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जानिए क्या होता है लो कोलेस्ट्रॉल?

Tara Tandi
17 Aug 2022 6:40 AM
जानिए क्या होता है लो कोलेस्ट्रॉल?
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अक्सर आपने कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से होने वाली परेशानियों और उसे कंट्रोल करने के तरीकों के बारे में सुना होगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अक्सर आपने कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से होने वाली परेशानियों और उसे कंट्रोल करने के तरीकों के बारे में सुना होगा. क्या आप जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल लेवल नॉर्मल से कम भी हो सकता है? जी हां, कुछ कारणों की वजह से कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी कम हो सकता है. अगर यह 50 से भी नीचे चला जाए तो कैंसर और ब्रेन ब्लीडिंग जैसी सीरियस कंडीशन हो सकती है. ऐसे मामलों में लोगों की मौत हो जाती है. आज आपको बताएंगे कि लो कोलेस्ट्रॉल किन कारणों से हो सकता है और इसकी वजह से लोगों को क्या परेशानियां हो सकती हैं.

क्या होता है लो कोलेस्ट्रॉल?
वेब एमडी की रिपोर्ट के मुताबिक हमारे ब्लड में टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 150 होना चाहिए. वहीं बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) का लेवल 100 mg/dL के आसपास होना चाहिए. इसे नॉर्मल लेवल माना जाता है. कोलेस्ट्रॉल का लेवल ब्लड टेस्ट कराने पर पता चलता है. जब ब्लड में टोटल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 120 mg/dL से कम हो जाए और बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) का लेवल 50 mg/dL से नीचे पहुंच जाए तो यह लो कोलेस्ट्रॉल की स्थिति पैदा कर देता है. इस कंडीशन को हाइपरलिपिडेमिया (Hypolipidemia) या हाइपकोलेस्ट्रोलीमिया (hypocholesterolemia) कहा जाता है. हेल्दी रहने के लिए कोलेस्ट्रॉल का स्तर नॉर्मल रहना चाहिए.
इन वजहों से हो सकती है ऐसी कंडीशन
फैमिली का कोई रेयर डिसऑर्डर
मैलन्यूट्रिशन यानी कुपोषण
बॉडी में फैट अब्जॉर्ब न होने पर
एनीमिया (रेड ब्लड सेल कम होने पर)
थायराइड की समस्या होने पर
लिवर डिजीज की चपेट में आने पर
हेपेटाइटिस C इंफेक्शन की वजह से
गंभीर बीमारी या चोट लगने पर
इन बीमारियों का बढ़ता है खतरा
कोलेस्ट्रॉल लेवल नॉर्मल से कम रेयर केसेस में होता है. कई बार इसकी वजह से परेशानियां नहीं होती हैं. जब यह स्तर बेहद कम हो जाता है तब एंजाइटी, डिप्रेशन, ब्रेन ब्लीडिंग और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है. प्रेग्नेंट महिलाओं में इस समस्या की वजह से प्रीमेच्योर डिलीवरी और होने वाले बच्चे का वजन कम होने जैसी समस्या हो सकती है. हालांकि यह समस्याएं भी रेयर केस में ही होती हैं. इससे बचने के लिए लोगों को समय समय पर अपना ब्लड टेस्ट कराना चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर अमल करना चाहिए.
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