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जलकुंभी (Jalkumbhi) एक जंगली पौधा है, जो नदी-तालाबों के रुके हुए पानी में आसानी से उग आता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जलकुंभी (Jalkumbhi) एक जंगली पौधा है, जो नदी-तालाबों के रुके हुए पानी में आसानी से उग आता है. इसे घास-फूस की श्रेणी में रखा जाता है. पानी को साफ करने के लिए लोग अक्सर इस पौधे को यूं ही उखाड़कर फेंक देते हैं. लेकिन वास्तव में जलकुंभी औषधीय गुणों से भरपूर होती है. आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो जलकुंभी में ऐसे तमाम गुण होते हैं जो आजकल की लाइफस्टाइल डिजीज जैसे थायरॉयड, हाई बीपी, अस्थमा जैसी तमाम समस्याओं में रामबाण औषधि का काम कर सकते हैं. लेकिन लोगों इसकी जानकारी नहीं है. आइए जानते हैं जलकुंभी के फायदों के बारे में.
हाई बीपी
अगर आप हाई बीपी की समस्या को दूर करना चाहते हैं तो जलकुंभी का इस्तेमाल कर सकते हैं. जलकुंभी कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर होती है. ऐसे में ये हाई बीपी के मरीजों के लिए काफी लाभकारी मानी जाती है. इसके अलावा जलकुंभी को बच्चों की सेहत के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है. जिन बच्चों के पेट में कीड़े हैं, उनके लिए भी इसका सेवन लाभकारी है.
थायरॉयड
थायरॉयड आजकल की कॉमन समस्या है. हार्मोन से जुड़ी इस समस्या के कारण कई अन्य तरीके की परेशानियां पैदा होती हैं. इसलिए इसे नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है. थायरॉयड के इलाज के लिए आप जलकुंभी का इस्तेमाल कर सकते हैं. आमतौर पर जलकुंभी को उबालकर इसका सेवन किया जाता है.
खांसी, जुकाम और बुखार
जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है, वे जल्दी जल्दी खांसी, जुकाम और बुखार के शिकार हो जाते हैं. लेकिन जलकुंभी के इस्तेमाल से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. इम्युनिटी मजबूत होने से खांसी, जुकाम और बुखार ही नहीं, बल्कि कई अन्य तरह की परेशानियां भी दूर होती हैं.
अस्थमा
जलकुंभी को अस्थमा के मरीजों के लिए भी लाभकारी माना जाता है. दरअसल अस्थमा के मरीजों को विटामिन सी लेने की सलाह दी जाती है. जलकुंभी में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है. जलकुंभी में कैंसर रोधी गुण भी पाए जाते हैं. कैंसर के मरीज अगर इसका सेवन करें तो ये कैंसर सेल्स को शरीर में बढ़ने से रोकती है.
अल्जाइमर
जिन लोगों की याद्दाश्त कमजोर है, अल्जाइमर का रोग है, उनके लिए भी जलकुंभी काफी लाभकारी है. इसके अलावा माना जाता है कि इसका सेवन मोतियाबिंद के खतरे से बचाता है. स्ट्रोक आने पर ये ब्लीडिंग को कम करने में मददगार है. लेकिन जो लोग ब्लड थिनर ले रहे हैं, उन्हें इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
कैसे करें इस्तेमाल
आप जलकुंभी का सूप बनाकर पी सकते हैं, इसके पत्तों की सब्जी बनाकर खा सकते हैं. जलकुंभी के पत्तों को उबालकर उसका पानी भी पीया जा सकता है. इसके अलावा जलकुंभी को स्प्राउट्स में डालकर खाया जा सकता है. लेकिन किसी बीमारी की दवा के तौर पर अगर आप इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, तो एक बार विशेषज्ञ से सलाह जरूर कर लें. उनके द्वारा बताए गए तरीके और अनुपात में ही इसका सेवन करें, ताकि किसी तरह की समस्या न हो.
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