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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | देश में जुलाई-अगस्त में मानसून के दौरान मच्छर जनित रोगों का जोखिम काफी तेजी से बढ़ जाता है। यही कारण है कि इन महीनों में डेंगू-चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा भी अधिक होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सिर्फ मानसून में ही नहीं सभी मौसमों में मच्छरों से बचाव किया जाना बहुत आवश्यक हैं। मलेरिया जैसे रोगों का खतरा पूरे साल बना रहता है। मच्छरों से बचाव के लिए साफ-सफाई रखना और रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग सबसे सुरक्षित माना जाता है।
पर क्या आप जानते हैं कि कुछ कारणों से मच्छर आपको अधिक काट सकते हैं। कौन से ब्लड ग्रुप मच्छरों को अधिक आकर्षित करते हैं इसको लेकर किए गए अध्ययनों के बाद अब शोधकर्ताओं ने बताया कि आप नहाने के लिए जो साबुन इस्तेमाल करते हैं उसकी गंध भी मच्छरों को आकर्षित कर सकती है। यानी कुछ प्रकार प्रकार के साबुन की खुशबू के प्रति मच्छर अधिक आकर्षित होते हैं।
बॉडी सोप मच्छरों को कैसे आकर्षित करते हैं इसे समझने के लिए वर्जीनिया के शोधकर्ताओं ने चार लोकप्रिय साबुनों का परीक्षण किया। इनमें से तीन ब्रांड को संभावित रूप मच्छरों को अधिक आकर्षित करने वाला पाया गया है। लब्बोलुआब यह है कि मच्छर स्पष्ट रूप से फल और फूल की खुशब वाले सुगंधित साबुन को पसंद करते हैं जबकि जिन साबुन में नारियल की खुशबू आती है, उसे नापसंद।
अध्ययन में जानने की कोशिश की गई कि मच्छर साबुन की गंध को कितना पसंद करते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि साबुन किसी व्यक्ति के शरीर की प्राकृतिक गंध के साथ कैसे इंटरेक्ट करता है।जर्नल आईसाइंस में प्रकाशित इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने यू.एस. में 53% लोगों के पसंदीदा ब्रांड वाले चार साबुनों पर शोध किया। यहां ये समझना जरूरी है कि किसी व्यक्ति के शरीर से आने वाली गंध का लगभग 60% हिस्सा उसके द्वारा उपयोग किए जाने वाले साबुन के कारण होता है, जबकि शेष 40% शरीर की प्राकृतिक गंध होती है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन ब्रांड्स के साबुनों में फल या फूलों की सुगंध थी उस जार वाले मच्छर अधिक सक्रिय दिखे, उनका मूमेंट भी अधिक था। हालांकि जिस जार में नारियल के गंध को डाला गया था, उसमें मच्छरों ने अधिक प्रतिक्रिया नहीं दी, वे काफी शांत रहे। इस आधार पर शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि नारियल के तेल की सुगंध वाले साबुन का उपयोग मच्छर से बचाव के लिए भी किया जा सकता है।