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डायबिटीज़ ऐसी बीमारी है, जिसे ठीक नहीं किया जा सकता. हमें इसके साथ ही जीना होता है. अपने खानपान पर नियंत्रण रखकर डायबिटीज़ को कंट्रोल में रखा जा सकता है. यह तो हम सभी जानते हैं कि डायबिटीज़ में शरीर इंसुलिन का पर्याप्त निर्माण नहीं कर पाता, जिसके चलते ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं रह पाता. डायबिटीज़ की दवाइयों के साथ ही शक्कर समेत मीठी चीज़ों का सेवन बंद करके इस बीमारी का सामना कर रहा मरीज़ बिल्कुल सेहतमंद बना रह सकता है. पर यह मानव स्वभाव है कि हमें जिस चीज़ को खाने से मना किया जाता है, वह खाने की इच्छा और बढ़ जाती है. डायबिटीज़ के साथ भी ऐसा ही होता. इसके मरीज़ों को मीठा खाने की तीव्र इच्छा होती है. आजकल कुछ कंपनियां आर्टिफ़िशियल मिठास के विकल्प दे रही हैं, जो मीठा तो होता है, पर उसमें कैलोरीज़ नहीं होतीं. पर ऐसी शुगर के इस्तेमाल के अपने साइड इफ़ेक्ट्स होते हैं. इन सबसे बचने का एक ही तरीक़ा है, खानपान में ऐसी चीज़ें शामिल करना, जो मीठी तो हैं, पर शरीर को नुक़सान नहीं पहुंचातीं.
शहद
शहद एकमात्र ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो कभी ख़राब नहीं होता. इसमें फ़्लैवोनॉइड्स और ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं. आयरन, ज़िंक, पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन बी6, राइबोफ़्लैविन और नियासिन के फ़ायदे इसमें मिलते हैं. साथ ही यह अपने ऐंटी-बैक्टीरियल और ऐंटी-फ़ंगल गुणों के लिए जाना जाता है. इसमें मिठास तो होती है, पर कैलोरीज़ बहुत कम होती हैं. एक टेबलस्पून शहद में सिर्फ़ 22 कैलोरीज़ होती हैं. तो अगर आपको डायबिटीज़ हो और मीठा खाने की इच्छा होती हो तो शहद का चुनाव करें. इसमें भी ऑर्गैनिक शहद का चुनाव बेहतर रहेगा.
खजूर
आयरन से भरा यह मीठा ड्राय फ्रूट अपने लो ग्लायसेमिक इंडेक्स के चलते पोषण का भंडार माना जाता है. इसकी प्राकृतिक मिठास डायबिटीज़ के मरीज़ों की क्रेविंग को कम करने में बेहद कारगर साबित होती है. इसका इस्तेमाल आप बेकिंग में कर सकते हैं, बिना शक्करवाली खीर बनाने में भी. चाहें तो इसे ऐसे ही खा सकते हैं. कुल मिलाकर खजूर मीठे का एक बेहद सेहदमंद विकल्प है.
खांड़ या राब
गुड़ की खांड़ यानी राब से तो भारत के ज़्यादातर लोग परिचित होते ही हैं. देखने में गहरी भूरी से लेकर काली रंग तक की नज़र आनेवाली राब डायबिटीज़ के मरीज़ों की मीठा खाने की मुराद पूरी कर सकती है, बेशक इसे संयमित मात्रा में ही खाना चाहिए. गन्ने के रस को गुड़ बनाने के लिए गरम करते समय बाय प्रॉडक्ट के रूप में इसका निर्माण होता है. इसमें आयरन, विटामिन बी6, मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम की प्रचुर मात्रा होती है. इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स भी कम होता है (55 से 60 तक). एक टेबलस्पून राब में 47 कैलोरीज़ होती हैं. डायबिटीज़ के मरीज़ इसका सेवन तो कर सकते हैं, पर संयमित मात्रा में करना बहुत ज़रूरी है.
शुद्ध मैपल सिरप
मैपल सिरप अपने शुद्ध रूप में न केवल बेहद स्वादिष्ट बल्कि सेहतमंद मीठे का विकल्प है. डायबिटीज़ के मरीज़ों और अपने वज़न को लेकर चिंतित रहनेवाले लोगों के लिए मैपल सिरप मीठा खाने की इच्छा पूरी करते हुए भी किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट नहीं डालता. मैपल सिरप में मैंगनीज़, ज़िंक और आयरन की अच्छी-ख़ासी मात्रा होती है. हां, मैपल सिरप का चुनाव करते समय यह ध्यान दें कि प्योर सिरप ही चुनें, फ़्लेवर्ड नहीं, क्योंकि उसमें शक्कर की मिलावट की जाती है.
स्टीविया
यह डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए शक्कर का सबसे अच्छा विकल्प है. इसमें कैलोरीज़ नाममात्र की होती हैं. ब्राज़ील मूल के स्टीविया नामक पेड़ से एक्स्ट्रैक्ट किया जानेवाला यह विकल्प शक्कर की तुलना में 30 गुना अधिक मीठा होता है. आपको इसकी बहुत कम मात्रा की ही ज़रूरत पड़ती है. चूंकि इसमें कार्बोइड्रेट्स नहीं होते तो यह रक्त के ग्लूकोज़ लेवल पर कोई प्रभाव नहीय डालता. इसकी अच्छी बात यह है कि इसका सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है.
मॉन्क फ्रूट
यह एक चमत्कारी फल है. इसे पीसकर हल्के भूरे रंग का पाउडर बनाया जाता है, जिसका इस्तेमाल शक्कर की जगह किया जाता है. यह शक्कर की तुलना में ज़्यादा मीठा होता है, पर कैलारीज़ न होने के चलते शरीर को कोई नुक़सान नहीं पहुंचाता. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है. यह अपने ऐंटी ऑक्सिडेंट गुणों के लिए भी जाना जाता है. इस फल को लो हान कुओ के नाम से भी जाना जाता है. यह ऑनलाइन उपलब्ध है. आप इसे वहां से ख़रीद सकते हैं.
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