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LIFESTYLE : फोन पास रखकर सोने से भी होता है कैंसर?

Ritisha Jaiswal
14 July 2024 5:40 AM GMT
LIFESTYLE : फोन पास रखकर सोने से भी होता है कैंसर?
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LIFESTYLE : फोन PHONE पास रखकर सोने से है कैंसर होता है? अक्सर कैंसर CANCER को लेकर हम ऐसी बातें अपने आसपास में सुनते हैं. कैंसर को लेकर कई तरह के भ्रम लोगों के मन में होते हैं. ऐसे कई सवाल होते हैं जिन्हें लेकर अक्सर वह कंफ्यूज COMPUTER रहते हैं. उनमें से एक बड़ा सवाल यह है कि फोन को सिर के पास रखने के कारण ब्रेन ट्यूमर की समस्या होती है.
'Myth Vs Facts सीरीज' की कोशिश है कि आपको दकियानूसी बातों की दलदल से निकालकर आपतक सच्चाई पहुंचाना.' फोन और कैंसर को लेकर कई सारी बातें कही जाती है. जैसे फोन को अपने पास रखकर सोते हैं? कुछ लोग फोन को अपने पास ही चार्ज करते हैं? डॉक्टर DOCTOR आपको अपने मोबाइल फोन को अपने बेडरूम से दूर रखने के लिए क्यों कहते हैं.
Myths Vs Facts: मोबाइल से कैंसर CANCER का खतरा बढ़ता है?
Fact Check: हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जब हमारा मोबाइल फोन हमें खुद का ही एक हिस्सा लगता है. ऐसे में इसकी सुरक्षा के बारे में सवालों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. एक चिंता यह है कि क्या मोबाइल फोन को शारीरिक रूप से अपने पास रखने से खास तौर पर सोते समय, ब्रेन ट्यूमर BRAIN TUMER का जोखिम बढ़ जाता है? अंतर्राष्ट्रीय ब्रेन ट्यूमर अवेयरनेस ग्रुप AWARNESS GROUP के मुताबिक साउथ फर्स्ट SOUTH FIRST ने इस बारे में विशेषज्ञों से बात की.
कई रिसर्च में यह बात साबित हुई है कि मोबाइल फोन के कारण कई सारे हेल्थ इश्यू HEALTH ISSUE होते हैं. साथ ही साथ यह भी कही गई कि कई सारी स्वास्थ्य जोखिमों का खतरा बढ़ता है. जबकि कुछ रिसर्च में फोन के इस्तेमाल और ब्रेन ट्यूमर के बीच संभावित संबंध का सुझाव दिया गया है.
हैदराबाद स्थित अपोलो हॉस्पिटल्स HOSPITAL के कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार कहते हैं, 'अभी तक इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि सोते समय मोबाइल फोन को कान या सिर के पास रखने से ब्रेन ट्यूमर होता है,
डॉक्टर DOCTOR कुमार बताते हैं कि मोबाइल फोन रेडियोफ्रीक्वेंसी (आरएफ) एक खास तरह के रे निकालती हैं. जो एक प्रकार का गैर-आयनीकरण विकिरण है. एक्स-रे के आयनीकरण विकिरण के विपरीत, जो डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है और संभावित रूप से कैंसर का कारण बन सकता है. गैर-आयनीकरण विकिरण ट्यूमर बनाती है इसका कोई प्रमाण नहीं मिले हैं. मेनिंगियोमा जैसे सौम्य ट्यूमर और ग्लियोमा जैसे कैंसर वाले ट्यूमर TUMOUR दोनों को देखा है. रिसर्च RESARCH में यह पता चला कि इसके कोई सबूत नहीं है. कुछ अध्ययनों ने कैंसर के जोखिम में मामूली जोखिम देखी गई है लेकिन इसके पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं.
शोधकर्ताओं ने मोबाइल फोन के उपयोग और मस्तिष्क ट्यूमर BRAIN TUMOUR के बीच संबंधों की जांच करने के लिए कई व्यापक अध्ययन किए हैं. ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जो यह सुझाव दे कि अपने भरोसेमंद सेल फोन को हाथ में रखना या यहां तक ​​कि सोते समय इसे अपने पास रखना, मस्तिष्क कैंसर BRAIN CANCER के खतरे को बढ़ाता है.
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