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जानिए उन लक्षणों के बारे में जिनके आधार पर आप जान सकते हैं कि आप गर्भवती हैं या नहीं?

Tara Tandi
15 July 2022 11:13 AM GMT
जानिए उन लक्षणों के बारे में जिनके आधार पर आप जान सकते हैं कि आप गर्भवती हैं या नहीं?
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गर्भावस्था हर महिला के लिए एक अलग अनुभव होता है। कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिन्हें गर्भधारण के महीनों बाद तक पता ही नहीं चलता कि वे गर्भवती हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गर्भावस्था हर महिला के लिए एक अलग अनुभव होता है। कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिन्हें गर्भधारण के महीनों बाद तक पता ही नहीं चलता कि वे गर्भवती हैं। यह जानने का सबसे स्पष्ट तरीका है इसकी जांच करना। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ सामान्य गर्भावस्था के लक्षणों के आधार पर बिना जांच के भी इस बात का पता लगाया जा सकता है कि आप गर्भवती हैं या नहीं?

जब आप गर्भावस्था परीक्षण करते हैं, तो इस जांच में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रॉफ़िन (एचसीजी) नामक एक हार्मोन को मापता है। यह हार्मोन आपके शरीर में गर्भाधान के क्षण से ही बनना शुरू हो जाता है। परीक्षण के अलावा गर्भावस्था के शुरुआती क्षणों से ही शरीर में कई प्रकार के परिवर्तन आने शुरू हो जाते हैं, जिनके आधार पर भी स्थिति का पता लगाया जा सकता है। आइए उन लक्षणों के बारे में जानते हैं जिनके आधार पर जाना जा सकता है कि आप गर्भवती हैं या नहीं?
सभी महिलाओं को इन लक्षणों पर विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है।
मासिक चक्र
प्रेगनेंसी के शुरुआती आठ हफ्तों के भीतर सिर्फ एक बार हल्की ब्लीडिंग प्रेगनेंसी का लक्षण हो सकती है। आमतौर पर प्रगेनेंसी के शुरुआती दिनों में पीरियड्स भी रुक जाते हैं। हालांकि सिर्फ इस आधार पर किसी महिला का गर्भावती होना नहीं माना जा सकता है क्योंकि पीरियड्स रुकने के पीछे कई कारण हो सकते हैं।
बहुत अधिक थकान
गर्भ धारण करने के पहले हफ्ते से ही बहुत अधिक थकान होना, खासतौर पर सुबह के समय थकान, एक प्रमुख लक्षण है। इस अवस्था में शरीर में प्रोजेस्टोरोन हार्मोन बनता है जिससे शरीर बहुत जल्दी थक जाता है।
ब्रेस्ट में बदलाव
प्रेगनेंसी के शुरुआती दौर में ब्रेस्ट में भी परिवर्तन होता है। दूसरे या तीसरे सप्ताह तक ब्रेस्ट में सूजन या कड़ापन महसूस होता है। शरीर में हार्मोनल बदलाव की वजह से यहां कि त्वचा का रंग भी बदलता है।
जी मचलना और उल्टियां
99 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को पीरयड्स रुकने के आठ सप्ताह के भीतर उल्टियां या जी मचलने जैसी समस्या जरूर होती हैं। इसके आधार पर गर्भ के भीतर बच्चे या जुड़वा बच्चे का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
पाचन से संबंधी समस्याएं
प्रगेनेंसी के छठें हफ्ते में कई बार पाचन से संबंधी समस्याएं होती हैं जिसमें सीने में दर्द, गैस्ट्रिक, एसिडिटी आदि प्रमुख हैं। इसका कारण भी शरीर में होने वाला हार्मोनल बदलाव हो सकता है।
पसंद बदलना
प्रेगनेंसी के दौरान मूड, खाने की पसंद-नापसंद, महक आदि में बदलाव होते हैं। कई बार सिर्फ पसंद ही नहीं बदलती बल्कि पसंदीदा भोजन या महक से शरीर को भी एलर्जी हो सकती है।
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