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अस्थमा या दमा एक ऐसी परेशानी है जिसमें मरीज की सांस की नली में सूजन आ जाती है। अस्थमा के मरीज की चलने पर सांस फूलती है और सांस लेने में तकलीफ होती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अस्थमा या दमा एक ऐसी परेशानी है जिसमें मरीज की सांस की नली में सूजन आ जाती है। अस्थमा के मरीज की चलने पर सांस फूलती है और सांस लेने में तकलीफ होती है। सांस में तकलीफ की वजह से मरीज को खांसी भी आने लगती है। सांस की नली के सिकुड़ जाने से मरीज का दम फूलता है। अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी उम्र के इनसान को अपनी गिरफ्त में ले लेती है। दमा की परेशानी 5-11 साल की उम्र के बच्चों को भी हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि भारत में लगभग 20 मिलियन दमा रोगी हैं।
दमा की बीमारी में फैमिली हिस्ट्री बेहद मायने रखती है। बरसात और सर्दी के मौसम में अस्थमा के मरीजों को बेहद परेशानी होती है। इस मौसम में मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। अस्थमा के मरीजों के लिए खान-पान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ठंडी चीजों का सेवन करने से म्यूकस बढ़ने का खतरा रहता है जिससे अस्थमा के मरीजों का सांस फूलने लगता है।
गर्मी में ठंडा पानी और ठंडी चीजें अस्थमा के मरीजों को परेशान कर सकती है। जर्नल न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित 2017 के एक अध्ययन के अनुसार रिफाइंड अनाज, प्रोसेस्ड व रेड मीट और डेसर्ट का अधिक सेवन अस्थमा के मरीजों के लिए आदर्श फूड नहीं हैं। कुछ फूड अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं कि अस्थमा के मरीज गर्मी में किन फूड्स से परहेज करें।
दही और छाछ से करें परहेज: अस्थमा के मरीज गर्मी में भी दही से परहेज करें। अस्थमा के मरीजों को दही और छाछ नुकसान पहुंचा सकता है। मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। अगर आपको दही या छाछ का सेवन करना है तो दिन में ही करें।
तली हुई चीजों से तौबा करें: अस्थमा के मरीजों को तले हुए फूड से दूरी बनाकर रहनी चाहिए। ये फूड म्यूकस बना सकते हैं। कार्बोहाइड्रेट, वसा वाली चीजों का सेवन कम से कम करना अस्थमा के मरीजों के लिए उपयोगी है।
दूध और दूध से बने पदार्थों से दूर रहें: अस्थमा के मरीज दूध और दूध से बने सभी पदार्थों से दूर रहें। दूध उत्पाद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। इन्हें खाने से फेफड़ों में सूजन हो सकती है या वायुमार्ग में संक्रमण हो सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
फलों में पपीता और केला से परहेज जरूरी: अस्थमा के मरीज फलों में केला और पपीता से परहेज करें। इन फलों का सेवन करने से अस्थमा उभर सकता है। इनका सेवन करने से मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
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