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जानिए हेपेटाइटिस बी के लक्षण और बचाव के उपाय

Tara Tandi
27 July 2022 9:19 AM GMT
जानिए हेपेटाइटिस बी के लक्षण और बचाव के उपाय
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनियाभर में हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। यह खास दिन हेपेटाइटिस को लेकर लोगों को बीच जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। हेपेटाइटिस लीवर से जुड़ी सबसे गंभीर बीमारियों में से एक है। इस बीमारी के चलते लीवर के टिशू में इंफ्लमेशन होने लगता है और इलाज न होने की सूरत में ये स्थिति आगे चलकर लीवर कैंसर जैसी गंभीर बामारियों का रूप ले लेती है। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर क्या है ये बीमारी,इसके लक्षण और बचाव के उपाय।

क्या है हेपेटाइटिस ?
यह बीमारी किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकती है। लेकिन बच्चों में इस बीमारी के होने की आशंका अत्यधिक प्रबल मानी जाती है। इसमें मुख्य रूप से रोगी का लिवर प्रभावित होता है। हेपेटाइटिस लीवर की सूजन है, ये लीवर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इस वायरस के 5 स्ट्रेन होते हैं जिन्हें Hepatitis A,B,C,D,E नाम से पहचाना जाता है। इनमें से A और E संक्रमित खाने और पानी से फैलते हैं। जबकि हेपेटाइटिस B सेक्सुअल कॉन्टैक्ट से फैलता है। इसके अलावा संक्रमित खून चढ़ाने से भी हेपेटाइटिस का खतरा बना रहता है। हेपेटाइटिस C संक्रमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जरिए होता है। जब किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस B का संक्रमण होता है उसी को D का संक्रमण भी हो सकता है। दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हेपेटाइटिस B से होती हैं।
एक्यूट हेपेटाइटिस बी-
यह हेपेटाइटिस बी का एक सामान्य प्रकार है। इसमें दो से तीन हफ्तों में ही रोगी को होने वाली समस्याओं का अंत हो जाता है। वहीं चार से छह महीनों में लिवर सामान्य अवस्था में वापस आ जाता है।
क्रोनिक हेपेटाइटिस बी-
हेपेटाइटिस बी का यह प्रकार काफी घातक साबित हो सकता है और कुछ विशेष परिस्थितियों में लिवर की गंभीर क्षति या सिरोसिस का कारण भी बन सकता है। हेपेटाइटिस बी के इस प्रकार में लंबे समय तक कोई भी लक्षण प्रदर्शित नहीं होते और जब तक लक्षण नजर आते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। हेपेटाइटिस बी का यह प्रकार मुख्य रूप से बच्चों में देखा जाता है। वहीं कुछ ऐसे वयस्क जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसकी चपेट में आ जाते हैं।
हेपेटाइटिस के लक्षण-
-त्वचा और आंखों का रंग पीला होना।
-मूत्र का रंग गहरा पीला हो जाना।
-अत्यधिक थकान, उल्टी आना।
-पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द।
-भूख कम लगना, बुखार आना।
हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय-
- साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- टैटू के लिए स्टरलाइज नीडल का इस्तेमाल करें।
- सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाएं।
- अपने टूथब्रश और रेजर किसी के साथ साझा न करें।
- विशेषकर टॉयलेट से आने के बाद सफाई का ध्यान रखें।
-दूषित पानी पीने से बचें
-डॉक्टर की दी हुई दवाइयों का ओवर-डोज न लें
-शराब, तंबाकू और धूमपान की लत से बचें
-पौष्टिक और सुपाच्य आहार लें, वजन नियंत्रित रखें
-किसी बीमारी का ट्रीटमेंट ले रहे हैं तो लिवर का भी ध्यान रखें।
-योग, व्यायाम और टहलने की आदत डालें
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