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जानिए पेट की चर्बी के 7 संभावित वजहें और इसे कम करने के तरीके

Renuka Sahu
10 Nov 2021 5:35 AM GMT
जानिए पेट की चर्बी के 7 संभावित वजहें और इसे कम करने के तरीके
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फाइल फोटो 

मोटापे की समस्या से परेशान ज्यादातर लोग सबसे ज्यादा पेट की चर्बी को कम करने के बारे में सोचते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मोटापे (Obesity) की समस्या से परेशान ज्यादातर लोग सबसे ज्यादा पेट की चर्बी (Belly Fat) को कम करने के बारे में सोचते हैं. बेली फैट यानी पेट की चर्बी को कम करने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं, लेकिन कई बार आपकी कुछ आदतों की वजह से पेट की चर्बी कम नहीं होती. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वजन करने पर बेली फैट (Belly Fat) भी अपने आप कम होता है, लेकिन हो सकता है कि आप ऐसी कोई बात मिस कर रहे हों या कोई ऐसी गलती कर रहे हों, जिससे फैट कम नहीं हो रहा.

तनाव को कम करें
एक स्टडी के मुताबिक, वजन कम करने के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट बेहद जरूरी है. कॉर्टिसोल और इंसुलिन का मोटापे के बढ़ने में बड़ा रोल होता है. कॉर्टिसोल एक स्ट्रेस हार्मोन है. हालांकि ये शरीर में कई दूसरे महत्वपूर्ण काम भी करता है, लेकिन जब आप तनाव में होते हैं, तब कॉर्टिसोल रिलीज होता है. कम मात्रा में इसका बढ़ना नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन ज्यादा मात्रा में रिलीज होने से ये आपके लिए समस्याएं पैदा कर सकता है. इससे ओवर ईटिंग और ज्यादा भूख लगने की समस्या हो सकती है. खास करके शुगर और हाई कैलोरी वाले कम्फर्ट फूड खाने का आपका मन करता है. इससे वजन बढ़ने, एंजायटी और नींद न आने की दिक्कत होगी.
कॉर्टिसोल का बढ़ा हुआ स्तर इंसुलिन रेजिस्टेंस भी जुड़ा है. इंसलिन भी एक जरूरी हार्मोन है. स्ट्रेस और जब आप खाते हैं, तब ये बढ़ जाता है. ये सेल्स को शुगर एब्जॉर्व करने और एनर्जी के रूप में इसका इस्तेमाल करने के लिए कहता है, लेकिन Insulin resistance की स्थिति में सेल्स इंसुलिन को लेकर रेस्पॉन्ड नहीं करते और शुगर फैट के रूप में स्टोर होने लगता है, खास करके पेट की चर्बी के रूप में.
High GI foods से परहेज
इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से भूख बढ़ने और कार्बोहाइड्रेट्स को लेकर क्रेविंग भी बढ़ जाती है. बेली फैट को कम करने के लिए सबसे जरूरी है कि स्ट्रेस को मैनेज करें और खाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करें. ऐसी चीजें भी न खाएं, जिनका ग्लाइकेमिक इंडेक्स ज्यादा हो. इससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है. High GI foods जैसे व्हाइट ब्रेड, व्हाइट राइस , केक, कुकीज और चिप्स जैसी चीजें न खाएं.
भरपूर नींद लें
भरपूर नींद लेने से स्ट्रेस मैनेजमेंट में मदद मिलती है और इससे कॉर्टिसोल का लेवल भी मैनेज होता है. एक स्टडी के मुताबिक, अगर आपकी नींद पूरी नहीं होती, तो आपका कैलोरी इनटेक बढ़ जाता है और आप ज्यादा खाते हैं. इससे भूख लगने वाले हार्मोन ghrelin का प्रोडक्शन बढ़ जाता है और पेट भरा हुआ महसूस कराने वाले हार्मोन लेप्टिन का प्रोडक्शन घट जाता है.
शुगर कम खाएं
मीठी चीजें कम खाएं. बहुत अधिक मात्रा में बिस्किट और चॉकलेट जैसी चीजें भी आपको नुकसान पहुंचाएंगी. इससे बेली फैट की समस्या सबसे ज्यादा बढ़ती है.
एक्सरसाइज
बैलेंस्ड डाइट और सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेने के अलावा फैट को कम करने के लिए एक्सरसाइज भी बेहत जरूरी है. Aerobic और strengthening exercises करें. रनिंग, साइकलिंग और एरोबिक क्लासेज से कैलोरी को बर्न करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी बेली फैट को कम करने में कारगर है. इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और वजन को घटाने में मदद मिलती है.
फाइबर से भरपूर चीजों से होगा फायदा
बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड और रिफाइंड चीजें खाने से बचें. फाइबर से भरपूर चीजें खाएं. इससे वजन को कम करने में मदद मिलेगी. इससे डाइजेशन अच्छा होता है और कब्ज की समस्या नहीं होती. पेट फूलने की समस्या को दूर करने में भी फाइबर से भरपूर चीजें खाना फायदेमंद है. फाइबर से भरपूर चीजें खाने से आपको बहुत देर तक भूख नहीं लगती और आप बार-बार खाने से बचते हैं. फल और सब्जियों में फाइबर की उच्च मात्रा होती है. इसके अलावा दालें और फलियां भी खा सकते हैं.
अल्कोहल के सेवन से बचें
अल्कोहल में कैलोरी ज्यादा होती है और अगर आप इसे लेमोनेड, कोला और फ्रूट जूस जैसी चीजों में मिलाकर पीते हैं तो इससे और ज्यादा नुकसान होता है. मीठे पेय पदार्थों और अल्कोहल से बेली फैट बढ़ता है. इससे लिवर को भी नुकसान होता है. लिवर के ठीक तरह से काम न करने से शरीर से टॉक्सिन बाहर नहीं निकलते और लिवर पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ने से मांसपेशियां भी नहीं बनतीं. ये बेली फैट को कम करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है.अल्कोहल के सेवन से आप ज्यादा फैटी चीजें खाते हैं और ये एक्सरसाइज के लिए आपकी एनर्जी को भी कम करता है.


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