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वजन को कम करने का सबसे आसान तरीका है रनिंग यानी दौड़ना या रस्सी कूदना. मोटापा कम करने के लिए ये दोनों तरीकें बेहद आसान, बिना खर्चा वाले और असरदार है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज के वक्त में फिट रहना हर किसी के जरूरी सा हो गया है. ऐसे में दौड़ना और रस्सी कूदना दोनों ही व्यायाम (work out) के आसान रूप हैं. ये दोनों ही कैलोरी बर्न करने का काम करते हैं. इन व्यायाम से फुल बॉडी का वर्कआउट होता है. अधिकतर लोग अपना वेटलॉस या फिटनेस लेवल को बढ़ाने के लिए इनको चुनते हैं.
खास बात ये है कि इन दोनों एक्सरसाइज के बीच बहुत समानताएं हैं, लेकिन फिर भी ये दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग भी हैं.ऐसे में आज हम आपको सरल भाषा में बताएंगे कि कौन सा एक्सरसाइज दूसरे से बेहतर है और आपको कौन सा इनमें से चुनना चाहिए?
लक्षित मांसपेशियों के लिए
रस्सी कूदना और दौड़ना दोनों ही अपने शरीर के निचले हिस्सा पर दवाब बनाते हैं. जिनका असर जोड़ों पर भी पड़ता है.ये आपकी मुख्य मांसपेशियों(target muscles) पर काम करते हैं और स्थिरीकरण प्रदान करने में मदद करते हैं.रस्सी कूदने में, आपके नितंब की मांसपेशियां शामिल होती हैं. इसमें आपका शोल्डर, बाइसेप्स, ट्राइसेप्स और फोरआर्म फ्लेक्सर ग्रिप भी शामिल है.
कैलोरी बर्न (Calorie Burn) करता है
रस्सी कूदना और दौड़ना दोनों ही वजन कम करने में सहायता करते हैं. इनको रूटीन वर्कआउट में आसानी से शामिल किया जा सकता है. आपको बता दें कि अगर आपका वजन 68 किलो के आस पास है तो आप मध्यम तीव्रता गति से रस्सी कूदकर 10 मिनट में 140 कैलोरी बर्न कर सकते है. जबकि मध्यम तीव्रता से दौड़ते समय वही व्यक्ति 10 मिनट में 125 कैलोरी बर्न कर सकता है.
रस्सी कूदने के फायदे
रस्सी कूदने(skipping rope) के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं. वैसे तो एरोबिक शरीर की चर्बी को कम करने, हृदय शक्ति में सुधार आदि में मदद करता है. ऐसे में रस्सी कूदने में आपके निचले शरीर की मांसपेशियां शामिल हैं जो घुटने, पैर कूल्हों या टखनों के मुद्दों से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद नहीं हो सकती हैं. ऐसे में अच्छा होता है कि आप नार्मल तरीके से चलने या दौड़ने की कोशिश कर सकते हैं. हालांकि अगर आप कम समय में ज्यादा कैलोरी बर्न करना चाहते हैं तो रस्सी कूदना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. लेकिन लगातार ज्यादा देर तक रस्सी कूदने से घुटनों के दर्द की समस्या भी हो सकती है.
Bhumika Sahu
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