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जानिए भारत में अक्सर खाना सरसों के तेल में बनाना क्यों पसंद किया जाता है।

Khushboo Dhruw
13 Dec 2021 6:26 PM GMT
जानिए भारत में अक्सर खाना सरसों के तेल में बनाना क्यों पसंद किया जाता है।
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खाना पकाते समय स्मोकिंग पॉइंट - जिस पर तेल विषाक्त पदार्थ उत्पन्न करना शुरू कर देता है और स्वास्थ्य लाभ कम होने लगता है


खाना पकाते समय स्मोकिंग पॉइंट - जिस पर तेल विषाक्त पदार्थ उत्पन्न करना शुरू कर देता है और स्वास्थ्य लाभ कम होने लगता है - यह परिभाषित करता है कि तेल कितना अच्छा या सुरक्षित है। कुछ तेलों का स्मोकिंग पॉइंट उच्च होता है जबकि कुछ का कम होता है।
भारत में अक्सर खाना सरसों के तेल में बनाना पसंद किया जाता है। अपनी तेज़ सुगंध, गहरे पीले रंग और तेज़ स्वाद के लिए जाने जाने वाले सरसों के तेल में सेहत से जुड़े कई फायदे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार रोज़ाना सरसों के तेल के सेवन से ये फायदे मिलते हैं:
- मांसपेशियों में दर्द का ख़त्म होना
- त्वचा और बालों की सेहत में सुधार होना
- सूजन का जोखिम कम होना
- दिल की सेहत में सुधार होना
- सर्दी के इलाज के लिए
- माइक्रोबियल विकास को रोकना
खाना पकाने के लिए सरसों का तेल
खाना पकाते समय, स्मोकिंग पॉइंट - जिस पर तेल विषाक्त पदार्थ उत्पन्न करना शुरू कर देता है और स्वास्थ्य लाभ कम होने लगता है - यह परिभाषित करता है कि तेल कितना अच्छा या सुरक्षित है। कुछ तेलों का स्मोकिंग पॉइंट उच्च होता है, जबकि कुछ का कम होता है - वे कितनी जल्दी धुआं छोड़ना शुरू करते हैं। सरसों के तेल का स्मोकिंग पॉइंट उच्च है और लोग इसमें खाना बनाते वक्त इसे पहले अच्छी तरह जला लेते हैं ताकि इसका तेज़ स्वाद और सुगंध ख़त्म हो जाए। लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसा करना सही है?
सरसों के तेल के पोषक तत्व
इस तेल में उच्च मात्रा में इरुसिक एसिड होता है जो हृदय रोगों के प्रबंधन में योगदान करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, इसमें मोनो-अनसैचुरेटेड फैटी एसिड का तुलनात्मक रूप से उच्च प्रतिशत होता है, जो इसे हृदय रोगियों के लिए बेहतर विकल्प बनाता है। इसका गर्म होना का पॉइंट काफी उच्च है, इसलिए यह भारतीय पकवानों के लिए उपयुक्त है। सरसों के तेल में एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होते हैं, इसलिए इसे अचार जैसी चीज़ों में इस्तेमाल किया जाता है।

इस तेल को गर्म करने का असर
सरसों के बीच और पानी को जब 15 मिनट के लिए उच्च तापमान पर तक गरम किया जाता है, अपना स्वाद और शक्ति खोने लगते हैं। कई संस्कृतियों में, तेल को स्मोकिंग पॉइंट तक जलाया जाता है और फिर एक उपयुक्त तापमान पर ठंडा किया जाता है और स्वाद को कम करने के लिए खाना पकाने में उपयोग किया जाता है। सरसों के तेल को जलाने से न सिर्फ खाने का स्वाद बदल जाता है, बल्कि ज़रूरी फैटी एसिड्स, ऑक्सीडाइस फैट्स ख़त्म हो जाते हैं और हानिकारक मुक्त रेडिकल्स रिलीज़ होते हैं जो सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।
हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरसों के तेल को जलाने से उसके पोषक तत्व ख़त्म नहीं होते। उसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, MUFA, PUFA, विटामिन-ई और प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स रहते हैं। एक्सपर्ट्स सरसों के तेल के बारे में अलग-अलग राय ज़रूर रखते हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस तेल में सेहत के लिए कई गुण होते हैं। इसे खाने में इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह ले लें।


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