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जानें जायफल के तेल फायदे

Tara Tandi
16 May 2021 7:41 AM GMT
जानें जायफल के तेल फायदे
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जायफल का इस्तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है. इसका स्वाद मीठा होता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| जायफल का इस्तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है. इसका स्वाद मीठा होता है. इसका इस्तेमाल व्यंजनों में कम से कम किया जाता है. जायफल तेल का इस्तेमाल दवाओं और कॉस्मेटिक चीजों के लिए किया जाता है. आयुर्वेद में इसका काफी महत्व है. ये एक इंडोनेशियाई मसाला है. इसमें कई सारे पोषक तत्व होते हैं. जायफल में फाइबर, थियामिन, विटामिन बी 6, फोलेट, कॉपर, मैक्लिग्रान और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. आइए जानें कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में ये तेल कैसे मदद करता है.

जायफल तेल के फायदे
सांसों की दुर्गंध के लिए- जायफल तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. इसका इस्तेमाल कई टूथपेस्ट में भी किया जाता है. ये मुंह में बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद कर सकता है. इससे मसूड़ों की सूजन और दांतों में होने वाले दर्द में राहत मिल सकती है. क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं. इसका इस्तेमाल आप पानी में कुछ बूंदें डालकार कुल्ला कर सकते हैं.
मांसपेशियों और जोड़ों दर्द के लिए – जायफल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. ये मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव से संबंधित दर्द में राहत देने का काम करते हैं. जोड़ों की सूजन को आराम देने में ये तेल काम कर सकता है. जायफल के तेल की कुछ बूंदें प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं.
तनाव कम करने के लिए – जायफल के तेल का उपयोग अरोमाथेरेपी के लिए भी किया जा सकता है. इसे इस्तेमाल डिफ्यूजर में डालकर कर सकते हैं. ये स्ट्रेस और एंग्जाइटी की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है.
त्वचा के लिए – जायफल में एंटी ऑक्सिडेंट्स की मात्रा भरपूर होता है. ये त्वचा के लिए के लाभकारी साबित हो सकता है. जायफल एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल आप नहाने के पानी में मिलाकर कर सकते हैं.
फ्लेवर के लिए – जायफल तेल का इस्तेमाल कई मसालेदार भोजन, मिठाई या बेक्ड प्रोडक्ट में फ्लेवर देने के लिए भी किया जा सकता है.
जायफल के नुकसान
जायफल की तासीर काफी गर्म होती है. इसका अधिक सेवन आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे आंख में जलन, सिरदर्द, चक्कर, त्वचा में लाल चकत्ते, मुंह सूखना आदि की समस्या हो सकती है. इसलिए इसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही किया जाना चाहिए.


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