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PCOS ;आधुनिक समय में महिलाओं को पीसीओएस की परेशानी होना काफी आम हो चुका है। इसे पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम नाम से भी जाना जाता है। बीते कुछ सालों में 18 से 40 वर्ष की महिलाओं में यह काफी कॉमन हो चुका है। पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं की ओवरी में समय से पहले एग्ज रिलीज होने लगते हैं। धीरे-धीरे ये एग्ज गांठ या सिस्ट में बदलने लगते हैं। इस सिस्ट के कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आते हैं। इसके अलावा कई बार महिलाओं को कंसीव करने में परेशानी हो सकती है। पीसीओएस के कई सामान्य लक्षण होते हैं। वहीं, कुछ लक्षण रात के समय काफी ज्यादा नजर आते हैं। अगर आप इन लक्षणों पर ध्यान देते हैं, तो आपकी स्थिति में काफी हद तक सुधार हो सकता है। आइए जानते हैं रात के समय पीसीओएस के लक्षण क्या हैं?
काफी ज्यादा पसीना आना पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं को रात को सोते समय काफी ज्यादा पसीना आता है। कई बार यह एसी और पंखा चलने के दौरान भी आता है। इसके अलावा नॉर्मल समय भी पसीना आने लगता है। अगर आपको भी रात के समय काफी ज्यादा पसीना आता है, तो इस स्थिति में एक बार अपने हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह लें। ताकि स्थिति में सुधार किया जा सके।
काफी ज्यादा थकान महसूस होना पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं को काफी ज्यादा थकान होती है। खासतौर पर रात के समय एनर्जी पूरी तरह से कम हो जाता है। इस दौरान किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है। अगर आपको ऐसे संकेत दिख रहे हैं औरQuality of sleep में दिक्कत हो रहा है, तो फौरन एक बार एक्सपर्ट की सलाह लें।
नींद आने में दिक्कत कई बार पीसीओएस की परेशानी बढ़ने पर रात के समय महिलाएं करवटें बदलती रहती हैं, क्योंकि उन्हें नींद नहीं आती रहती है। शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव के कारण मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है, जिसकी वजह से नींद नहीं आती है। अगर आपको ऐसे संकेत नजर आ रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर की मदद लेना न भूलें।
माइग्रेन का खतरा पीसीओएस में रात के समय कई बारMigraine Attacks कर सकता है। दरअसल, रात में जब अचानक से हार्मोन लेवल बदलता है, तो तेज सिर दर्द हो सकता है। अगर आपको इस तरह के संकेत दिख रहे हैं, तो एक बार अपने शरीर की जांच कराएं।
वजाइना में यीस्ट इंफेक्शन महिलाओं में पीसीओएस की परेशानी होने पर यीस्ट इंफेक्शन की समस्या बढ़ जाती है। इस वजह से रात में कई बार वजाइना में खुजली होने लगती है। साथ ही व्हाइट डिस्चार्ज का भी खतरा रहता है। इसलिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें।
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Deepa Sahu
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