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नींद को ज्यादातर लोग आलस से जोड़कर देखते हैं। अधिकतर लोगों को लगता है कि थकान होने पर ही अच्छी नींद आ सकती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नींद को ज्यादातर लोग आलस से जोड़कर देखते हैं। अधिकतर लोगों को लगता है कि थकान होने पर ही अच्छी नींद आ सकती है। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अगर आप दिनभर के थके हुए हैं लेकिन बेड पर जाने के काफी समय बाद तक भी आपको नींद नहीं आती है या फिर नींद आने के बाद कुछ देर बाद ही आपकी आंख वापस खुल जाती है और फिर दोबारा नींद आने में समय लगता है। अगर आपको भी ऐसा महसूस हो रहा है तो आप स्लीप डिसऑर्डर यानी कि नींद विकार से पीड़ित हो सकते हैं। खास बात यह है कि स्लीप डिसऑर्डर ज्यादातर मानसिक परेशानियों का नतीजा है, साथ ही शरीर को पर्याप्त मात्रा में नींद न मिलने के कारण भी स्लीप डिसऑर्डर हो सकते हैं।
आइये जानते हैं स्लिप डिसऑर्डर के कौन-कौन से लक्षण होते हैं और कैसे उससे बचाव करें।
स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण
स्लीप डिसऑर्डर के कई तरह के लक्षण सामने आते हैं जैसे कि – नींद आने में आधे घंटे से ज्यादा का समय लगना ,एक पर्याप्त 7-8 घंटे की नींद के बाद भी चिड़चिड़ा होना, किसी काम में ठीक से ध्यान न लगना ,बार-बार नींद का टूटना , दिन में बार-बार नींद की झपकी लगना , नींद में बोलना आदि सभी लक्षण स्लीप डिसऑर्डर के हो सकते हैं।
स्लीप डिसऑर्डर के कारण
स्लीप डिऑर्डर होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से निम्नलिखित कुछ मुख्य कारण यह हैं, इनकी वजह से स्लीप डिसऑर्डर होने का खतरा ज्यादा रहता है।
1.ज्यादा तनाव लेने के कारण भी स्लीप डिसऑर्डर हो सकता है।
2.देर रात तक जगना और फिर समय पर न सोना पाना।
3.शराब व सिगरेट का अधिक सेवन करना।
4.दिन भर कुछ भी न करना और ज्यादा समय तक लेटे रहना।
5.पूरा समय अकेले रहना व किसी से बातचीत न करना।
स्लीप डिसऑर्डर के उपाय
पर्याप्त मात्रा में नींद : स्लीप डिसऑर्डर का शिकार हुए लोगों को रोजाना पर्याप्त मात्रा में नींद लेनी चाहिए। इसके अलावा रात में अच्छी नींद के लिए, सोने से पहले कुछ देर टहल भी सकते हैं।
सोने से 3 घंटे पहले लें दवा :रात में सोने से पहले कोई भी दवा सोने से कम से कम 3 घंटे पहले खा लें क्योंकि कुछ दवाएं ऐसे भी होती है जिन्हे लेने के बाद काफी समय तक नींद नहीं आती है , इसलिए अच्छी नींद के लिए ठीक समय पर अपनी दवा लें।
तनाव कम लें : तनाव या ज्यादा सोचने के कारण भी स्लीप डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है इसलिए सोने से पहले अपने दिमाग और मन दोनों को शांत करें और फिर अच्छी नींद लें।
योग व मेडिटेशन : योग व मेडिटेशन करने से बहुत से रोग ठीक हो जाते हैं, स्लीप डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों को रोजाना कुछ देर के लिए योग व मेडिटशन करना चाहिए। इन दोनों को करने से ध्यान भी ठीक से केंद्रित होगा और तनाव काम करने में भी मदद मिलेगी।
Tara Tandi
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