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परफेक्ट दिखने की चाहत के बीच प्लास्टिक सर्जरी करवाने का चलन आजकल सिर्फ एक्ट्रेस या मॉर्डल्स के बीच में ही नहीं बल्कि आम लड़कियों के बीच में भी इसका क्रेज काफी बढ़ गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। परफेक्ट दिखने की चाहत के बीच प्लास्टिक सर्जरी करवाने का चलन आजकल सिर्फ एक्ट्रेस या मॉर्डल्स के बीच में ही नहीं बल्कि आम लड़कियों के बीच में भी इसका क्रेज काफी बढ़ गया है। हालांकि लोग कई बार इन दोनों सर्जरी को एक ही समझ लेने की भूल कर बैठते हैं। जिसकी वजह से उन्हें कई बार नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। दरअसल, सर्जरी दो तरह की होती है प्लास्टिक व कॉस्मेटिक सर्जरी। आइए जानते हैं फोर्टिस अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ विश्वनाथ दुदानी से आखिर क्या है इन दोनों ही सर्जरी में फर्क और कौन सी सर्जरी किस चीज के लिए करवाई जाती है।
कॉस्मेटिक और प्लास्टिक सर्जरी में अंतर-
प्लास्टिक सर्जरी अपने आप में संपूर्ण विषय है जबकि कॉस्मेटिक सर्जरी किसी बड़े वृक्ष की एक शाखा मात्र है। साधारण शब्दों में समझे तो प्लास्टिक सर्जरी में करेक्टिव और रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के सभी अंग मौजूद होते हैं।
प्लास्टिक सर्जरी कब होती है-
प्लास्टिक सर्जरी का इस्तेमाल मेडिकल प्रेक्टिशनर द्वारा प्राय: ट्रॉमा (संघात) के मामलों में इलाज के दौरान किया जाता है। यह ट्रॉमा चेहरे, हाथ-पैरों में हो सकता है – या किसी भी प्रकार के टिश्यू लॉस की स्थिति में जैसे कि स्किन (त्वचा), टेंडन (उपास्थि) , नर्व्स (स्नायु), वैसल्स (रक्तवाहिकाएं) और बोन्स (हडि्डयां) में किया जाता है। इन्हें कई प्रकार की सर्जिकल तकनीकों जैसे कि स्किन ग्राफ्ट, स्किन फ्लैप और माइक्रोसर्जरी आदि से रीकंस्ट्रक्ट या रिप्लेस किया जाता है।
प्लास्टिक सर्जरी का इस्तेमाल शरीर के किसी भी भाग की विकृति को दूर करने के लिए भी किया जाता है, इसमें डर्मल ग्राफ्ट, डर्मल सब्सटीट्यूट्स, फैट ग्राफ्ट और कोलेजन फिलर से विकारों को दुरुस्त किया जाता है। इसी तरह, आग से जले हुए भागों, बिजली के करंट से जलने पर प्रभावित, कोल्ड बर्न और रसायनों से जलने पर विकृत हुए शरीर के अंगों को भी प्लास्टिक सर्जरी से ठीक किया जाता है और यह शुरुआत से लेकर रीकंस्ट्रक्शन पूरा होने तक की प्रक्रिया है।
चेहरे पर जलने से उत्पन्न विकृतियों, गर्दन, छाती, स्तन, और कुहनियों के संकुचन, कलाई तथा हथेली की उंगलियों आदि में उत्पन्न विकारों को प्लास्टिक सर्जरी से ठीक किया जाता है। इसी तरह, Z -प्लास्टी, W- प्लास्टी, V- Y प्लास्टी समेत अन्य कई सुधार विधियों का प्रयोग किया जाता है। यहां तक कि न्यूरोसर्जरी में – क्रेनियल और स्कैल्प विकारों के लिए भी रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की जाती है।
कॉस्मेटिक सर्जरी कब की जाती है-
जब किसी व्यक्ति के सौंदर्य पक्ष (एस्थेटिक्स) को उभारना होता है, और सर्जरी का मकसद व्यक्ति विशेष के अंग (अंगों) को अधिक आकर्षक, अधिक सिमिट्रकल और प्रपोशनेट बनाना होता है तो कॉस्मेटिक सर्जरी का सहारा लिया जाता है। यह दरअसल, व्यक्ति के सौंदर्य को उभारती है। कॉस्मेटिक सर्जरी शरीर के सभी हिस्सों यानि सिर, गर्दन और शेष शरीर पर की जा सकती है।
जहां तक कॉस्मेटिक सर्जरी का सवाल है, इसका मकसद पहले से ही सामान्य भाग पर काम करना होता है न कि किसी ट्रॉमा या बर्न अथवा किसी दुर्घटना या संक्रमण से प्रभावित भाग को दुरुस्त करना। इसमें शरीर के अंगों को और बेहतर बनाना या उभारना मकसद होता है। रीइनोप्लास्टी एक प्रकार की कॉस्मेटिक सर्जरी है जिसमें नाक की शेप को बदला जाता है, इसे हड्डी जोड़कर या निकालकर या कार्टिलेज फेसलिफ्ट या नैक लिफ्ट की मदद से अंजाम दिया जाता है।
कॉस्मेटिक सर्जरी में ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी भी की जाती है जिसमें बड़े और भारी आकार के स्तन का आकार घटाया जाता है। इसी तरह, ऑगमेंटेशन मैमोप्लास्टी में छोटे आकार के स्तनों को बड़ा आकार दिया जाता है और इसके लिए स्तन के नीचे इंप्लांट लगाए जाते हैं और फैट ग्राफ्ट्स की मदद ली जाती है। जबकि ढीले और झूलते स्तनों को ऊपर उठाने के लिए मैस्टोपैक्सी की जाती है। पेट की रीशेपिंग के लिए लिपोसक्शन, लिपोफिलिंग और एब्डोमिनोप्लास्टी की जाती है। बटक एन्हान्समेंट और थाइ लिफ्ट उतनी आम प्रक्रियाएं नहीं हैं लेकिन ये भी स्थापित सर्जिकल प्रक्रियाएं हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट्स और फिलर्स लेज़र्स भी कॉस्मेटिक सर्जरी का हिस्सा होते हैं। दोनों में ही जैंडर एसाइनमेंट किया जाता है। इन दिनों, पहले की तुलना में कॉस्मेटिक सर्जरी के तहत् जैंडर एसाइनमेंट में आंशिक तौर पर एनहांसमेंट या रीज्युवेनेशन को अधिक स्वीकार्यता मिल चुकी है।
Tara Tandi
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