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जानिए खेलने-कूदने के फायदे

Tara Tandi
9 July 2022 7:45 AM GMT
जानिए खेलने-कूदने के फायदे
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बचपन में ज्यादातर बच्चे अपना काफी समय खेल-कूद में ही बिताना पसंद करते हैं. वहीं ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों को कम खेलने की सलाह देते नजर आते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बचपन में ज्यादातर बच्चे अपना काफी समय खेल-कूद में ही बिताना पसंद करते हैं. वहीं ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों को कम खेलने की सलाह देते नजर आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों के लिए खेलना (Playing) भी बहुत जरूरी है? अगर नहीं तो बता दें कि खेलना बच्चों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है.

दरअसल, बच्चों का हमेशा खेलना-कूदना कुछ माता-पिता को बिल्कुल रास नहीं आता है. ऐसे में पेरेंट्स अक्सर बच्चों को खेलने के बजाए पढ़ाई करने की सलाह देते हैं. जबकि बच्चों की बेहतर ग्रोथ के लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेलना भी बेहद जरूरी होता है. तो आइए आज हम आपको बताते हैं बच्चों के लिए खेलने के कुछ अनोखे फायदों के बारे में.
खेलने-कूदने के फायदे
बच्चों की क्षमता में विकास
खेलने से बच्चों को स्किल डेवलेपमेंट में मदद मिलती है. इससे न सिर्फ बच्चों की बौद्धिक क्षमता का विकास होता है बल्कि मानसिक रूप से भी बच्चे खुश और स्वस्थ रहते हैं. वहीं टीम में खेलने से बच्चे टीम वर्क, धैर्य रखना, लीडरशिप जैसी क्वालिटीज भी सीखते हैं. जिसका उनकी पर्सनालिटी और पढ़ाई पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
फिजिकल फिटनेस
कई बार पेरेंट्स चोट लगने के डर से बच्चों को बिल्कुल खेलने नहीं देते हैं. हालांकि, खेल के दौरान लगी छोटी-मोटी चोट बच्चों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने का काम करती हैं. वहीं खेल-कूद बचपन में बच्चों के लिए बेस्ट एक्सरसाइज साबित होती है. जिससे बच्चों का शारीरिक विकास काफी तेजी से होता है और बच्चे हेल्दी रहते हैं.
बढ़ेगी सोशल स्किल्स
दूसरे बच्चों के साथ खेलने से बच्चों में सामाजिक कौशल का विकास होता है. इससे बच्चे दूसरों के साथ बीतचीत करना सीख जाते हैं. साथ ही टीम में रहकर बच्चे एक-दूसरे का सहयोग करना और एकजुट होकर रहना सीखते हैं. ऐसे में बच्चों की मानसिक क्षमता भी तेजी से विकसित होती है.
पढ़ाई में बेस्ट होंगे बच्चे
बच्चों के खेलने-कूदने का असर उनकी पढ़ाई पर भी देखने को मिलता है. नियमित रूप से खेलने पर बच्चों में कड़ी मेहनत और समर्पण की भावना का विकास होता है. जिससे बच्चे पढ़ाई में भी बेस्ट परफॉर्मेन्स देते हैं और रोजमर्रा के सभी काम काफी कुशलतापूर्वक करते हैं.
कम्यूनिकेशन स्किल्स में इजाफा
दोस्तों के साथ खेलते समय लड़ाई-झगड़े और हार-जीत काफी कॉमन होती है. मगर, इससे बच्चों की कम्यूनिकेशन स्किल्स पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है. खेलने से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है. जिसके चलते बच्चों की संचार शैली भी मजबूत होती है और बच्चे बेबाकी से अपनी बात सभी के सामने रखना सीख जाते हैं.
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