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जानिए क्या होना चाहिए शिशु के शरीर का तापमान

Tara Tandi
11 July 2022 11:28 AM GMT
जानिए क्या होना चाहिए शिशु के शरीर का तापमान
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क्या आप अपने शिशु के बदलते शरीर के तापमान को लेकर चिंचित रहते हैं? बच्चों के शरीर का तापमान मौसम और खानपान की वजह से बदलता रहता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। क्या आप अपने शिशु के बदलते शरीर के तापमान को लेकर चिंचित रहते हैं? बच्चों के शरीर का तापमान मौसम और खानपान की वजह से बदलता रहता है. अक्सर कहा जाता है कि शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट होता है लेकिन यह संख्या केवल एवरेज मात्र है. हर व्यक्ति के शरीर का तापमान अलग होता है. इसके अलावा उम्र के हिसाब से इसमें बदलाव होता रहता है. नवजात शिशु का तापमान 3 साल के बच्चों से अधिक होता है. शिशु का तापमान यदि थोड़ा अधिक रहता है तो घबराने की जरूरत नहीं है. बता दें कि शरीर के तापमान का बदलाव हाइपोथर्मिया के कारण परिवर्तित होता है. आज हम बताते हैं शिशु के शरीर का सामान्य तापमान कितना होना चाहिए और क्या कारण है, जिस वजह से शरीर का तापमान बढ़ जाता है.

नवजात शिशु के शरीर का तापमान
हेल्थ लाइन के अनुसार नवजात शिशु के शरीर के तापमान में बदलाव होता रहता है. बड़ों के मुकाबले छोटे बच्चों के शरीर का तापमान अधिक रहता है. 0 से 2 साल तक के शि​शु का सामान्य तापमान 97.9 से 100 डिग्री फॉरेनहाइट तक होना चाहिए. छोटे बच्चे के शरीर का आकार कम होता है इसलिए उनका तापमान अधिक होता है. बॉडी छोटी होने की वजह से ​बड़ों के मुकाबले तापमान हमेशा अधिक होता है. मुंह से लिया गया तापमान 95.8 से 99.3 डिग्री फॉरेनहाइट होना चाहिए. वहीं बगल से लिया गया तापमान 95.8-98.3 डिग्री फॉरेनहाइट सामान्य माना जाता है.
3 से अधिक उम्र के बच्चों का तापमान
3 से 10 साल तक के बच्चों का तापमान व्यस्क के बराबर ही र​हता है. इसका सामान्य तापमान 95.9 से 99.5 डिग्री फॉरेनहाइट होना चाहिए. 3 से 10 साल के बच्चों के शरीर का तापमान ज्यादा नहीं बदलता. बच्चों के खेलने और खाने की क्षमता के अनुसार बच्चों की बॉडी गर्म होती है. बच्चों के शरीर का सामान्य तापमान जानने के लिए थर्मामीटर का उपयोग करें. यदि मुंह से तापमान 97.6-100.3 डिग्री फॉरेनहाइट तक आता है तो समझिए ​कि शरीर का तापमान सामान्य है.
मौसम गर्म होने की वजह से शरीर का तापमान बढ़ जाता है.
उम्रदराज लोगों के शरीर का तापमान कम होता है क्योंकि शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की हमारी क्षमता उम्र के साथ कम होती जाती है.
फिजिकल एक्टिविटी का हमारे शरीर के तापमान में काफी फर्क पड़ता है. हम जितना बॉडी को एक्टिव रखेंगे शरीर का तापमान उतना ही बढ़ेगा.
आर्मपिट से ली गई ​रीडिंग मुंह से ली गई रीडिंग से कम आती है.
इसके अलावा हार्मोन का स्तर भी शरीर के तापमान को प्रभावित कर सकता है.
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