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ज्यादा टीवी देखने, कंप्यूटर पर पढ़ाई करने और मोबाइल पर गेम खेलने के साथ टैबलेट पर रीडिंग करने की वजह से बच्चों की आंखें समय से पहले ही कमजोर होने लगी हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क/ ज्यादा टीवी देखने, कंप्यूटर पर पढ़ाई करने और मोबाइल पर गेम खेलने के साथ टैबलेट पर रीडिंग करने की वजह से बच्चों की आंखें समय से पहले ही कमजोर होने लगी हैं।
गैजेट्स पर ज्यादा समय बिताना शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है, खासतौर पर आंखों के लिए। छोटे बच्चों में आंखों से जुड़ी परेशानियों का खतरा ज्यादा रहता है। हालांकि, आप बच्चे के आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल कर उसकी आंखों की रोशनी नैचुरली बढ़ा सकते हैं।
तो चलिए जानते हैं आंखों की रोशनी तेज करने वाले फूड्स के बारे में।
हरी पत्तेदार सब्जियां
इनमें कैरोटीनोइड्स के एंटी-ऑक्सीडेटिव गुण होते हैं जो आंखों को फ्री रेडिकल्स से दूर रखते हैं। ये कैरोटीनोइड्स प्रचुर मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियों में पाए जाते हैं। इनमें विटामिन ए भी उच्च मात्रा में होता है। इसलिए आप अपने बच्चे को कम उम्र से ही ब्रोकली, केल और पालक जैसी हरी सब्जियां खाने की आदत डालें। इन्हें कच्चा खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।
रंग-बिरंगी सब्जियां करती हैं मदद
टमाटर और मूली जैसी सब्जियां मैकुलर डिजेनरेशन और मोतियाबिंद को रोकती हैं। मैकुलर डिजेनरेशन आंखों को धुंधला करने का प्रमुख कारण है। गाजर और शकरकंद में बीटा-कैरोटीन होता है जो आंखों को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है और रेटिना को स्वस्थ रखता है। शिमला मिर्च भी आंखों की रोशनी बढ़ाने का अच्छा स्रोत है।
सूखे मेवे और बीज
पिस्ता, काजू, अखरोट, बादाम और मूंगफली विटामिन ई से प्रचुर होता है और बच्चों में मायोपिया के खतरे को कम करते हैं। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भी होते हैं। विटामिन ई और ओमेगा-3 आंखों में सूखापन यानि ड्राई आईज से बचाते हैं। अलसी के बीज और चिया के बीज खाने से भी आंखों से जुड़ी परेशानियां कम होती हैं।
सौंफ
सौंफ, बादाम और काला नमक, एक समान मात्रा में इन चीजों को लें। इन तीनों को एकसाथ पीसकर पाउडर बना लें और उसे एयर टाइट कंटेनर में भर लें। एक कप गर्म दूध में दो चम्मच पाउडर मिलाकर रात को सोने से पहले या सुबह खाली पेट बच्चे को पिलाएं।
त्रिफला
आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज के लिए त्रिफला का प्रयोग किया जाता है। आई ड्रॉप्स में त्रिफला के प्रयोग से आंखों में सूजन, लालिमा और दर्द को कम किया जा सकता है।
इसके अलावा त्रिफला विटामिन सी से युक्त होता है और एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से संबंधित आंखों को नुकसान पहुंचने से सुरक्षा मिलती है।
आप अपने बच्चे को त्रिफला पाउडर का काढ़ा या चाय दे सकते हैं।
ये आदत जरूर डालें
आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज के लिए त्रिफला का प्रयोग किया जाता है। आई ड्रॉप्स में त्रिफला के प्रयोग से आंखों में सूजन, लालिमा और दर्द को कम किया जा सकता है।
इसके अलावा त्रिफला विटामिन सी से युक्त होता है और एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से संबंधित आंखों को नुकसान पहुंचने से सुरक्षा मिलती है।
आप अपने बच्चे को त्रिफला पाउडर का काढ़ा या चाय दे सकते हैं।
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