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प्रैग्नेंसी में डायबिटीज की समस्या के वक्त ऐसे रखें खानपान का ध्यान

Gulabi
17 Feb 2021 1:21 PM GMT
प्रैग्नेंसी में डायबिटीज की समस्या के वक्त ऐसे रखें खानपान का ध्यान
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प्रेगनेंसी के समय में हो रहे हार्मोनल बदलावों के बीच कई बार महिलाओं का ब्लड शुगर लेवल भी काफी बढ़ जाता है

प्रेगनेंसी के समय में हो रहे हार्मोनल बदलावों के बीच कई बार महिलाओं का ब्लड शुगर लेवल भी काफी बढ़ जाता है. गर्भावस्था के दौरान ब्लड में शुगर बढ़ने की समस्या को गर्भकालीन डायबिटीज या जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है. ज्यादातर मामलों में जेस्टेशनल डायबिटीज प्रेगनेंसी के बाद ठीक हो जाती है. लेकिन लापरवाही बरतने पर कई बार गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है.


दरअसल जेस्टेशनल डायबिटीज के दौरान कई बार मां के अंदर बढ़ा हुआ ग्लूकोज गर्भनाल से गुजर कर बच्चे के रक्त में पहुंच जाता है, जिससे बच्चे का भी ब्लड शुगर बढ़ जाता है और उसे नर्वस सिस्टम में खराबी, स्पाइना बिफिडिया, वातरोग, मूत्राशय या हृदय संबंधी रोग होने का खतरा रहता है. इसलिए इस समस्या का सही इलाज कराएं और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें. इसके अलावा अपने खानपान में भी विशेष सावधानी बरतें ताकि डिलीवरी के समय महिला को कोई समस्या न हो, साथ ही बच्चे को इसकी वजह से कोई नुकसान न पहुंचे.


ऐसा होना चाहिए खानपान
1. डायबिटीज के दौरान विटामिन सी युक्त फल खाने चाहिए. ऐसे में आंवला, नीबू, संतरा, मौसमी, टमाटर वगैरह खाना काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा जामुन, खरबूजा, तरबूज, नाशपाती, सिंघाड़ा, अमरूद, कीवी और स्ट्रॉबेरी भी फायदेमंद है.

2. अंकुरित मूंग और चने खाएं. इसके अलावा हरी सब्जियां जैसे लौकी, तोरई, शलगम, पालक, बथुआ, गाजर, सोया, मेथी वगैरह का सेवन करें. इससे उनका हीमोग्लोबिन भी बेहतर होगा.

3. भूखी न रहें, थोड़ी थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाती रहें. आप फल और सलाद के अलावा, ओट्रस, दलिया, ब्राउन ब्रेड, उपमा वगैरह भी खा सकती हैं. ये हल्के होने के साथ पौष्टिक भी हैं. घर पर बनें सूप लें.

ये न खाएं
1. आम, केला, चीकू, आलू, जिमिकंद और शकरकंदी जैसी चीजें खाने से परहेज करें. इन्हें डॉक्टरी सलाह के बगैर तो बिल्कुल न खाएं.

2. चटनी, अचार, रेडीमेड फूड और जूस से परहेज करें. इसके अलावा केक, पेस्ट्री, आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक भी लेने से पूरी तरह परहेज करें.

इन बातों का भी रहे ख्याल
1. यूरिन में कीटोन एसिड की समय-समय पर जांच करवाएं.

2. ब्लड में शुगर लेवल की थोड़े-थोड़े अंतराल पर जांच करवाएं.

3. वजन नियंत्रित रखें और संभव हो तो डॉक्टर से डाइट प्लान बनवा लें.

4. विशेषज्ञ द्वारा निर्देशित योग और एक्सरसाइज नियमित रूप से करें. डायबिटीज के दौरान टहलना काफी फायदेमंद माना जाता है. अगर संभव हो तो रोजाना सुबह शाम कुछ देर टहलें.

5. अपने खाने में आर्टिफिशयल स्वीटनर शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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