लाइफ स्टाइल

एक्सपर्ट से जानिए प्रेगनेंसी में कितना खाना सही हैं जामुन

Tara Tandi
20 May 2022 11:13 AM GMT
Know from expert how much berries are right to eat during pregnancy
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गर्भवती महिला के खानपान का सीधा असर उसके होने वाले बच्चे की सेहत और विकास से जुड़ा हुआ होता है। गर्भवती महिला को ऐसा आहार करना चाहिए जो उसके गर्भस्थ शिशु के पोषण कि आवश्यकताओं को पूरा कर सके।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गर्भवती महिला के खानपान का सीधा असर उसके होने वाले बच्चे की सेहत और विकास से जुड़ा हुआ होता है। गर्भवती महिला को ऐसा आहार करना चाहिए जो उसके गर्भस्थ शिशु के पोषण कि आवश्यकताओं को पूरा कर सके। इस दौरान प्रेग्‍नेंट महिला को कई चीजें डाइट में शामिल करने तो कई चीजें खाने की मनाही होती है। ऐसे में कई बार प्रेग्‍नेंट महिलाएं जामुन के सेवन को लेकर काफी कंफ्यूजन में रहती हैं कि उसका सेवन करें या न करें। दरअसल, जामुन को लेकर एक बात काफी प्रचलित है कि उसे खाने से होने वाले बच्चे का रंग भी जामुन की तरह काला हो जाता है। इस बात में कितनी सच्चाई है आइए जानते हैं न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल से।

न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल कहते हैं कि जामुन में प्रचूर मात्रा में एंटीऑक्‍सीडेंट मौजूद होने के साथ कई तरह के पोषक तत्‍व भी मौजूद होते हैं, जो भ्रूण को सुर‍क्षा प्रदान करने और उसके विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। प्रेग्‍नेंसी में जामुन खाने से भ्रूण का रंग काला होता है इस तथ्‍य का कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इसके विपरीत जामुन में कई ऐसे एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं जो भ्रूण के विकास के लिए फायदेमंद होते हैं। जामुन में कैल्शियम, विटामिन सी, लोहा, पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट की अच्छी मात्रा मौजूद होती है। ये विटामिन और खनिज हड्डियों को मजबूत बनाकर आपकी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करने का काम करते हैं। चूंकि जामुन प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है, इसलिए आपका शरीर संक्रमण और बीमारियों से सुरक्षित रहता है। इसके सेवन से आरबीसी (लाल रक्त कोशिका) की संख्या भी बढ़ जाती है, जिससे एनीमिया जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
​प्रेग्‍नेंसी में जामुन खाने के फायदे-
-जामुन में उच्‍च मात्रा में मैग्‍नीशियम होता है जो कि प्रीमैच्‍योर डिलीवरी के खतरे को कम करके भ्रूण के विकास में मदद करता है।
-जामुन में उच्‍च मात्रा में विट‍ामिन ए होता है जो कि भ्रूण की आंखों के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्‍व होता है।
-प्रेग्‍नेंसी के दौरान महिलाओं में एनीमिया का खतरा काफी बढ़ जाता है। चूंकि, जामुन में एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं इ‍सलिए ये इम्‍यूनिटी को बूस्ट करके लाल रक्‍त कोशिकाओं का निर्माण करता है जिससे एनीमिया जैसी बीमारियां दूर होती हैं।
-गर्भावस्‍था में हाई ब्‍लड प्रेशर का जोखिम बना रहता है जो कि मां और बच्‍चे दोनों के लिए खतरनाक होता है। जामुन में मौजूद पोटैशियम और एंटीऑक्‍सीडेंट प्रेग्‍नेंसी के नौ महीनों में हाई ब्‍लड प्रेशर के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
​प्रेग्‍नेंसी में कितनी मात्रा में खाएं जामुन-
प्रेग्‍नेंसी के दौरान प्रेग्‍नेंट महिला को 8 से 10 जामुन खाने चाहिए। रोज इतनी मात्रा में जामुन खाने से आपको और आपके शिशु को लाभ मिलेगा।
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