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जानिए हाई ब्लड प्रेशर को काबू करने के लिए करें केले का सेवन, जो है भारी मात्रा में पोटैशियम से लैस

Nilmani Pal
22 Nov 2020 2:27 PM GMT
जानिए हाई ब्लड प्रेशर को काबू करने के लिए करें केले का सेवन, जो है भारी मात्रा में पोटैशियम से लैस
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हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मौत का खतरा घटाने में इसकी अहम भूमिका पाई गई है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उच्च रक्तचाप की समस्या दिन बदिन आम होती जा रही है। कई लोग तो नमक के सेवन में कटौती और नियमित रूप से योग-व्यायाम करने के बावजूद ब्लड प्रेशर को काबू में रखने में मुश्किलों का सामना करते हैं। अमेरिकी स्थित अलबामा यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में ऐसे लोगों को दिन की शुरुआत केले से करने की सलाह दी गई है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक केला भारी मात्रा में पोटैशियम से लैस होता है। पोटैशियम कोशिकाओं से सोडियम बाहर निकलने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। इससे रक्तप्रवाह के दौरान धमनियों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।

मुख्य शोधकर्ता मोनिका ऑसलैंडर मोरेनो की मानें तो पोटैशियम मानव हृदय में मौजूद मांसपेशियों के सिकुड़ने और फैलने की प्रक्रिया को भी सुचारु बनाए रखने में मददगार है। हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मौत का खतरा घटाने में इसकी अहम भूमिका पाई गई है।

फायदे और भी हैं...

1.केले में पेक्टिन और रेजिस्टेंट स्टार्च भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, पाचन तंत्र धीमा कर भूख घटाने और ब्लड शुगर का स्तर काबू में रखने में कारगर

2.हरे केले में भूख का एहसास घटाने वाला पेक्टिन ज्यादा मात्रा में मौजूद होता है, कार्बोहाइड्रेट की मौजूदगी भी चयापचय क्रिया नियंत्रित रख वजन घटाती है

3.फाइबर का भी बेहतरीन स्रोत माना जाता है केला, कब्ज की शिकायत दूर रखने और आंत से जुड़े रोगों, यहां तक कि कैंसर से बचाव में असरदार मिला है

पोषक तत्वों का खजाना

-कार्बोहाइड्रेट : 28 ग्राम

-शक्कर : 15 ग्राम

-फाइबर : 03 ग्राम

-प्रोटीन : 01 ग्राम

-पोटैशियम : 450 मिलीग्राम

-मैग्नीशियम : 32 मिलीग्राम

-विटामिन-सी : 10.3 मिलीग्राम

-विटामिन-बी6 : 0.4 मिलीग्राम

सेहत का साथी

-110 कैलोरी औसतन पाई जाती है मध्यम आकार के एक केले में, फैट की मौजूदगी शून्य

-11% विटामिन-सी, 9% पोटैशियम, 8% मैग्नीशियम की दैनिक खुराक पूरी करने में सक्षम

डराते आंकड़े

-1.13 अरब अनुमानित वैश्विक आबादी हाइपरटेंशन से जूझ रही

-67 फीसदी से ज्यादा पीड़ित इनमें से गरीब, विकासशील मुल्कों के

-1.04 करोड़ लोगों की जान औसतन उच्च रक्चताप से जाती है हर साल

(स्रोत : इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन)

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