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जानिए सूर्योदय के समय भुजंगासन करने के फायदे

Admin4
18 April 2021 12:27 PM GMT
जानिए सूर्योदय के समय भुजंगासन करने के फायदे
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इसका मुख्य कारण खराब पॉश्चर, कैल्शियम और विटामिन की कमी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भुजंगासन दो शब्दों भुजंग और आसन से मिलकर बना है। वहीं अंग्रेजी में इस आसन को कोबरा पोज़ कहते हैं। इस योग में सांप की तरह अपने धड़ को आगे की दिशा में उठाकर रखना होता है। खासकर सूर्योदय के समय भुजंगासन करने से अधिक फायदा होता है।

आधुनिक समय में कमर दर्द आम बात हो गई है। इसका मुख्य कारण खराब पॉश्चर, कैल्शियम और विटामिन की कमी है। National Institutes of Health के अनुसार, 80 प्रतिशत लोग अपने जीवन में एक बार कमर दर्द जरूर महसूस करते हैं। वहीं, 10 में से 8 व्यक्ति कमर दर्द से परेशान हैं। खासकर 30 से 40 वर्ष के लोग कमर दर्द से अधिक प्रभावित होते हैं। महिलाओं में कमर दर्द मासिक धर्म में गड़बड़ी और गर्भ में सूजन से होती है। अगर आप भी कमर दर्द से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो भुजंगासन का सहारा ले सकते हैं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
क्या है भुजंगासन
भुजंगासन दो शब्दों भुजंग और आसन से मिलकर बना है। वहीं, अंग्रेजी में इस आसन को कोबरा पोज़ कहते हैं। इस योग में सांप की तरह अपने धड़ को आगे की दिशा में उठाकर रखना होता है। खासकर सूर्योदय के समय भुजंगासन करने से अधिक फायदा होता है। इस योग को करने से पेट पर बल पड़ता है। साथ ही कमर में खिंचाव पैदा होता है। इससे कमर दर्द में आराम मिलता है और पाचन तंत्र मज़बूत होता है।
कैसे करें भुजंगासन
इसके लिए समतल और स्वच्छ जमीन पर दरी अथवा मैट बिछा लें। इसके बाद पेट के बल लेट जाएं और थोड़ी देर आराम करें। इसके बाद पुश अप मुद्रा में आकर शरीर के अगले हिस्से को उठाएं। इस आसान को अपने धड़ को आगे की दिशा में उठाकर रखना होता है। इस मुद्रा में अपनी शारीरिक क्षमता अनुसार रहें। फिर पहली अवस्था में आ जाएं। इसे रोजाना दस बार जरूर करें।

भुजंगासन के फायदे
रिसर्च गेट पर छपी एक शोध में भुजंगासन के फायदे को बताया गया है। इस शोध की मानें तो भुजंगासन और शलभासन कमर दर्द में दवा समान है। इससे कमर दर्द में बहुत जल्द आराम मिल सकता है। खासकर ट्रेवल करने लोगों को रोजाना भुजंगासन जरूर करना चाहिए।
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डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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