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चाय भारत में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाली पेय है। यह हमेशा से बड़े बहस का विषय रहा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चाय भारत में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाली पेय है। यह हमेशा से बड़े बहस का विषय रहा है कि चाय का सेवन शरीर के लिए हानिकारक होता है या फायदेमंद? अलग-अलग अध्ययनों में इसको लेकर अलग-अलग दावे किए जाते रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर आप स्वास्थ्य लाभ चाहते हैं तो सामान्य चाय की जगह ग्रीन-टी के सेवन की आदत बनाइए।
ग्रीन-टी के रोजाना एक कप की आदत आपको कई प्रकार के गंभीर रोगों, यहां तक कि कैंसर के भी जोखिम से बचा सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीन-टी में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स और बायोएक्टिव कंपाउंड्स पाए जाते हैं जो शरीर पर अद्भुत प्रभाव डाल सकते हैं।
ग्रीन-टी के स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए पिछले कुछ वर्षों में भारत में इसकी मांग काफी तेजी से बढ़ी है। शोधकर्ता बताते हैं कि यह एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है जिसके सेवन की आदत मस्तिष्क के कार्यों को बेहतर बनाए रखने, हृदय रोग, डायबिटीज और यहां तक के कई प्रकार के कैंसर के खतरे को भी कम कर सकती है। आइए जानते हैं कि ग्रीन-टी के क्या स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं?
बायोएक्टिव यौगिकों और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
ग्रीन-टी की पत्तियों में कई प्रकार के स्वस्थ बायोएक्टिव यौगिक मौजूद होते हैं। इसमें पॉलीफेनोल्स की भी मात्रा पाई जाती है, जो एक प्रकार के प्राकृतिक यौगिक हैं और शरीर में इंफ्लामेशन को कम करने के साथ कैंसर के विकास को रोकने में सहायक माने जाते हैं। ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी) नामक कैटेचिन होता है। कैटेचिन प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो कोशिकाओं की क्षति को रोकने में मदद करते हैं जिससे स्वाभाविक तौर से कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
कैंसर की रोकथाम में सहायक
ग्रीन-टी में पाए जाने वाले असरदार यौगिक और एंटीऑक्सिडेंट्स कई प्रकार के कैंसर के जोखिमों को कम करने में मददगार माने जाते हैं। अध्ययनों की एक समीक्षा में पाया गया कि जो महिलाएं नियमित रूप से ग्रीन-टी पीती हैं, उनमें स्तन कैंसर विकसित होने का जोखिम 20-30% कम होता है। महिलाओं में यह सबसे आम प्रकार का कैंसर है। ग्रीन-टी पॉलीफेनोल एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है जो स्वास्थ्य पर विभिन्न प्रकार के लाभकारी प्रभाव डाल सकती है।
प्रोस्टेट और कोलोरेक्टल कैंसर में लाभ
ग्रीन-टी को लेकर किए गए अध्ययन में पाया गया कि जिन पुरुषों ने इसका नियमित सेवन किया उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने का जोखिम, अन्य लोगों की तुलना में कम था। इसी तरह से 29 अध्ययनों के विश्लेषण से पता चलता है कि ग्रीन-टी कोलोरेक्टल कैंसर होने के खतरे को भी 42% तक कम कर सकती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह सबसे आसानी से उपलब्ध एंटाऑक्सीडेंट पेय है जिसका सेवन आपको गंभीर रोगों के जोखिम से बचा सकता है।
डायबिटीज में भी देखे गए लाभ
ग्रीन-टी के प्रभावों के जानने के लिए किए गए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि यह टाइप-2 डायबिटीज वाले रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद हो सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीन-टी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने के साथ रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित बनाए रखने में सहायक है।जापानी लोगों में किए गए एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि ग्रीन-टी का नियमित सेवन करने वाले लोगों में टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम 42% तक कम होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बस इस बात का ध्यान रखा जाए कि ग्रीन-टी का संयमित सेवन ही लाभकारी है, इसके अधिक सेवन से नुकसान हो सकता है।
Tara Tandi
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