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Palaash flower: जाने पलाश के फूल के कई आयुर्वेदिक और चमत्कारिक फायदे

Sanjna Verma
15 Aug 2024 10:29 AM GMT
Palaash flower: जाने पलाश के फूल के कई आयुर्वेदिक और चमत्कारिक फायदे
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Palaash flower पलाश का फूल: आयुर्वेद के अनुसार पलाश के फूलों को सेहत के लिए औषधि माना गया है। पलाश का पेड़ अपने फूलों से लेकर बीज और जड़ तक दवा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई जगह पलाश के फूलों को टेसू के फूल के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार पलाश के फूल चर्म रोग से लेकर डायबिटीज और बवासीर जैसी कई सेहत से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद हो सकते हैं। यही वजह है कि आयुर्वेद में इसे एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी माना जाता है। आइए
जानते
हैं पलाश के फूल सेहत के लिए कैसे हैं फायदेमंद।
सेहत के लिए पलाश के फूल के फायदे-
पेट के कीड़ों के लिए-
पलाश के बीज में एंटीवर्म गुण पाया जाता है, जिसकी वजह से ये पेट के कीड़ों को नष्ट करने में मदद कर सकता है। नियमित रूप से पलाश के बीज का Powder खाने से किसी भी तरह के पेट के संक्रमण में राहत मिल सकती है। इसके लिए एक चम्मच पलाश के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर सुबह खाली पेट लें।
डायबिटीज-
पलाश में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण सबसे ज्‍यादा पाया जाता है, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल को और ज्‍यादा बेहतर करने में मदद करता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलोजी इंफॉर्मेशन) के एक शोध के अनुसार जब लैब में दो हफ्ते तक 200 मिलीग्राम पलाश का उपयोग चूहों पर किया गया, तो उनका शुगर लेवल और सीरम कोलेस्ट्रोल नियंत्रित हो गया।
बवासीर में आराम-
बवासीर या पाइल्स की वजह से गुदा के अंदरूनी हिस्से में या बाहर के हिस्से में कुछ मस्से बन जाते हैं। इन मस्सों से कई बार खून निकलने के साथ दर्द भी होता है। लेकिन पलाश के फूल इस समस्‍या से राहत दिला सकते हैं। दरअसल, पलाश के सूखे फूलों के पाउडर में कुछ ऐसे खनिज पाए जाते हैं, जो बवासीर के इलाज में काम आ सकते हैं।
त्वचा रोग-
पलाश में मौजूद एसट्रिनजेंट गुण त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है। आयुर्वेद के अनुसार, पलाश के बीज का पेस्ट त्वचा पर लगाने पर एक्जिमा और अन्य त्वचा विकारों से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। पलाश के बीज का पेस्ट स्‍किन पर लगाने से त्वचा में खुजली और रूखेपन जैसी
Problems
में भी निजात दिला सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर-
पलाश के पत्तों में टिक्टा गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर में कफ और पित्त को कम करते हैं। जिसके कारण चयापचय में सुधार होता है और हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को विनियमित करने में मदद मिलती है।
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