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जानिए ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BA.5 में किस तरह के दिखते हैं लक्षण
Tara Tandi
10 July 2022 9:36 AM GMT
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कोरोना का वैश्विक संक्रमण जारी है। भारत में भी पिछले एक महीने से रोजाना 17 हजार के आसपास लोगों को संक्रमित पाया जा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना का वैश्विक संक्रमण जारी है। भारत में भी पिछले एक महीने से रोजाना 17 हजार के आसपास लोगों को संक्रमित पाया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में एकबार फिर से 18257 लोगों को पॉजिटिव पाया गया। आलम यह है कि देखते ही देखते देश में संक्रमण के एक्टिव केस बढ़कर सवा लाख के आंकड़े को पार कर गए हैं। मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि देश में ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट्स के कारण स्थिति बिगड़ रही है, जिसको लेकर लोगों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की जाती है।
देश में रिपोर्ट किए जा रहे ज्यादातर मामलों के लिए ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2, BA.4 और BA.5 को प्रमुख कारण के तौर पर देखा जा रहा है।
हालिया रिपोर्ट्स में शोधकर्ताओं ने ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BA.5 को अति संक्रामकता दर वाला बताया है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के अन्य वैरिएंट्स से यह अलग है, इसके लक्षण भी अलग तरह के देखे जा रहे हैं। कई देशों में ओमिक्रॉन का यह सब-वैरिएंट बड़ी समस्या के कारक के तौर पर सामने आ रहा है। इसके लक्षणों को देखते हुए विशेष सतर्कता की आवश्यकता है।
आइए जानते हैं कि ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BA.5 में किस प्रकार के लक्षण देखे जा रहे हैं?
सब-वैरिएंट BA.5 बन सकता है मुसीबत
कोरोना के जोखिमों को लेकर अध्ययन कर रही शोधकर्ताओं की टीम ने आशंका जताई है कि ओमिक्रॉन का यह सब-वैरिएंट कई देशों में संक्रमण की एक और लहर का कारण बन सकता है। भारत के नजरिए से देखें तो देश के कई हिस्सों में इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों की पहचान की गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह BA.5 कोरोना के अन्य वैरिएंट्स से कई मामलों में अलग है। यह कोविड होने के कुछ हफ्ते के भीतर लोगों को फिर से संक्रमित करता हुआ भी देखा जा रहा है।
अलग तरह के हैं इसके लक्षण
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BA.5 लक्षणों के मामले में भी काफी अलग है। इससे संक्रमितों में कई ऐसे लक्षण देखे जा रहे हैं जो अब तक के वैरिएंट्स में नहीं देखे गए थे। आयरलैंड स्थित ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन के प्रोफेसर ल्यूक ओ'नील ने एक रेडियो शो में बताया कि बीए.5 संक्रमितों में अन्य लक्षणों के साथ रात में पसीना आने की समस्या भी देखी जा रही है। इसके अलावा इस वैरिएंट से रि-इंफेक्शन को लेकर जिस तरह का खतरा बना हुआ है, वह निश्चित ही चुनौती पैदा करने वाला है।
क्या कहते हैं शोधकर्ता?
प्रोफेसर ल्यूक कहते हैं, यह वैरिएंट प्रतिरक्षा प्रणाली और टी-कोशिकाओं के साथ किस प्रकार का व्यवहार करता है, इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए अध्ययन किया जा रहा है। हालांकि राहत की बात बस इतनी है कि जिन लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है या फिर जो बूस्टर शॉट ले चुके हैं उनमें यह गंभीर बीमारी का कारण बनता हुआ नहीं देखा जा रहा है। इसका मतलब है कि टीकाकरण के बढ़ावा देकर इसके दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है।
एक और लहर का बढ़ता खतरा
BA.5 भारत, यूरोप सहित कई देशों में तेजी से संक्रमण बढ़ाने का कारण बना हुआ है। यह इस सप्ताह अमेरिका में भी प्रमुख वैरिएंट के रूप में देखा गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सभी देशों को कोरोना के इस नए खतरे को लेकर विशेष सतर्कता बरतते रहने की आवश्यकता है। इसके लक्षण और दुष्प्रभावों के जोखिम के बारे में लोगों को जागरूक करना और इससे बचाव के उपाय करना बहुत आवश्यक है। अगर इस सब-वैरिएंट की रफ्तार को कंट्रोल न किया गया तो यह कई देशों में एक नई लहर का कारण बन सकता है।
बीए.2.38 को लेकर ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं
कई देशों में ओमिक्रॉन के बीए.2 के नए स्वरूप बीए.2.38 के मामले भी तेजी से रिपोर्ट किए जा रहे हैं, हालांकि शोधकर्ताओं की टीम का कहना है कि इसको लेकर ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है। इससे संक्रमित ज्यादातर लोगों में अस्पताल में भर्ती होने या बीमारी की गंभीरता के संकेत नहीं देखे जा रहे हैं।
इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकोग) के शोधकर्ताओं ने बताया कि अब तक इसके कारण रोग की गंभीरता के मामले नहीं देखे गए हैं, हाल ही में रिपोर्ट की गई कुछ मौतें कोमॉरबिडिटी के कारण हुई हैं। हम वर्तमान स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं फिलहाल सभी लोगों को कोरोना से बचाव के लगातार उपाय करते रहने चाहिए।
Tara Tandi
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