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हल्दी का सेवन सिर्फ शरीर के अंदर की छोटी-मोटी सूजन या सर्दी-खांसी को दूर करने के लिए ही नहीं किया जाता है,
लिवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है और इसलिए शरीर के अन्य अंगों की तरह इसका भी खास ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। पित्तरस को निकालने के अलावा लिवर हमारे रक्त में मौजूद ज्यादातर प्रकार के केमिकल लेवल को कंट्रोल करके रखता है। लेकिन देखा जा रहा है कि आजकल लोगों में फैटी लिवर की समस्याएं काफी ज्यादा हो रही हैं। ये समस्याएं सिर्फ उन लोगों को ही नहीं हो रही हो शराब का सेवन करते हैं, बल्कि जो लोग शराब नहीं पी रहे हैं उन्हें भी फैटी लिवर की दिक्कत आ रही है। शराब न पीने वाले में होने वाली फैटी लिवर की समस्या को नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर कहा जाता है। आजकल नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर का खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है और इस कारण से लिवर से जुड़ी बीमारियां भी लगातार पैदा होती जा रही हैं। लेकिन कुछ घरेलू तरीके हैं, जो फैटी लिवर के खतरे को कम कर सकते हैं।
हल्दी के स्वास्थ्यवर्धक गुण (Health benefits of turmeric)
भारतीय खाने में हल्दी का प्रयोग काफी व्यापक रूप से किया जाता है। हल्दी सिर्फ भारतीय व्यंजनों को सही रंग और एक अलग खुशबू देने का काम नहीं करती है बल्कि इससे हेल्थ बेनिफिट्स भी बहुत मिलते हैं। मेडिकल साइंस के अनुसार हल्दी में शक्तिशाली और प्राकृतिक गुण पाए जाते हैं, जो सूजन व लालिमा को कम करने का काम करते हैं। मेडिकल साइंस की मानें तो हल्दी में करक्यूमिन नामक एक खास तरह का तत्व पाया जाता है, जिसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण पाए जाते हैं, जो शरीर के अंदर की सूजन हो या फिर सर्दी-खांसी जैसी बीमारियां सभी को दूर करने में मदद करती है।
फैटी लिवर के लिए हल्दी (Turmeric for fatty liver)
हल्दी का सेवन सिर्फ शरीर के अंदर की छोटी-मोटी सूजन या सर्दी-खांसी को दूर करने के लिए ही नहीं किया जाता है, बल्कि इसके इस्तेमाल से नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर होने के खतरे को भी कम किया जा सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में की गई एक स्टडी में यह पाया गया कि हल्दी में मौजूद कुछ तत्व ऐसे हैं, जो इसके खतरे को कम कर सकते हैं। इसके अलावा एक अन्य स्टडी में भी यह पाया गया था कि रोजाना एक निश्चित मात्रा में हल्दी का सेवन करना फैटी लिवर के लक्षणों को बढ़ने से रोक सकता है।
सही तरीके से सेवन जरूरी (Right way to consume turmeric)
नॉन-अल्कोहोलिक एक गंभीर और जानलेवा बीमारी हो सकती है और इसलिए इसके लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए सही तरीके से हल्दी का सेवन करना भी जरूरी है। यदि आपको फैटी लिवर होने का खतरा है या फिर आप नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर की पहली स्टेज में हैं, तो आपको सुबह खाली पेट हल्दी का सेवन करना होगा। आपको रोजाना सुबह गुनगुने पानी के एक गिलास में आधा चम्मच हल्दी डाल लेनी चाहिए और उसे अच्छे से मिलाकर धीरे-धीरे घूंट भरते हुए पीना चाहिए। इसके अलावा सुबह की चाय में भी हल्दी डालकर उसका सेवन किया जा सकता है।
डॉक्टर से सलाह जरूरी (Doctor for fatty liver disease)
हालांकि, फैटी लिवर एक गंभीर बीमारी है और इसका इलाज डॉक्टर की देखरेख में ही किया जाना चाहिए। यदि आप फैटी लिवर के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए हल्दी का सेवन कर रहे हैं, तो इस बारे में पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। साथ ही यदि डॉक्टर ने आपको कुछ दवाएं दी हुई हैं, तो उनका सेवन बंद न करें।
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Apurva Srivastav
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