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डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है मखाना, कैसे करे इसका सेवन?

Nilmani Pal
23 Feb 2021 7:32 AM GMT
डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है मखाना, कैसे करे इसका सेवन?
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मखाना , कमल के बीज या फिर जिसे हम अंग्रेजी में फॉक्स नट्स के नाम से भी जानते हैं,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मखाना , कमल के बीज या फिर जिसे हम अंग्रेजी में फॉक्स नट्स के नाम से भी जानते हैं, व्यापक रूप से एंटी-डायबिटिक प्रभावों के लिए जाने जाते हैं। यह शरीर में ग्लूकोज के स्तर में सुधार करने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यदि आपका ब्‍लड शुगर लेवल ऊपर-नीचे होता रहता है, तो आपको अपनी डाइट में मखानों का प्रयोग जरूर करना चाहिए।


मखाना मुख्‍य रूप से भारत के उत्तरी भाग में पाया जाता है। इसमें ढेर सारा पोषक तत्‍व होता है, जिसे हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं। कई रिसर्च में ऐसा साबित हुआ है कि मखाना डायबिटीज के ट्रीटमेंट से लेकर मैनेजमेंट तक में लाभ पहुंचाता है। आज हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार से मखाना आपके ब्‍लड शुगर को कंट्रोल कर सकता है। साथ ही इसे किस तरह से खाया जाए, उसकी रेसिपी भी शेयर करेंगे, तो जरा ध्‍यान दें...

क्‍यों होती है शुगर की बीमारी

जब हमारे शरीर में पैक्रियाज (अग्नाश्य) इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कम या बंद कर देता है, तब हमारे ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। अगर इस स्तर को कंट्रोल ना किया जाए तो हम शुगर के रोगी बन जाते हैं। डायबिटीज दो तरह की होती है, टाइप-1 और टाइप-2। दि किसी व्यक्ति को वंशानुगत कारणों से डायबिटीज होती है तो इसे टाइप-1 डायबिटीज कहा जाता है। वहीं, अगर गलत खान-पान और खराब लाइफस्‍टाइल की वजह से डायबिटीज होती है तो उसे टाइप-2 डायबिटीज कहते हैं।

रोज सुबह खाएं बस 5 मखाने, मिलेंगे ये फायदे
डायबिटीज में होती है थकान, मखाना पहुंचाता है लाभ

थकान के कई कारण हैं जैसे तनाव, कसरत, नींद की कमी, बोरियत, अधिक वजन और दवाएं। मगर फ्री रेडिकल में वृद्धि भी थकान का एक मुख्य कारण माना जाता है। थकान मधुमेह के प्राथमिक लक्षणों में से एक माना जाता है। जैसा कि मधुमेह में, इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है या शरीर की कोशिकाएं ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने के लिए इंसुलिन का उपयोग करने में असमर्थ होती हैं, मधुमेह रोगी एक हल्के शारीरिक गतिविधि के बाद आसानी से थक जाते हैं, जो उनके दिन-प्रतिदिन के जीवन को प्रभावित कर सकता है। एक अध्ययन में, यह पाया गया कि मखाने में गैलिक एसिड जैसे फेनोलिक यौगिक, मुक्त कणों को कम करके और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करके थकान को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, दैनिक आहार के हिस्से के रूप में मखानों को मधुमेह के प्रबंधन में मदद मिल सकती है।


मधुमेह रोगियों के लिए मखाना रेसिपी
कम कैलोरी वाले मखाना की खीर

सामग्री
एक कप मखाने
चार से डेढ़ कप कम फैट वाला दूध
10-12 खजूर
मुट्ठी भर किशमिश
एक चौथाई कप बादाम
एक चौथाई कप अखरोट
चुटकीभर केसर
खीर बनाने की रेसिपी आधे कप गर्म दूध में खजूर और बादाम डालकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें। इन्हें एक महीन और गाढ़े पेस्ट में पीसें और एक तरफ रख दें। मध्यम आंच में लगभग 4-5 मिनट के लिए मखाने को कुरकुरा होने फ्राई करें। फिर उन्हें ठंडा होने दें और पीस कर पाउडर बना लें। अब एक पैन में, दूध उबालें और केसर डालें। आंच को मध्यम कर दें और फिर क्रश किए हुए मखाने डालें। लगभग 20 मिनट या मखानों के नरम होने तक उन्हें हिलाएं। मीठे स्वाद के लिए खजूर, अखरोट और बादाम का पेस्ट डालें। किशमिश डालकर ठंडा होने दें। आधे घंटे के बाद सर्व करें।
मखाना रायता

सामग्री
एक कप दही
आधा कप मखाने
आधा चम्मच जीरा या जीरा पाउडर
एक चौथाई कप धनिया पत्ती
एक कटा हुआ प्याज (वैकल्पिक)
दो कटी हुई हरी मिर्च (वैकल्पिक)
दो चम्मच घी
नमक स्वाद अनुसार
बनाने की विधि- घी में मखानों को तब तक रोस्‍ट करें, जब तक वे क्रिस्पी या गोल्डन ब्राउन न हो जाएं। दही में जीरा पाउडर, हरी मिर्च, प्याज और नमक मिलाएं। मखानों को मिश्रण में डालें और उन्हें ठीक से कोट करें। धनिया पत्ती से गार्निश करें और सर्व करें।


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