लाइफ स्टाइल

जानिए अगर बच्चा हकला रहा है, तो अपनाएं ये ट्रीटमेंट्स

Tara Tandi
3 July 2022 6:29 AM GMT
जानिए अगर बच्चा हकला रहा है, तो अपनाएं ये ट्रीटमेंट्स
x
अक्सर छोटी उम्र में बच्चे शब्दों को ठीक तरह से नहीं बोल पाते हैं. कई बार तुतलाना या हकलाना छोटे बच्चों में देखा जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। . उम्र बढ़ने पर भी अगर बच्चा रुक-रुक कर बोल रहा है या किसी एक शब्द को लंबा खींच रहा है, तो ये चिंता की बात है. ये स्टैमरिंग या हकलाने की शुरुआत हो सकती है.

ऐसे में माता-पिता को बच्चे पर विशेष ध्यान देना चाहिए और इसके कारणों का पता लगाना चाहिए. एनएचएस हकलाने की समस्या 2 प्रकार की होती हैं डेवलपमेंट स्टैमेरिंग और लेट ऑनसेट स्टैमेरिंग. डेवलपमेंट स्टैमेरिंग सबसे आम प्रकार का हकलाना है, जो बचपन से ही देखने को मिलती है. वहीं लेट ऑनसेट स्टैमेरिंग बहुत ही कम लोगों में पाई जाती है. यह अक्सर बड़ी उम्र के लोगों में किसी सदमे, सिर पर चोट और न्यूरोलॉजिकल समस्या के कारण होता है.
बच्चे क्यों हकलाते हैं
– बच्चे में हकलाने की समस्या अनुवांशिक हो सकती है.
– कई बार बच्चे डर के कारण भी हकलाने लगते हैं.
– माता पिता की डांट से सहम जाने पर भी बच्चे अपनी बात एक बार में नहीं बोल पाते.
– कई बार सोशल प्रेशर के कारण भी बच्चा आत्मविश्वास से बात नहीं कर पाता और हकलाने लगता है.
– स्ट्रोक या दिमाग पर लगी चोट के कारण भी ये परेशानी देखने को मिलती है.
– स्पीच प्रोडक्शन केंद्र में खून के कम प्रवाह के कारण लोगों में हकलाने की परेशानी होती है
हकलाने का इलाज
स्पीच थेरेपी – स्पीच थेरेपिस्ट की सहायता से बच्चों में हकलाहट कम करने की कोशिश की जा सकती है.
मनोचिकित्सक के जरिए – मनोचिकित्सक बच्चों से बात कर हकलाने के कारणों का पता लगाते हैं और इससे जुड़े तनाव को दूर करने की कोशिश करती है.
योग के ज़रिए – कपालभाति, उज्जायी और अनुलोम- विलोम जैसे योग और प्राणायाम के ज़रिए भी बच्चों में हकलाना कम या दूर किया जा सकता है.
घर में अभ्यास – माता-पिता अगर बच्चों को घर पर ही एक्सपर्ट की सलाह पर सही तरीके से बोलने की प्रैक्टिस करवाएं, तो भी हकलाहट को कम किया जा सकता है.
हकलाना कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. बचपन में बेशक यह बच्चे को परेशान न करे, लेकिन बड़े होते-होते यह उनके आत्मविश्वास में कमी ला सकती है. बच्चों में हकलाना खत्म किया जा सकता है. इसके लिए ज़रूरी है कि माता-पिता एक्सपर्ट से सलाह लें, धैर्य बनाए रखें और बच्चे को प्रोत्साहित करते रहें.
Next Story