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कमजोर इम्यूनिटी वाले होते हैं इस बीमारी का शिकार है पीड़ित लोग सावधानियां रखे

Tara Tandi
24 March 2021 1:13 PM GMT
कमजोर इम्यूनिटी वाले होते हैं इस बीमारी का शिकार है पीड़ित लोग सावधानियां रखे
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टीबी दुनियाभार में होने वाली मृत्यु के बड़े कारणों में से एक है। टीबी, बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है

जनता से रिश्ता वेबडेसक | टीबी दुनियाभार में होने वाली मृत्यु के बड़े कारणों में से एक है। टीबी, बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है। इसे फैलाने वाले बैक्टीरिया का नाम है 'माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस' टीबी खासतौर से फेफड़ों में होती है, जिसे पल्मोनरी टीबी कहते हैं, पर अगर यह शरीर के दूसरे हिस्सों को प्र्भावित करती है तो यह एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी कहलाती है। एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी मस्तिष्क, गर्भाशय, मुंह, जिगर, गुर्दे या हड्‍डी में हो सकती है। टीबी के जीवाणु संक्रमित व्यक्ति के खंसने या छींकने के दौरान उसके मुंह या नाक से निकली बूंदों में मौजूद होते हैं और हवा के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर देते हैं। फेफड़ों के अलावा दूसरे अंगों को टीबी एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकती।

टीबी का बैक्टीरिया शरीर के जिस हिस्से में हो, वहां के ऊतकों को नष्ट कर देता है और उस अंग की कार्य क्षमता प्रभावित होती है। टीबी के मरीज के संपर्क में रहने वाले स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों पर इसका असर हो सकता है। लेकिन टीबी से संक्रमित व्यक्ति को छूने से या उस से हाथ मिलाने से टीबी का रोग नहीं फैलता। जब किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है तब उसे टीबी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। किसी छोटी जगह में रहने वाले लोगों में इसका संक्रमण तेजी से फैल सकता है। चूंकि यह बीमारी पूरे शरीर का क्षय करती है, इसलिए हिंदी में इसे क्षय रोग के नाम से भी जाना जाता है।
बच्चों में ज्यादा खतरा
अगर बच्चों को टीबी हो जाए तो काफी घातक होती है, इसलिए पैदा होते ही बच्चे को बीसीजी का टीका लगाया जाता है।
बच्चे को टीबी हो जाए तो उसके पूरे शरीर में टीबी फैल सकती है।
दिमाग तक असर हो जाए तो उस स्थिति को मैनेंजाइटिस कहा जाता है।
टीबी के मरीज ध्यान दें
- टीबी के मरीज को खांसते समय मुंह को हाथ, कपड़े या किसी अन्य चीज़ से ढक लेना चाहिए
- दिनभर के बलगम को इकट्ठा कर शाम या रात के समय उसे मिट्टी में गाड़ देना चाहिए या जला देना चाहिए, इस प्रकार से इसे फैलने से बचाया जा सकता है।
- टीबी के रोगी के खानपान एवं उसे शुद्ध वातावरण में रखने की व्यवस्था करनी चाहिए।
- इलाज के साथ-साथ टीबी के मरीज को एक्सरसाइज व अच्छा स्वास्थ्यवर्द्धक खाना खाने पर भी ध्यान देना चाहिए।
- दिन में कम से कम 2 बार 45 मिनट तक तेज-तेज चलने व दौड़ने की एक्सरसाइज करनी चाहिए, एक्सरसाइज करने से लंग्स कैपेसिटी (फेफड़ों की क्षमता) बढ़ती है और रोगी को टीबी रोग से लड़ने में मदद मिलती है।
हल्दी, अजवाइन, पिपली, काली मिर्च, दालचीनी और सेंधा नमक का काढ़ा वायरस को मार देता है।
- अच्छे खाने में प्रोटीन्स, विटामिन्स, कार्बोहाइड्रेट्स, वसा युक्त भोजन और हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए।

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