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लंबे समय तक बनी रहने वाली नींद की समस्याएं हो सकती हैं जानलेवा, जानें क्या है एक्सपट्स की राय

Tulsi Rao
12 Jun 2022 5:03 AM GMT
लंबे समय तक बनी रहने वाली नींद की समस्याएं हो सकती हैं जानलेवा, जानें क्या है एक्सपट्स की राय
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। स्वस्थ शरीर और मन के लिए सभी लोगों को रोजाना रात में 6-8 घंटे की नींद पूरी करने की सलाह दी जाती है। अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है, उनमें समय के साथ कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं के विकसित होने का जोखिम हो सकता है। सिर्फ एक रात नींद पूरी न हो पाने के कारण भी थकान-कमजोरी, चिड़चिड़ापन, तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं अगर ये दिक्कतें लंबे समय तक बनी रहती हैं तो इसके कारण गंभीर समस्याएं भी विकसित हो सकती हैं, इसमें से कई के जानलेवा होने का भी खतरा हो सकता है।

विशेषज्ञ कहते हैं, नींद विकार सीधे तौर पर जानलेवा समस्याओं का कारण तो नहीं बनती हैं, हालांकि इसके कारण उत्पन्न कई स्थितियां जरूर आपकी परेशानी को बढ़ा सकती हैं। नींद विकारों के शिकार लोगों में मोटापा होने का खतरा अधिक होता है, जिसे कई प्रकार के जानलेवा रोगों जैसे हृदय रोग, कैंसर और टाइप-2 डायबिटीज की समस्या बढ़ाने वाला माना जाता है। आइए अनिद्रा के कारण होने वाली गंभीर समस्याओं के बारे में जानते हैं।

नींद न आने से बढ़ सकती है हृदय रोगों की दिक्कत

नींद विकार और मोटापा

अध्ययनों से पता चलता है कि नींद की कमी, शरीर में हार्मोनल असंतुलन का कारण बनती है जिसके कारण अधिक खाने की इच्छा हो सकती है, जो वजन बढ़ने का कारण बनती है। नींद पूरी न कर पाने वाले लोगों में लेप्टिन और घ्रेलिन जैसे हार्मोंन्स का असंतुलन हो सकता है। ये आपमें भूख की भावना को बढ़ा देते हैं। नींद की कमी के कारण ग्रोथ हार्मोन में कमी और कोर्टिसोल के बढ़ने का खतरा भी देखा जाता है, ये दोनों मोटापे के जोखिम को बढ़ा देते हैं।

नींद विकार के जानलेवा दुष्प्रभाव

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वैसे तो नींद विकार सीधे तौर पर जानलेवा दुष्प्रभावों वाले नहीं माने जाते हैं, हालांकि लंबे समय तक बनी रहने वाली यह समस्या कई ऐसे रोगों के खतरे को बढ़ा देती है जिसके कारण समय से पहले मृत्यु का खतरा हो सकता है।

नींद विकार वाले लोगों में मोटापा का खतरा सबसे अधिक होता है। मोटापा या अधिक वजन की स्थिति हृदय रोगों का जोखिम कारक है, जिसे दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारक के रूप में जाना जाता है।

नींद की कमी के अन्य दुष्प्रभाव

मोटापा और मानसिक स्वास्थ्य विकारों के अलावा नींद की कमी कई और प्रकार की समस्याओं को बढ़ावा दे सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि जिनकी नींद लगातार पूरी नहीं हो पाती है उनमें इस तरह के जोखिमों का खतरा बढ़ जाता है।

उच्च रक्तचाप

दिल की धड़कन का रुकना (हार्ट फेलियर)

अनियमित रूप से दिल का धड़कना।

धमनी के रोग।

टाइप-2 डायबिटीज।

मूड विकार, डिप्रेशन और चिड़चिड़ापन।

अच्छी नींद लेने के प्रयास करें

नींद विकारों से बचाव

नींद विकारों से बचाव के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, इसलिए सभी लोगों को इस बारे में सावधानी बरतनी चाहिए।

हर रात एक ही समय पर सोने की कोशिश करें।

कोशिश करें कि दिन में नींद न लें इससे आपकी रात की नींद प्रभावित हो सकती है।

कैफीन, निकोटीन और शराब आदि से बचें।

नियमित व्यायाम की आदत बनाएं, इससे लाभ मिलता है।


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