेगा। इसके लिए अजवाइन को पानी में मिलाकर उबाल नें। इसमें काला नमक मिलाकर पीने से आराम म‍िलेगा।
- अजवाइन से गठिया के रोग में भी आराम मिलता है। अजवाइन के चूरन की पोटली बनाकर घुटनों में सेंकने से फायदा होता है।
- अगर मसूड़ों में सूजन हो तो गुनगुने पानी में अजवाइन के तेल की कुछ बूंदे डालकर कुल्‍ला करने से आराम मिलेगा।
- अजवाइन को भूनकर उसे पीसकर पाउडर बना लें। इससे ब्रश करने से मसूड़ों के दर्द और सूजन में राहत मिलती है।
- कई महिलाओं को पीरियड्स के वक्‍त कमर और पेट के निचले हिस्‍से में बहुत दर्द की शिकायत रहती है। ऐसे में गुनगुने पानी के साथ अजवाइन लेने से दर्द में आराम मिलता है। हां, इस बात का ध्‍यान रख‍िए कि अजवाइन की तासीर गरम होती है और अगर ब्‍लड फ्लो ज्‍यादा हो इसका इस्तेमाल बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।
- यह तो हमने जान ही लिया कि अजवाइन पेट साफ करने में मदद करती है। ऐसे में जाहिर है कि अगर पेट साफ होगा तो मुंहासों नहीं आएंगे। अगर आपके चेहरे पर मुंहासे हैं तो दही के साथ थोड़े से अजवाइन पीसकर इस लेप को चेहरे पर लगाएं। जब लेप सूख जाए तब इसे गर्म पानी से साफ कर लें। कुछ ही दिनों में मुंहासे गायब हो जाएंगे।
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