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कई लोगों को नहीं पता होते महिलाओं के शरीर से जुड़े ये Facts
SANTOSI TANDI
9 Oct 2023 1:11 PM GMT
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महिलाओं के शरीर से जुड़े ये Facts
महिलाओं के शरीर के बारे में कितनी ऐसी बातें होती हैं जो खुद महिलाओं को ही नहीं पता होती हैं। कई बार इसी कारण उन्हें अपनी बीमारियों का जिक्र करने में भी शर्म आती है। दरअसल, हमारा शरीर अलग है यह तो मान लिया जाता है, लेकिन इसके बारे में कुछ छोटी-बड़ी बातें बिल्कुल नहीं बताई जाती हैं। ऐसे में अपने ही शरीर के बारे में थोड़ी जानकारी तो होनी ही चाहिए।
'Dr Cuterus: Everything Nobody Tells You' की ऑथर, दुनिया भर में जानी जाने वाली गायनेकोलॉजिस्ट और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर डॉ तनाया उर्फ डॉ क्यूटरस ने हाल ही में महिलाओं के शरीर को लेकर भी एक पोस्ट शेयर किया। इस पोस्ट में उन्होंने बताया कि किस तरह से महिलाओं का शरीर अलग होता है और इससे जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स होते हैं जिनके बारे में उन्हें खुद भी नहीं पता होता।
1. महिलाओं के सूंघने की शक्ति पुरुषों से ज्यादा होती है
ऐसा कितनी बार हुआ है कि आपने सूंघकर बता दिया हो कि खाना खराब हो रहा है या फिर घर के किस कोने से बदबू आ रही है? कई स्टडीज बताती हैं कि इसके कारण महिलाएं अपने लिए अच्छा पार्टनर चुन पाती हैं। ऐसी ही एक स्टडी यूरोप में की गई थी जिसमें अलग-अलग स्मेल के आधार पर महिलाओं और पुरुषों का टेस्ट किया गया था। इसमें बहुत बड़े डेटा ग्रुप से सैम्पल लिए गए थे। यही कारण है कि खुशबू और बदबू को लेकर महिलाओं की नाक ज्यादा सेंसिटिव होती है।
स्टडी में यह भी बताया गया था कि महिलाओं को बुरी स्मेल पहले आती है और अच्छी स्मेल बाद में।
2. महिलाओं को दिखते हैं ज्यादा रंग
क्या आपने कभी सोचा है कि महिलाओं को इतनी आसानी से रंगों के अलग-अलग शेड्स के बारे में पता कैसे चल जाता है? आपके लिए किसी एक रंग के 25 अलग शेड्स हो सकते हैं, लेकिन पुरुषों को हो सकता है कि इसके आधे ही दिखें। Hairmax की एक स्टडी बताती है कि हर 12 में से 1 पुरुष किसी ना किसी तरह की कलर ब्लाइंडनेस से गुजरता है और यही आंकड़ा महिलाओं के मामले में 255 है। रिसर्चर्स का मानना है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं 99 मिलियन ज्यादा रंगों को देख सकती हैं और दोनों के बीच का अंतर साफ समझ सकती हैं।
अब इतना होने के बाद तो महिलाओं को सुपर ह्यूमन कहना गलत नहीं होगा।
3. महिलाओं का एक ब्रेस्ट दूसरे से बड़ा हो सकता है
यह सबसे बड़ा मिथक है कि महिलाओं के दोनों ब्रेस्ट का साइज एक जैसा ही होना चाहिए। डॉक्टर तनाया के मुताबिक, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे शरीर का विकास अलग तरह से होता है और सभी हिस्से एक साथ काम नहीं करते। यही कारण है कि पहले कोई एक ब्रेस्ट बड़ा होता है और फिर दूसरा। ब्रेस्ट सॉफ्ट टिशू भी इसी तरह से डेवलप होते हैं। अधिकतर मामलों में हमारा लेफ्ट ब्रेस्ट राइट की तुलना में ज्यादा बड़ा होता है। इसका शेप और साइज भी अलग-अलग हो सकता है।
4. मेंस्ट्रुएटर को होते हैं करीब 400 बार पीरियड्स
अगर 12 साल की उम्र या उससे ज्यादा में पीरियड शुरू हुए हैं, तो एक मेंस्ट्रुएटर को करीब 400 से ज्यादा बार पीरियड्स हो सकते हैं। हां, लड़कियों के पीरियड्स 8 साल की उम्र से भी शुरू हो जाते हैं और मेनोपॉज की उम्र भी बढ़ती या घटती रह सकती है। हालांकि, अगर 12 से 52 साल को लेकर पीरियड्स के बारे में सोचा जाए, तो 480 पीरियड्स आएंगे। इसमें अगर प्रेग्नेंसी हो गई है, तो यह आंकड़ा कम हो सकता है। यह भी एक मिथक है कि पीरियड्स सिर्फ महिलाओं को ही होते हैं। ट्रांसवुमन, ट्रांसमेल और कुछ अन्य जेंडर वाले लोग भी मेंस्ट्रुएटर्स हो सकते हैं।
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5. वेजाइना होती है बहुत एसिडिक
वेजाइना का pH लेवल बियर की तरह ही होता है। वेजाइना का एनवायरमेंट हमेशा एसिडिक रहता है। इसका कारण है हेल्दी बैक्टीरिया जिसके कारण वेजाइना हेल्दी रहती है और यही एसिडिक माहौल खराब बैक्टीरिया को हमसे दूर रखता है। इस एसिड के कारण ही हमारी वेजाइना पैंटी को ब्लीच कर देती है और डार्क अंडरवियर का रंग उड़ जाता है और ऑरेंज या येलो शेड दिखता है।
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