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कई बार थकान की वजह से हाथ या पैरों में दर्द होने लगता है. लेकिन अगर आपको हाथ और पैरों में दर्द ज्यादा रहने लगे तो यह खतरे का संकेत है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कई बार थकान की वजह से हाथ या पैरों में दर्द होने लगता है. लेकिन अगर आपको हाथ और पैरों में दर्द ज्यादा रहने लगे तो यह खतरे का संकेत है इससे बिलकुल नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए. हाथ- पैरों में ज्यादा दर्द का कारण गुलियन बैरे सिंड्रोम हो सकता है. गुलियन बैरे सिंड्रोम एक प्रकार का दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. इसकी शुरुआत में हाथ और पैरों की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है. यह कमजोरी हाथों से शुरू होकर शरीर के ऊपरी हिस्सों में फैलती जाती है.
दो हफ्ते में गंभीर हो जाती है बीमारी
मायोक्लिनिक के अनुसार इस बीमारी के लक्षण आधे दिन से लेकर दो सप्ताह के भीतर ही काफी गंभीर रूप ले लेते हैं. इन लक्षणों की तीव्रता बढ़ती जाती है और स्थिति यहाँ तक आ जाती है कि व्यक्ति अपनी पेशियों का बिलकुल भी उपयोग नहीं कर पाता और उसे एक तरह से पूरी तरह लकवा मार जाता है.कई बार तो यह बीमारी इतनी गंभीर हो जाती है कि मरीज़ की ब्रीदिंग मसल्स तक कमजोरी हो जाती है और उसे मेकेनिकल वेंटिलेशन की जरूरत पड़ जाती है. यह स्थिति आपकी जान को जोखिम में भी डाल सकती है.
वैसे तो हमारा इम्यून सिस्टम बाहरी चीजों पर आक्रमण करता है, लेकिन जब यह सिस्टम गलती से हमारे शरीर की कार्यप्रणालियों पर ही हमला करना शुरू कर देता है तो उसे आटोइम्यून डिजीज़ कहा जाता है. इसमें हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे पेरिफेरल नर्वस सिस्टम पर आक्रमण करने लगती है. इस वजह से पेरिफेरल नर्वस सिस्टम की माइलीन शीथ कमजोर होने लग जाती है. ऐसा होने पर नर्व्स हमारे शरीर को मिलने वाले संकेतों को सही तरीके से एक से दूसरी जगह पहुंचा नहीं पाती हैं. इस कारण हमारे ब्रेन के कमांड पर प्रतिक्रिया दिखाने की मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होने लगती है.
ये भी हैं लक्षण
इस बीमारी के होने पर मरीज़ के शरीर पर खासकर हाथों व पैरों में सुन्नपन, सिहरन, अंगुलियों में सुई-सी चुभन महसूस होना और दर्द होना आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं. कभी- कभी शल्यक्रिया या टीका लगाने से भी इसके लक्षण उभर जाते हैं. यह लक्षण दिखाई देने के आधे दिन से लेकर दो सप्ताह के अंदर बेहद गंभीर रूप ले लेते हैं और स्थायी हो जाते हैं. हर पांच में से एक रोगी में हाथ-पैरों पर यह कमजोरी चार सप्ताह तक बनी रहती है. इस बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें कुछ लोग गुलियन बैरे सिंड्रोम के शिकार क्यों होते हैं जबकि दूसरे नहीं होते, इसका कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है.
Tara Tandi
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