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जेनाइटल टीबी महिलाओं में बांझपन के प्रमुख कारणों में से एक है। ये टीबी महिलाओं के यूट्रस, फैलोपियन ट्यूब या ओवरीज़ किसी में भी हो सकता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जेनाइटल टीबी महिलाओं में बांझपन के प्रमुख कारणों में से एक है। ये टीबी महिलाओं के यूट्रस, फैलोपियन ट्यूब या ओवरीज़ किसी में भी हो सकता है। जो सामने भी तभी आती है, जब वह मां न बन पाने की समस्या का सामना करती हैं और तरह-तरह की जांचें कराती हैं। जेनाइटल टीबी भी Mycobacterium tuberculosis बैक्टीरिया से ही होता है।
किन्हें होता है ज्यादा खतरा?
अगर आप फिजिकली तौर पर संक्रमित व्यक्ति के करीब रहते हैं, तो आपको टीबी होने की पूरी-पूरी संभावना होती है क्योंकि इस तरह का इंफेक्शन हवा के जरिए आसानी से फैलता है। शुरुआत में यह बीमारी फेफड़ों को प्रभावित करती है और बाद में ये बैक्टीरिया ब्लड के जरिए दूसरे अंगों में पहुंच जाते हैं। आमतौर पर कमजोर इम्युनिटी वाले लोग टीबी के आसानी से शिकार हो जाते हैं।
जेनाइटल टीबी के लक्षण
शुरुआती दौर में इस तरह की टीबी का पता लग पाना थोड़ा मुश्किल होता है। इसके प्रमुख लक्षण थकान, हलका बुखार, पीरियड्स न होना या सही समय पर न होना, पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, वजाइना से सफेद पानी निकलना आदि होते हैं।
जेनाइटल टीबी की जांच
इस टीबी की जांच के लिए ट्यूबरक्यूलीन स्किन टेस्ट किया जाता है। वैसे तो इस टेस्ट से बॉडी के किसी भी हिस्से में होने वाले टीबी के बारे में पता चल जाता है। इसके अलावा पेट के निचले हिस्से का अल्ट्रासाउंड करके भी जेनाइटल टीबी का पता किया जा सकता है। साथ ही गर्भाशय से निकाले गए टिश्यू की जांच से भी एंडोमेट्रियल ट्यूबरक्यूलोसिस का पता लगाया जा सकता है। फैलोपियन ट्यूब की टीबी का पता लगाने के लिए एच.एस.जी (हिस्टेरोसॉल्पिगोग्राफी) जांच सबसे बेस्ट है।
बचाव एवं उपचार
जेनाइटल टीबी का इलाज भी 6 से 8 तक चलता है लेकिन दुख की बात ये है इलाज के के बाद भी बांझपन पूरी तरह से दूर नहीं होता। इसके बचाव का यही उपाय है कि जिन लोगों को टीबी है उनसे दूर रहे। छोटे बच्चों को बी.सी.जी वैक्सीन जरूर लगवाएं
Tara Tandi
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