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बार-बार पेशाब आता है तो उसे नजरअंदाज नहीं करें, ये UTI इंफेक्शन के लक्षण हो सकते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बार-बार पेशाब आता है तो उसे नजरअंदाज नहीं करें, ये UTI इंफेक्शन के लक्षण हो सकते हैं। इस इंफेक्शन की वजह से पेशाब करते समय जलन भी होती है। डाइट और खान-पान की आदतों में सुधार करके इस परेशानी से बचा जा सकता है। लेकिन कुछ लोगों को पेशाब लगातार और बार-बार आता है और अक्सर पेशाब में जलन और दर्द की शिकायत रहती है। पेशाब में होने वाली यह परेशानियां यू टी आई (Urinary Tract Infection) यानी पेशाब मार्ग में संक्रमण के कारण हो सकती है।
सीताराम भारतीय इंसीट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च के मुताबिक मूत्रमार्ग में इन्फेक्शन तब हो जाता है जब मूत्रमार्ग के किसी हिस्से में बैक्टीरिया इकट्ठा हो जाते हैं। अगर ये बैक्टीरिया यूरेथ्रा (urethra) में उत्पन्न हो जाए तो वहां सूजन और जलन पैदा कर सकते हैं। यू टी आई में इन्फेक्शन की संभावना पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होती है। अक्सर इस इन्फेक्शन के कारण लोगों को पेशाब में जलन महसूस होती है।
UTI इंफेक्शन के कारण: पेशाब करते समय दर्द और जलन होने के और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे किसी दवा के सेवन के कारण, ओवरी में सिस्ट या गुर्दे में पथरी, वजाइना में संक्रमण, किसी केमिकल, यौन रूप से संक्रामित संक्रमण, पेल्विक हिस्से में रेडिएशन थेरेपी लेने, यूरीनरी कैथेटर के कारण भी पेशाब में जलन की परेशानी हो सकती है। आपको भी बार-बार पेशाब आता है और उसके साथ जलन की भी परेशान हैं तो कुछ कुछ खास फूड्स को डाइट में शामिल करें। आपको यूरिन में जलन और दर्द से राहत मिलेगी।
दही या प्रोबायोटिक का सेवन करें: पेशाब में संक्रमण की सबसे बड़ी वजह बैक्टीरिया है। मूत्रमार्ग में बैक्टीरिया के पनपने की कई वजहें हो सकती है। साफ-सफाई में कोताही, कोई बीमारी आदि। इन सबके साथ ही जब शरीर में गुड बैक्टीरिया की कमी होती है तो बैड बैक्टीरिया ज्यादा पनपने लगते हैं। ऐसे में दही या प्रोबायोटिक का सेवन कर गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ा सकते हैं जो बैड बैक्टीरिया को खत्म करने में सहायक हो सकती है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: वैसे तो पानी के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकती लेकिन हेल्दी लाइफ के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन जरूरी है। यदि शरीर में पानी की कमी होती है तो मूत्रमार्ग में बैक्टीरिया पनपने की आशंका बढ़ जाती है। एनसीबीआई की एक रिसर्च के मुताबिक यू टी आई की समस्या में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है। इसलिए पेशाब में जलन जैसी परेशानियों में पर्याप्त पानी पीएं।
करौंदा का सेवन करे: आयुर्वेद में करौंदा या क्रैनबेरी के गुणों का बखान किया गया है। करौंदा का कई बीमारियों में इलाज किया जाता है। लेकिन नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉरमेशन की एक रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि करौंदा के सेवन से पेशाब में जलन या सूजन कम हो सकती है। शोध के मुताबिक क्रैनबेरी में बैड बैक्टीरिया को खत्म करने की शक्ति होती है जिसके कारण पेशाब में जलन में बहुत जल्दी आराम मिल सकता है।
फ्रूट का सेवन: ताजा फल हेल्दी लाइफ के लिए जरूरी है। यह सिर्फ हमें कई बीमारियों को होने से ही नहीं बचाते बल्कि कई बीमारियों को खत्म करने में भी सहायक है। ताजे फल का नियमित सेवन मूत्रमार्ग में होने वाले इंफेक्शन से बचाता है। इसके सेवन से पेशाब में होने वाली जलन और सूजन कम हो सकती है। पेशाब में जलन के लिए आमतौर पर लोग ऑरेंज जूस का सबसे अधिक सेवन करते हैं।
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