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जानें कैसे बनाएं मल्टीग्रेन आटा

Tara Tandi
20 March 2022 6:37 AM GMT
जानें कैसे बनाएं मल्टीग्रेन आटा
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सेहत का ख्याल रखने के लिए मल्टीग्रेन आटा काफी फायदेमंद होता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सेहत का ख्याल रखने के लिए मल्टीग्रेन आटा काफी फायदेमंद होता है। गेंहू के आटे की रोटी की बजाय इन दिनों मल्टीग्रेन आटे की रोटी खाने की सलाह दी जाती है। खासतौर पर उन लोगों को जो मोटापे या फिर डायबिटीज जैसी बीमारियों से परेशान हैं। वहीं मल्टीग्रेन आटा पेट से संबंधित समस्याओं से भी राहत दिलाने का काम करती है। वैसे तो बाजार में मल्टीग्रेन आटा बहुत ही आसानी से मिल जाता है। लेकिन अगर आप शुद्ध मल्टीग्रेन आटा चाहती हैं तो इसे घर में भी बनाकर तैयार किया जा सकता है। तो चलिए जानें क्या है मल्टीग्रेन आटा बनाने की विधि।

मल्टीग्रेन आटा बनाने के लिए सामग्री
मल्टीग्रेन आटे के लिए जरूरत होगी गेंहूं का आटा, साथ में रागी, ओट्स, मक्के का आटा, चना दाल, सोया बीन, बाजरा, ज्वार, बार्ली, इसके साथ ही कुछ और अनाज भी इसमे शामिल कर सकती हैं।
मल्टीग्रेन आटा बनाने की विधि
अगर शुद्धता के साथ सेहत का ख्याल रखना चाहती हैं तो मल्टीग्रेन आटे को बनाने के लिए सारी सामग्री को निश्चित मात्रा में लें। दो किलो गेंहू के आटे के साथ सौ ग्राम ओट्स, सौ ग्राम चने की दाल, सौ ग्राम मक्का, पचास ग्राम रागी, पचास ग्राम सोयाबीन।
इन सारी सामग्रियों को लेकर अच्छी तरीके से धो लें। बस ओट्स को ना धोएं। फिर इन सारी सामग्रियों को धूप में अच्छी तरह से सूखने दे। जब एक या दो दिन में सारे अनाज सूख जाएं। फिर इन सारे अनाज को कड़ाही में डालकर हल्का सा भून लें। बस गेंहू के आटे और ओट्स को ना भूनें। जब इन अनाज में से हल्की महक आने लगे तो गैस बंद कर इन्हें ठंडा कर लें।
अब इन सारे अनाज को ग्राइंडर में डालकर बारीक पीस लें। इस बात का खास ध्यान रखें कि सारे अनाज अच्छी तरह से सूखे हुए हों। सारे अनाज को पीसकर रख लें। फिर महीन चलनी की मदद से इसे चालकर रख लें। चले हुआ दरदरे भाग को एक बार फिर से ग्राइंडर में डालकर पीस लें। फिर से चलनी से चालकर किसी एयर टाइट कंटेनर में भरकर रख दें। तैयार है आपका मल्टीग्रेन आटा। बस इस आटे की रोटी बनाकर तैयार करें।
मल्टीग्रेन आटे की रोटी खाने के बहुत सारे फायदे हैं। इन्हें खाने से जहां वजन कम होता है। वहीं ये सारे अनाज पौष्टिक तत्तों से भरपूर होते हैं। जो शरीर प्रोटीन. विटामिन. जिंक. कॉपर जैसे पोषक तत्वों की कमी नहीं होने देते। ओट्स में मौजूद बीटा ग्लूकन दिल की सेहत का खासतौर पर ख्याल रखते हैं।
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