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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केला साल भर आने वाला और सबसे पॉपुलर फलों में से एक है। यह सभी की सेहत के लिए बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, मैंगनीज, फाइबर, प्रोटीन और विटामिन बी6 और सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। खासतौर पर केला पोटेशियम से भरा होता है। हमारे दिल की हर धड़कन पोटेशियम पर निर्भर करती है। केला खाने से ब्लड प्रेशर कम होता है, कैंसर का जोखिम कम होता है और यहां तक कि हार्ट अटैक का जोखिम भी कम होता है।
हार्ट अटैक के जोखिम को कम करता है केला
एक नई रिसर्च से पता चलता है कि रोज़ केले खाने से दिल के दौरे और स्ट्रोक के ख़तरे को कम किया जा सकता है। केले और पोटेशियम में उच्च अन्य खाद्य पदार्थ घातक रुकावटों को रोक सकते हैं, जो धमनियों को सख्त और सिकुड़ने से रोक सकते हैं।
स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों को डाइट के ज़रिए पोटेशियम की कम मात्रा मिलती है, उनमें स्ट्रोक का ख़तरा 50 फीसदी बढ़ जाता है। यह सभी जानते हैं कि ज़रूरत से ज़्यादा नमक का सेवन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता हैह और दिल के दौरे व स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ाता है।
केला व्यक्ति के शरीर में नमक से होने वाले नुकसान को भी कम करता है। रिसर्च में पता चलता है कि खनिज हृदय क्रिया को बनाए रखने में मदद करता है, लेकिन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इससे अधिक लाभ होता है।
केले खाने के दूसरे फायदे
दिल से जुड़े ख़तरों को कम करने के साथ केले के और भी कई फायदे हैं। तो आइए जानें कि केला और किस तरह से सेहत को फायदा पहुंचाने का काम करता है।
याददाश्त को मज़बूत रखता है और मूड को बेहतर बनाता है
केले में ट्रिपटोफन नाम का अमीनो एसिड पाया जाता है, जो याददाश्त को मज़बूत बनाए रखने के साथ किसी की सीखने और याद रखने की क्षमता में सुधार करने के साथ मूड को भी अच्छा बनाए रखता है।
पाचन को बेहतर बनाता है
केले में फाइबर और पानी की मात्रा काफी होती है, ये दोनों पोषक तत्व पाचन को हेल्दी बनाए रखते हैं। एक केला खाने से व्यक्ति को 10 फीसदी फाइबर मिलता है। एक स्टडी के मुताबिक, फाइबर से भरपूर मील लेने से इंफ्लामेटरी बाउल बीमारी से जूझ रहा व्यक्ति गैस, पेट में ऐंठन और पेट के फूलने का अनुऊव कर सकता है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि केला खाने से इन दिक्कतों से आराम भी मिल सकता है।
डायबिटीज़ से बचाता है
केला और दूसरे फल जिनमें फाइबर होता है उन्हें खाने से ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। रिसर्च में पाया गया कि हाई फाइबर डाइट टाइप-2 डायबिटीज़ के जोखिम को कम करती है। हालांकि, डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को केला कम खाना चाहिए।
ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में
एक्सपर्ट्स लोगों को पोटेशियम से भरपूर फूड्स खाने की और नमक के सेवन को कम करने की सलाह देते हैं। पोटेशियम हृदय संबंधी तनाव को कम कर सकता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता कर सकता है।
कैंसर के जोखिम को कम करता है
अध्ययनों से पता चलता है कि लेक्टिन नामक प्रोटीन की उपस्थिति के कारण केले ल्यूकेमिया कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं। यह एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इस तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स रैडिकल्स से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। बहुत अधिक मुक्त कणों के निर्माण से कोशिका क्षति हो सकती है, जिससे कैंसर का ख़तरा बढ़ता है।
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