- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- जानिये प्रदोष व्रत की...
x
सनातन धर्म में कई सारे व्रत हैं जो शिव शंकर की पूजा को समर्पित हैं इन्हीं में से एक हैं प्रदोष व्रत जो हर माह पड़ता हैं इस दिन भक्त भगवान शिव की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता हैं इस बार जून का पहला प्रदोष व्रत गुरुवार को पड़ रहा हैं जिसे गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा हैं।
इस दिन भगवान शिव के संग माता पार्वती की प्रदोष काल में पूजा करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं और मनचाहा वरदान भी मिलता हैं इस बार पड़ने वाला प्रदोष व्रत ज्येष्ठ माह का आखिरी प्रदोष व्रत हैं जो कि 1 जून को पड़ रहा हैं, तो आज हम आपको प्रदोष व्रत पर शिव पूजन का मुहूर्त और विधि बता रहे हैं।
प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 1 जून दिन गुरुवार को दोपहर 1 बजकर 9 मिनट पर हो रहा हैं और इसका समापन 2 जून दिन शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 1 जून को शाम 7 बजकर 14 मिनट से रात्रि 9 बजकर 16 मिनट तक का हैं। मान्यता है कि इस मुहूर्त में शिव पूजा उत्तम फल प्रदान करती हैं।[=
पूजन की विधि—
आपको बता दें कि गुरु प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करके भगवान का स्मरण करते हुए व्रत पूजन का संकल्प करें। फिर शाम में पूजा के दौरान शिव को बेलपत्र, भांग, पुष्प, धतूरा, गंगाजल, धूप, दीपक, गंध आदि अर्पित करें। इसके बाद व्रत कथा का पाठ करें और शिव शंकर की आरती करें। पूजन के दौरान शिवलिंग का गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करें। अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण जरूर करें।
Tagsवास्तु दोषवास्तु दोष के उपायवास्तु दोष निवारण के उपायवास्तु शास्त्रवास्तु शास्त्र का ज्ञानवास्तु के नियमवास्तु टिप्सकुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियमसनातन धर्महिंदू धर्मभारतीय ज्योतिष शास्त्रज्योतिष शास्त्रVastu DoshaVastu Dosha RemediesVastu ShastraKnowledge of Vastu ShastraRules of VastuVastu TipsSome Important Vastu RulesSanatan DharmaHinduismIndian AstrologyJyotish Shastraजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़न्यूज़ वेबडेस्कआज की बड़ी खबरRelationship with publicrelationship with public newslatest newsnews webdesktoday's big news
Apurva Srivastav
Next Story